दुनिया/वाशिंगटन / राष्ट्रपति बनते ही बाइडेन एक्शन में,लिए ये बड़े फैसले

जो बाइडेन बुधवार को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बन गए। पद संभालने के चंद घंटे बाद ही वे एक्शन में आ गए।उन्होंने ताबड़तोड़ 17एग्जीक्यूटिव ऑर्डर्स पर दस्तखत कर दिए। सबसे पहले उन्होंने मास्क पहनने को जरूरी किए जाने वाले ऑर्डर पर साइन किए।पहली बार राष्ट्रपति कार्यालय पहुंचकर बाइडेन ने मीडिया से कहा, ‘मुझे कई काम करने हैं, इसलिए मैं यहां हूं। मुझे लगता है कि मेरे पास बिल्कुल समय नहीं है। वक्त बर्बाद नहीं किया जा सकता।

Vikrant Shekhawat : Jan 21, 2021, 01:47 PM
जो बाइडेन बुधवार (20 जनवरी) को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बन गए। पद संभालने के चंद घंटे बाद ही वे एक्शन में आ गए। उन्होंने ताबड़तोड़ 17 एग्जीक्यूटिव ऑर्डर्स पर दस्तखत कर दिए। सबसे पहले उन्होंने मास्क पहनने को जरूरी किए जाने वाले ऑर्डर पर साइन किए।


पहली बार राष्ट्रपति कार्यालय (ओवल ऑफिस) पहुंचकर बाइडेन ने मीडिया से कहा, ‘मुझे कई काम करने हैं, इसलिए मैं यहां हूं। मुझे लगता है कि मेरे पास बिल्कुल समय नहीं है। वक्त बर्बाद नहीं किया जा सकता। तुरंत काम शुरू करने जा रहा हूं। मैं पहले ही बता चुका हूं कि अगले 7 दिन में कई एग्जीक्यूटिव ऑर्डर्स पर साइन करूंगा।’

राष्ट्रपति बनते ही बाइडेन के 6 बड़े फैसले:


  • सबसे पहले बाइडेन ने कोरोनावायरस को लेकर ऑर्डर साइन किया। इसके तहत मास्क को फेडरल प्रॉपर्टी घोषित किया गया है, यानी हर व्यक्ति को महामारी के दौरान मास्क लगाना जरूरी होगा। अगर आप सरकारी बिल्डिंग में हैं, या कोरोना हेल्थवर्कर हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग रखना जरूरी होगा। ट्रम्प ने मास्क लेकर कोई सख्ती नहीं की थी।
  • 7 मुस्लिम देशों- इराक, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन पर लगा ट्रैवल बैन हटा दिया। ट्रम्प ने 2017 में यह बैन अपने कार्यकाल के पहले हफ्ते लगाया था। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया था, जिसे 2018 में कोर्ट ने बरकरार रखा था।
  • अब अमेरिका फिर से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का सदस्य होगा। बाइडेन ने पिछले साल जुलाई में कहा था कि अगर अमेरिका ग्लोबल हेल्थ को मजबूत करेगा तो वह खुद भी सुरक्षित रहेगा। राष्ट्रपति बनने के पहले दिन ही अमेरिका की WHO में वापसी कराऊंगा। ट्रम्प ने पिछले साल अमेरिका को WHO से हटाने का फैसला किया था।
  • अमेरिका अब पेरिस समझौते में भी दोबारा शामिल होगा। ट्रम्प ने 2019 में इस समझौते से बाहर जाने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि भारत, चीन और रूस धड़ल्ले से प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं। वहीं, अमेरिका इस मामले में बेहतर काम कर रहा है। उन्होंने कहा था कि इस समझौते से बाहर होने के बाद अमेरिका 70 सालों में पहली बार तेल और प्राकृतिक गैस का नंबर एक उत्पादक बन गया है।
  • बाइडेन ने मैक्सिको बॉर्डर की फंडिंग पर भी रोक लगा दी है। ट्रम्प ने मैक्सिको से आने वाले प्रवासियों को देखते हुए दीवार बनाए जाने को नेशनल इमरजेंसी बताया था।
  • अमेरिका ने कनाडा के साथ विवादित कीस्टोन XL पाइपलाइन समझौते पर फिलहाल रोक लगा दी है। कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बाइडेन के फैसले पर निराशा जताई है। ट्रम्प ने 2019 में कनाडा के साथ 1900 किमी लंबी तेल पाइपलाइन बनाने का करार किया था। बराक ओबामा प्रशासन ने भी पर्यावरण समूहों के विरोध को देखते हुए इस पाइपलाइन के निर्माण पर बैन लगा दिया था। पर्यावरण समूहों का आरोप था कि पाइपलाइन के चलते क्रूड ऑयल निकालने के चलते कारण ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन 17% ज्यादा होगा।
बाइडेन के भाषण में कैपिटल हिल हिंसा का जिक्र:

बाइडेन जूनियर ने कैपिटल हिल में हुई इनॉगरल सेरेमनी में शपथ ली। उन्होंने 128 साल पुरानी बाइबिल पर हाथ रखकर शपथ ली। महज 14 दिन पहले कैपिटल हिल में हुई हिंसा का जिक्र भी बाइडेन के भाषण में होता रहा। उन्होंने 22 मिनट में 2381 शब्दों का भाषण दिया। 12 बार डेमोक्रेसी, 9 बार यूनिटी, 5 बार असहमति और 3 बार डर शब्द का इस्तेमाल किया।


ट्रम्प पर निशाना साधा:

बाइडेन की इनॉगरल स्पीच में निशाने पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी रहे। उन्होंने तंज किया कि जो राष्ट्रपति यहां नहीं आए हैं, उनका भी शुक्रिया। 7 जनवरी को हुई हिंसा पर उन्होंने कहा कि आज हम जहां खड़े हैं, वहां कुछ दिन पहले भीड़ थी। उन लोगों ने सोचा था कि वह हिंसा से जनता की इच्छा को बदल देंगे। लोकतंत्र को रोक देंगे, हमें इस पवित्र जगह से हटा देंगे। ऐसा नहीं हुआ। ऐसा नहीं होगा। न आज, न कल और कभी नहीं।