Indian Cricket Team / कोहली की ये पुरानी नीति BCCI करेगी लागू, कभी गंभीर ने किया था विरोध

पिछले प्रदर्शन में गिरावट के कारण बीसीसीआई ने मुंबई में एक रिव्यू मीटिंग आयोजित की। टीम इंडिया की फिटनेस सुधारने के लिए विराट कोहली की फिटनेस नीति को फिर लागू करने पर विचार हो रहा है। यो-यो टेस्ट, खिलाड़ियों की फिटनेस का मानक, जल्द वापस आ सकता है।

Vikrant Shekhawat : Jan 16, 2025, 07:40 PM
Indian Cricket Team: भारतीय क्रिकेट टीम पिछले कुछ समय से वनडे और टेस्ट प्रारूप में संघर्ष कर रही है। टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद से टीम इंडिया के प्रदर्शन में गिरावट आई है, जिससे कप्तान रोहित शर्मा, हेड कोच गौतम गंभीर और बीसीसीआई पर दबाव बढ़ा है। इस स्थिति से निपटने के लिए बीसीसीआई ने हाल ही में मुंबई में एक रिव्यू मीटिंग का आयोजन किया, जहां टीम के प्रदर्शन में सुधार लाने के उपायों पर चर्चा की गई।

विराट कोहली की फिटनेस नीति पर फिर से विचार

रिपोर्ट्स के अनुसार, बैठक में विराट कोहली की सख्त फिटनेस नीति को वापस लाने का प्रस्ताव रखा गया है। यह वही नीति है, जिसे गौतम गंभीर ने हेड कोच बनने से पहले विरोध किया था। फिटनेस पर कोहली का विशेष जोर उनके कप्तानी काल में दिखा, जब उन्होंने खिलाड़ियों के लिए यो-यो टेस्ट अनिवार्य कर दिया था। इस टेस्ट को पास करना टीम में जगह पाने के लिए अनिवार्य था।

यो-यो टेस्ट की वापसी की संभावना

यो-यो टेस्ट खिलाड़ियों की शारीरिक क्षमता और रिकवरी को जांचने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है। इस टेस्ट में एक विशेष डिजाइन किए गए ट्रैक पर खिलाड़ी को लगातार दौड़ना होता है, और हर स्तर के साथ इसकी कठिनाई बढ़ती है। कोहली ने इसे लागू कर खिलाड़ियों की फिटनेस में बड़ा बदलाव लाया था। हालांकि, हाल के वर्षों में बीसीसीआई ने इस नीति में ढील दी, जिससे कुछ खिलाड़ियों ने फिटनेस के प्रति लापरवाही बरतनी शुरू कर दी। अब बोर्ड इस नीति को फिर से लागू करने के लिए तैयार है, ताकि फिटनेस के कड़े मानदंड फिर से स्थापित किए जा सकें।

गौतम गंभीर का नजरिया

गंभीर, कोच बनने से पहले यो-यो टेस्ट के विरोधी रहे हैं। उनका मानना था कि खिलाड़ियों का चयन उनके कौशल और प्रदर्शन पर आधारित होना चाहिए, न कि सिर्फ फिटनेस टेस्ट के नतीजों पर। उन्होंने कहा था कि फिटनेस को बनाए रखना ट्रेनर की जिम्मेदारी है। अब सवाल यह है कि कोच बनने के बाद गंभीर इस नीति के प्रति क्या रुख अपनाएंगे।

फिटनेस और प्रदर्शन का सीधा संबंध

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में फिटनेस और प्रदर्शन के बीच गहरा संबंध रहा है। विराट कोहली की फिटनेस पर आधारित संस्कृति ने टीम को बेहतर एथलेटिक और प्रतिस्पर्धी बनाया। हालांकि, हालिया ढिलाई ने टीम की फिटनेस पर असर डाला है। फिटनेस स्टैंडर्ड लागू करना भारतीय टीम के लिए जरूरी कदम हो सकता है, जिससे खिलाड़ियों की चोटों की समस्या भी कम हो सकती है।

निष्कर्ष

भारतीय क्रिकेट टीम के मौजूदा प्रदर्शन को देखते हुए बीसीसीआई का सख्त फिटनेस नीति की ओर लौटना एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। जहां एक ओर यह नीति खिलाड़ियों को बेहतर फिटनेस स्तर बनाए रखने के लिए प्रेरित करेगी, वहीं दूसरी ओर कोच और बोर्ड के बीच सामंजस्य बनाए रखना भी चुनौतीपूर्ण होगा। आने वाले समय में यो-यो टेस्ट जैसे फिटनेस मानकों की वापसी टीम इंडिया के प्रदर्शन को सुधारने में कितना मददगार साबित होगी, यह देखने वाली बात होगी।