Pakistan / आर्थिक बदहाली में झटपटा रहे PAK को बड़ा झटका, बेलआउट पैकेज पर IMF नहीं ले सका फैसला

आर्थिक संकट में घिरे पाकिस्तान के लिए आईएमएफ का बेलआउट पैकेज आखिरी उम्मीद है लेकिन लगता है कि अभी इसके लिए देश को और इंतजार करना होगा. पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के बीच 11 घंटे की बातचीत के बाद देश को दिवालिया होने से बचाने के उद्देश्य से 1.1 अरब डॉलर की डील पर कोई आखिरी फैसला नहीं हो सका.

Vikrant Shekhawat : Feb 10, 2023, 03:20 PM
Pakistan News: आर्थिक संकट में घिरे पाकिस्तान के लिए आईएमएफ का बेलआउट पैकेज आखिरी उम्मीद है लेकिन लगता है कि अभी इसके लिए देश को और इंतजार करना होगा. पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के बीच 11 घंटे की बातचीत के बाद देश को दिवालिया होने से बचाने के उद्देश्य से 1.1 अरब डॉलर की डील पर कोई आखिरी फैसला नहीं हो सका.

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, गहराते आर्थिक संकट ने पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार को खाली कर दिया है. देश के पास एक महीने के आयात को कवर करने के लिए बमुश्किल पर्याप्त डॉलर बचा है. देश विदेशी ऋण पाने के लिए प्रयास कर रहा है.

शुक्रवार को इस्लामाबाद से वापस लौटी आईएमएफ की टीम ने कहा कि 10 दिनों की बातचीत के बाद काफी प्रगति हुई है. आईएमएफ मिशन के प्रमुख नाथन पोर्टर ने एक बयान में कहा, आने वाले दिनों में आभासी चर्चा जारी रहेगी. 1975 के बाद से पाकिस्तान में जनवरी में वार्षिक मुद्रास्फीति 27 प्रतिशत से अधिक हो गई.

पाकिस्तान रूपये में एतिहासिक गिरावट

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस हफ्ते, पाकिस्तानी रुपया (पीकेआर) डॉलर के मुकाबले 275 के ऐतिहासिक निचले स्तर तक गिर गया, जो एक साल पहले 175 से नीचे था. इससे देश के लिए चीजों को खरीदना और भुगतान करना अधिक महंगा हो गया.

विदेशी मुद्रा की कमी पाकिस्तान की सबसे गंभीर समस्याओं में से एक है. पूरे पाकिस्तान के व्यवसायों और उद्योगों ने कहा कि उन्हें काम धीमा या बंद करना पड़ा है, जबकि वे उन सामानों का भी इंतजार कर रहे हैं, जो उन्होंने आयात किए हैं, जो वर्तमान में बंदरगाहों में रुका है.

जनवरी के अंत में एक मंत्री ने बीबीसी को बताया कि कराची के दो बंदरगाहों में 8,000 से अधिक कंटेनर पड़े हैं, जिनमें दवा से लेकर खाने तक का सामान है. स्थानीय मीडिया रिपोटरें के अनुसार, इसमें से कुछ साफ होना शुरू हो गया है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ अटका हुआ है.

वैश्विक ईंधन की बढ़ती कीमतों से परेशान पाकिस्तान

गौरतलब है कि पाकिस्तान, कई देशों की तरह कोरोनोवायरस महामारी और यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के परिणामस्वरूप वैश्विक ईंधन की बढ़ती कीमतों से परेशान है. पाकिस्तान आयातित जीवाश्म ईंधन पर बहुत अधिक निर्भर करता है और भोजन का आयात भी अधिक महंगा हो गया है.

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक यदि पीकेआर का मूल्यह्रास होता है, तो ईंधन की लागत अधिक होती है, जो परिवहन या निर्मित माल के लिए नॉक-ऑन प्रभाव के साथ होती है. सरकार ने हाल ही में ईंधन की कीमतों में 13 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की है, लेकिन उसका कहना है कि वह और महंगा करने की योजना नहीं बना रही है.