BCCI Family Rule: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को दुनिया का सबसे ताकतवर और समृद्ध क्रिकेट बोर्ड माना जाता है। जब यह कोई निर्णय लेता है, तो पूरी क्रिकेट दुनिया उस पर ध्यान देती है। लेकिन इस बार, बीसीसीआई को अपने ही बनाए नियमों में बदलाव करने की जरूरत महसूस हो रही है।
पुराने नियम और उनका असर
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मिली हार के बाद, बीसीसीआई ने एक सख्त यात्रा नीति लागू की थी। इस नीति के तहत, खिलाड़ियों के परिवारों को विदेशी दौरों के दौरान उनके साथ सीमित समय तक ही रहने की अनुमति थी। बीसीसीआई के अनुसार, यह नियम खिलाड़ियों के प्रदर्शन को प्राथमिकता देने के लिए बनाया गया था।
नियम के तहत, खिलाड़ी केवल दो सप्ताह के लिए अपने परिवार को साथ ले जा सकते थे। इस फैसले से कई वरिष्ठ खिलाड़ियों, विशेष रूप से विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गजों ने असहमति जताई थी। विराट कोहली ने इस नियम के खिलाफ बयान देते हुए कहा था कि कठिन दौर में परिवार के साथ रहने से खिलाड़ियों को मानसिक मजबूती मिलती है और वे बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं। उनके इस बयान का कई क्रिकेट विशेषज्ञों और पूर्व खिलाड़ियों ने समर्थन किया था।
नियम में बदलाव की संभावना
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीसीसीआई अब इस नियम में बदलाव करने की योजना बना रहा है। नए नियम के तहत, खिलाड़ी अगर किसी बड़े विदेशी दौरे पर अपने परिवार को साथ ले जाना चाहते हैं, तो उन्हें बीसीसीआई से अनुमति लेनी होगी। इसका मतलब है कि खिलाड़ियों को अधिक लचीलापन मिलेगा और वे अपने मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए अपने परिवार को साथ रख सकेंगे।
इंग्लैंड दौरे से पहले फैसला अहम
बीसीसीआई के इस फैसले का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि भारतीय टीम को आगामी इंग्लैंड दौरे पर जाना है। यह दौरा 20 जून से शुरू होकर 4 अगस्त तक चलेगा, जिसमें पांच टेस्ट मैच खेले जाएंगे। इतने लंबे दौरे में खिलाड़ियों के लिए अपने परिवार से दूर रहना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। यही कारण है कि बोर्ड इस नियम में ढील देने पर विचार कर रहा है।
खिलाड़ियों की संतुलित जीवनशैली पर जोर
आज के प्रतिस्पर्धी क्रिकेट माहौल में, खिलाड़ियों का मानसिक स्वास्थ्य और व्यक्तिगत जीवन भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि उनका खेल। परिवार के साथ समय बिताने से खिलाड़ी मानसिक रूप से अधिक संतुलित रहते हैं और उनके प्रदर्शन में सुधार होता है।
अगर बीसीसीआई इस नियम में बदलाव करता है, तो यह क्रिकेटरों की भलाई की दिशा में एक सकारात्मक कदम होगा। यह न केवल खिलाड़ियों की संतुष्टि को बढ़ाएगा, बल्कि उनके प्रदर्शन पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा।