- भारत,
- 23-Jan-2025 10:20 PM IST
India-Bangladesh News: बांग्लादेश अपनी कार्रवाइयों से बाज नहीं आ रहा है। पहले तो उसने भारत की ओर से किए जा रहे सीमा बाड़ लगाने के काम को कई जगहों पर रोक दिया और अब तो वह सीमा पर बंकर तक बना रहा है। पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के सुखदेवपुर गांव के पास, बांग्लादेश ने सीमा के 0 प्वाइंट पर एक बंकर बनाया है।बंकर में हथियारों से लैस जवानभारतीय किसानों ने शिकायत की है कि बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) ने इस बंकर का निर्माण किया है, जिसमें हथियारों से लैस जवान तैनात हैं। जब भारतीय किसान बीएसएफ के साथ फेंसिंग का काम करने जाते हैं, तो बांग्लादेशी पक्ष से विरोध किया जाता है। किसानों का कहना है कि बीजीबी के जवानों ने गोली मारने की धमकी भी दी है। इससे किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि बांग्लादेशी सीमा रक्षक उन्हें उकसाना जारी रखते हैं और भारतीय जमीन पर लगी फसल को काटने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ रहा है।फेंसिंग का काम रोकने की कोशिशअगस्त में शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद से देश में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कई बार भारत विरोधी बयान दिए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव की स्थिति बनी रहती है। बांग्लादेश ने खासकर पश्चिम बंगाल से लगती 2217 किलोमीटर लंबी सीमा पर फेंसिंग या कंटीले तार लगाने के काम को बार-बार रोका है। उनका मानना है कि इससे उनके तस्करों को परेशानी होगी, जिसकी वजह से वे फेंसिंग का काम पूरा नहीं होने दे रहे हैं।हालिया झड़पइससे पहले, पिछले शनिवार को भारत-बांग्लादेश सीमा पर, बीएसएफ की सीमा चौकी के पास एक छोटी झड़प हुई थी, जब दोनों देशों के किसानों के बीच फसल चोरी को लेकर विवाद हुआ। सुबह करीब 11:45 बजे, जब भारतीय किसानों ने बांग्लादेशी किसानों पर फसल चोरी का आरोप लगाया, तो बात कहासुनी से आगे बढ़कर हिंसा में बदल गई। दोनों पक्षों के किसान एकत्र होकर एक-दूसरे को गालियां देने लगे और पत्थरबाजी शुरू कर दी। हालांकि, बीएसएफ और बीजीबी ने तत्काल हस्तक्षेप किया और स्थिति को नियंत्रण में लाया।इस पूरे प्रकरण से साफ है कि बांग्लादेशी प्रशासन की कार्रवाइयां न केवल सीमा की सुरक्षा को खतरे में डाल रही हैं बल्कि दोनों देशों के बीच शांति और सद्भाव को भी प्रभावित कर रही हैं। आगे की कार्रवाइयों के लिए कूटनीतिक स्तर पर बातचीत की आवश्यकता है ताकि सीमा पर शांति बनाए रखी जा सके और स्थानीय निवासियों के जीवन पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों को कम किया जा सके।