दिल्ली / भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस्तीफे की पेशकश, भाजपा ने की खारिज

विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त झेलने के बाद बुधवार को भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस्तीफे की पेशकश की है। वहीं, सूत्रों की मानें तो तिवारी की इस पेशकश को भाजपा हाईकमान ने खारिज कर दिया है और उन्हें अध्यक्ष पद पर बने रहने के लिए कहा है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद मंगलवार को तिवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मैं मतदान के लिए मतदाताओं को धन्यवाद देता हूं।

AMAR UJALA : Feb 12, 2020, 06:01 PM
दिल्ली: विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त झेलने के बाद बुधवार को भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस्तीफे की पेशकश की है। वहीं, सूत्रों की मानें तो तिवारी की इस पेशकश को भाजपा हाईकमान ने खारिज कर दिया है और उन्हें अध्यक्ष पद पर बने रहने के लिए कहा है। 

दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद मंगलवार को तिवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मैं मतदान के लिए मतदाताओं को धन्यवाद देता हूं। भाजपा कार्यकर्ताओं ने कठिन परिश्रम किया है,  इसके लिए उन्हें साधुवाद है। कार्यकर्ताओं ने मेहनत की है। उम्मीद है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अच्छा करते हुए दिल्ली की अपेक्षाओं की पूर्ति करेंगे। भाजपा ने काफी अपेक्षाएं की थी, जिस पर खरी नहीं उतरीं। भाजपा हार की समीक्षा करेगी। 

उन्होंने कहा कि कभी-कभी ऐसा होता है कि पक्ष में निर्णय नहीं हो तो ऐसे में निराशा भी होती है, लेकिन यही धैर्य का समय भी होता है। कार्यकर्ताओं को निराश नहीं होना है। दिल्ली की जनता ने जो जनादेश दिया है वह सोच-समझकर दिया होगा। अच्छी बात यह है कि इस निराशा में भी भाजपा का 2015 की अपेक्षा मत प्रतिशत काफी बढ़ा है। 2015 में 32 प्रतिशत कुल वोट मिले थे, जो अब बढ़कर 37.08 प्रतिशत तक पहुंच गया है। सहयोगी दलों को मिलाकर करीब 40 प्रतिशत के आसपास है।  उन्होंने भाजपा की जीत वाले ट्वीट को संभालकर रखने वाले बयान पर कहा कि अगर आपने मेरा ट्वीट संभालकर रखा हुआ है तो रखे रहिए। 

मनोज तिवारी से मिलें भाजपा के आठों विधायक

दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाले भाजपा के आठों विधायकों ने आज(बुधवार)  दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी से मुलाकात की।

 गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप ने 62 सीटें हासिल करके शानदार जीत दर्ज की है। भाजपा को महज आठ सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला।