Vikrant Shekhawat : Jan 19, 2024, 08:28 AM
World News: ईरान के पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर हमले के बाद पाकिस्तान की उसी तरह की प्रतिक्रिया से दोनों देशों के बीच तनाव ज्यादा बढ़ गया है. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान और ईरान के एक-दूसरे के क्षेत्र में किए गए हवाई हमलों से पता चलता है कि तेहरान को पसंद नहीं किया गया, क्योंकि व्हाइट हाउस ने किसी भी तनाव के खिलाफ चेतावनी दी थी. दरअसल एक दूसरे पर हमले के बाद अमेरिका के प्रमुख सहयोगी परमाणु-सशस्त्र इस्लामाबाद और वाशिंगटन के दुश्मन तेहरान के बीच तनाव बढ़ गया है.मिडिल ईस्ट में बढ़ा तनावइस स्थिति ने मध्य पूर्व (मिडिल ईस्ट) और उसके आसपास व्यापक तनाव को भी बढ़ा दिया है, जहां 7 अक्टूबर को इज़राइल पर हमास के हमलों के बाद ईरान के प्रतिनिधि इज़राइल और अमेरिका के साथ टकराव में हैं. झड़पों के बारे में पूछे जाने पर बाइडेन ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि जैसा कि आप देख सकते हैं, ईरान को क्षेत्र में विशेष रूप से पसंद नहीं किया जाता है.ईरान-पाकिस्तान के हालातबाइडेन ने कहा कि अमेरिका अब यह समझने की कोशिश कर रहा है कि ईरान-पाकिस्तान की स्थिति कैसे ठीक होगी, उन्होंने कहा कि वह कहां जाता है, हम अभी इस पर काम कर रहे हैं. मुझे नहीं पता कि वह कहां जाता है. व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिका स्थिति पर बहुत बारीकी से नजर रख रहा है और पाकिस्तानी अधिकारियों के संपर्क में है.इस्लामाबाद को आत्मरक्षा का अधिकारकिर्बी ने एयर फ़ोर्स वन में पत्रकारों से कहा कि ये दो अच्छी तरह से सशस्त्र राष्ट्र हैं और हम फिर से इस क्षेत्र में किसी भी सशस्त्र संघर्ष को बढ़ते हुए नहीं देखना चाहते हैं, निश्चित रूप से उन दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ाता है. ईरान के शुरुआती हमलों के बाद इस्लामाबाद को अपनी रक्षा करने का अधिकार था, जिसके बारे में तेहरान ने कहा था कि उसने ईरानी क्षेत्र में हमलों की एक श्रृंखला के पीछे एक सुन्नी मुस्लिम चरमपंथी समूह को निशाना बनाया था.पाकिस्तान ने ईरान में हमलों के जवाब में कहा कि उसके अशांत दक्षिण-पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में अलगाववादी उग्रवादी विद्रोह का समर्थन कर रहे हैं. किर्बी ने कहा कि उन पर सबसे पहले ईरान ने हमला किया, जो स्पष्ट रूप से एक और लापरवाह हमला था, क्षेत्र में ईरान के अस्थिर व्यवहार का एक और उदाहरण था.ईरान पर हमलाकिर्बी ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि इस्लामाबाद ने ईरान पर हमला करने से पहले वाशिंगटन को सूचित किया था. जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिका पाकिस्तान को समर्थन प्रदान करेगा, तो उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की, जो एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी है, लेकिन अफगानिस्तान में तालिबान को गुप्त रूप से समर्थन देने के दावों को लेकर वाशिंगटन के साथ लंबे समय से उसके तनावपूर्ण संबंध हैं.