Vikrant Shekhawat : Jun 12, 2022, 08:30 PM
Delhi: भारत और चीन में 1962 में हुए युद्ध के दौरान चीफ ऑफ जॉइंट स्टाफ रहे चीनी जनरल की बेटी ने अपने ही देश की सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। कोविड 19 को संभालने को लेकर उन्होंने चीनी सरकार की आलोचना की। लुओ रुइकिंग की छोटी बेटी लुओ दियानदियान का लिखा हुआ पत्र कई यूट्यूब चैनल, वेबसाइट और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें दियानदियान ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भी आलोचना की है।
दियानदियान ने अपने पत्र में लिखा, 'अब तक यह कन्फर्म नहीं हो पाया है कि किस तरह से कोरोना वायरस म्यूटेशन करता है और ऐसा इसलिए है क्योंकि इसपर वैज्ञानिक ढंग से गंभीरता से काम नहीं किया गया। सरकारी सिस्टम में सही समय पर सही आदेश नहीं दिए गए।' उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जिम्मेदारियों के बंटवारे में कमी की वजह से ऐसी स्थिति देखने को मिली। लोग एक दूसरे पर ही ठीकरा फोड़ते रहे। कोई जिम्मेदारी तय करने वाला नहीं था। उन्होंने कहा, मैं इस बात से इनकार नहीं करती कि बहुत सारे लोग देश के लिए बहुत कुछ करना चाहते थे लेकिन उनको ऐसी स्थिति में डाल दिया गया कि वे कुछ कर नहीं पाए। उन्होंने अप्रत्यक्ष तरीके से जिनपिंग पर हमला बोलते हुए कहा कि कोरोना काल में बिना किसी वजह के सारी व्यवस्था केंद्रीकृत कर दी गई। उन्होंने तो आइसोलेट किया ही गया जो कि कोविड प्रभावित थे इसके अलावा उन्हें भी अलग कर दिया गया जिन्हें कोरोना नहीं हुआ था। समस्याओं के चलते बहुत सारे लोगों की जान चली गई। जनरल की बेटी ने चीन में 1966 से 1976 तक चली सांस्कृतिक क्रांति के बारे में कहा कि मुझे शर्म आती है कि सत्ता में बैठे लोगों ने लोगों को एक व्यवस्था मानने पर मजबूर कर दिया। बहुत सारे लोगों के साथ बुरा व्यवहार किया गया। चीन का कोरोना से अब भी बुरा हालचीन के शंघाई में कोरोना लंबे समय से कहर बरपा रहा है। शंघाई में इन दिनों बड़े पैमाने पर चेस्टिंग की जा रही है। वहीं बीजिंग में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी दी है कि अगर सावधानी न बरती गई तो बीजिंग का भी शंघाई जैसा हाल हो सकता है। चीन में सरकारी आँकड़ों के मुताबिक कोरोना से 5226 लोगों की मौत हुई है।
दियानदियान ने अपने पत्र में लिखा, 'अब तक यह कन्फर्म नहीं हो पाया है कि किस तरह से कोरोना वायरस म्यूटेशन करता है और ऐसा इसलिए है क्योंकि इसपर वैज्ञानिक ढंग से गंभीरता से काम नहीं किया गया। सरकारी सिस्टम में सही समय पर सही आदेश नहीं दिए गए।' उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जिम्मेदारियों के बंटवारे में कमी की वजह से ऐसी स्थिति देखने को मिली। लोग एक दूसरे पर ही ठीकरा फोड़ते रहे। कोई जिम्मेदारी तय करने वाला नहीं था। उन्होंने कहा, मैं इस बात से इनकार नहीं करती कि बहुत सारे लोग देश के लिए बहुत कुछ करना चाहते थे लेकिन उनको ऐसी स्थिति में डाल दिया गया कि वे कुछ कर नहीं पाए। उन्होंने अप्रत्यक्ष तरीके से जिनपिंग पर हमला बोलते हुए कहा कि कोरोना काल में बिना किसी वजह के सारी व्यवस्था केंद्रीकृत कर दी गई। उन्होंने तो आइसोलेट किया ही गया जो कि कोविड प्रभावित थे इसके अलावा उन्हें भी अलग कर दिया गया जिन्हें कोरोना नहीं हुआ था। समस्याओं के चलते बहुत सारे लोगों की जान चली गई। जनरल की बेटी ने चीन में 1966 से 1976 तक चली सांस्कृतिक क्रांति के बारे में कहा कि मुझे शर्म आती है कि सत्ता में बैठे लोगों ने लोगों को एक व्यवस्था मानने पर मजबूर कर दिया। बहुत सारे लोगों के साथ बुरा व्यवहार किया गया। चीन का कोरोना से अब भी बुरा हालचीन के शंघाई में कोरोना लंबे समय से कहर बरपा रहा है। शंघाई में इन दिनों बड़े पैमाने पर चेस्टिंग की जा रही है। वहीं बीजिंग में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी दी है कि अगर सावधानी न बरती गई तो बीजिंग का भी शंघाई जैसा हाल हो सकता है। चीन में सरकारी आँकड़ों के मुताबिक कोरोना से 5226 लोगों की मौत हुई है।