Delhi Election 2020 / बाबरपुर के प्राइमरी स्कूल में मचा हड़कंप, ड्यूटी पर तैनात शिक्षक की मौत

दिल्ली के बाबरपुर के प्राइमरी स्कूल में स्थित पोलिंग बूथ में उस वक्त हड़कंप मच गया जब ड्यूटी पर तैनात एक शिक्षक की मौत हो गई। मृतक शिक्षक की पहचान 50 वर्षीय उमेश कुमार के रूप में हुई है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए गुरु तेग बहादुर अस्पताल भेज दिया है।

AMAR UJALA : Feb 08, 2020, 11:17 AM
बाबरपुर | दिल्ली के बाबरपुर के प्राइमरी स्कूल में स्थित पोलिंग बूथ में उस वक्त हड़कंप मच गया जब ड्यूटी पर तैनात एक शिक्षक की मौत हो गई।

मृतक शिक्षक की पहचान 50 वर्षीय उमेश कुमार के रूप में हुई है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए गुरु तेग बहादुर अस्पताल भेज दिया है। 

पुलिस मामले की जांच कर रही है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण पता चल सकेगा। मृतक उमेश बाबरपुर विधानसभा के पोलिंग बूथ पर चुनाव अधिकारी के तौर पर तैनात थे।

2688 जगहों पर मतदान केंद्र स्थापित

दिल्ली मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने 2688 जगहों पर मतदान केंद्र स्थापित किए हैं। हर विधानसभा में एक आदर्श केंद्र भी बनाया गया है। जबकि हर जिले में दिव्यांगों के लिए खास मतदान केंद्र बना है। 20385 वीवीपैट का भी इस्तेमाल किया जाएगा। 11 फरवरी को चुनाव परिणाम सामने आएगा। दिल्ली की सबसे बुजुर्ग ग्रेटर कैलाश निवासी कलितारा मंडल भी वोट करेंगी। इनकी आयु 110 वर्ष है। 

दिल्ली के चुनावों पर नजर डालें तो 1952 में पहला विधानसभा चुनाव हुआ था। इसके बाद 1992 तक विधानसभा भंग रही। 1993 में दूसरा विधानसभा चुनाव हुआ। इसके बाद से हर पांच वर्ष में नई सरकार चुनने का अवसर मिल रहा है। 1993 से 2015 के बीच छह बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। इसमें सबसे कम 48.99 फीसदी मतदान वर्ष 1998 के चुनाव में हुआ था।

उस वक्त कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी टक्कर थी और शीला दीक्षित पहली बार मुख्यमंत्री बनी थीं। जबकि इससे पहले 1993 के विधानसभा चुनाव में 61 फीसदी मतदान हुआ था। 2003 और 2008 के चुनाव में करीब चार-चार फीसदी की बढ़ोतरी हुई। लेकिन सबसे ज्यादा बढ़ोतरी 8.42 फीसदी वर्ष 2013 के चुनाव में हुई। उस दौरान 66.02 फीसदी मतदान हुआ था। जब आम आदमी पार्टी पहली बार मैदान में थी।

इस चुनाव का परिणाम यह रहा कि पहली बार गठबंधन की सरकार बनी जोकि 49 दिन ही चल सकी। इसके बाद 2015 में 1.45 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 67.47 फीसदी मतदान हुआ था और आम आदमी पार्टी रिकॉर्ड 67 सीटों पर जीत हासिल की थी। 

दिल्ली मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए बीते एक माह से लगातार कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। बसों से लेकर टीवी व रेडियो तक पर दिल्ली वालों से ज्यादा मतदान करने की अपील की जा रही है। ऐसे में उम्मीद यही है कि दिल्ली वाले अबकी बार रिकॉर्ड तोड़ मतदान कर पूरे देश को एक मजबूत संदेश देने जा रहे हैं।

वर्ष       मतदान      बढ़ोतरी/कमी

1993    61.75     ---

1998   48.99      -12.76

2003   53.42       4.43

2008   57.60        4.18

2013   66.02       8. 42

2015   67.47      1.45