Vikrant Shekhawat : Aug 26, 2022, 01:41 PM
Ghulam Nabi Azad Resignation: गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कांग्रेस (Congress) से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. सोनिया गांधी को भेजी इस्तीफे की चिट्ठी में गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर पार्टी को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. इस्तीफे वाली चिट्ठी में गुलाम नबी आजाद ने अहम मुद्दे उठाए और लिखा कि 2014 में पार्टी की बेइज्जती वाली हार हुई. लगातार 2 लोकसभा चुनाव कांग्रेस हारी. 49 में से 39 विधानसभा चुनाव में हारे. 2019 के बाद कांग्रेस की हालत और बदतर हुई. वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं की बेइज्जती की गई और UPA का कंट्रोल मॉडल कांग्रेस में लागू हुआ.
गुलाम नबी आजाद ने खत में क्या कहा?Congress leader Ghulam Nabi Azad severs all ties with Congress Party pic.twitter.com/RuVvRqGSj5
— ANI (@ANI) August 26, 2022
- - राहुल गांधी ने पार्टी में सलाहकार तंत्र को नष्ट कर दिया.
- - वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं ने दरकिनार किया. अनुभवहीन चापलूसों की नई मंडली को जिम्मेदारी दे दी गई.
- - अध्यादेश का फाड़ना राहुल गांधी की अपरिपक्वता का उदाहरण था.
- - राहुल गांधी ने पीएम के पद की गरिमा को ठेस पहुंचाई.
- - 2014 में कांग्रेस की हार के लिए यही एक कार्रवाई जिम्मेदार है.
- - 2013 में की गई प्रस्तावित कार्ययोजना को ठीक से लागू नहीं किया गया.
- - 2014 से 22 के बीच हुए 49 विधानसभा चुनावों में से पार्टी को 39 में हार का सामना करना पड़ा.
- - रिमोट कंट्रोल मोड ने यूपीए सरकार और अब पार्टी की संस्थागत अखंडता को ध्वस्त कर दिया.
- - सोनिया गांधी तो नाम मात्र की लीडर हैं.
- - राहुल गांधी के पीएम, सिक्योरिटी गार्ड अहम फैसले ले रहे हैं.
- - अगस्त 2020 में G23 के पत्र के बाद, मंडली ने अपने चाटुकारों को खुली छूट दे दी. सीनियर नेताओं को अपमानित किया.
- - सीडब्ल्यूसी की बैठक में हमें अपमानित किया गया.
- - अगर कोई और पार्टी का नेतृत्व करता है, तो चुनी हुई कठपुतली जैसा होगा.
- - नेतृत्व ने एक गैर-गंभीर व्यक्ति को पार्टी के शीर्ष पर थोपने की कोशिश की है.
- - पूरी संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया एक दिखावा है. चुनाव प्रक्रिया एक बहुत बड़ा धोखा है.
- - भारत जोड़ो की जगह पहले कांग्रेस जोड़ो अभियान करना चाहिए.