Russia-Ukraine War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच ह्वाइट हाउस के ओवल ऑफिस में हुई तीखी बहस के बाद अब युद्ध विराम की योजना पर काम शुरू हो गया है। इस बहस के बाद ब्रिटेन, फ्रांस और यूक्रेन मिलकर एक नए युद्ध विराम प्रस्ताव को तैयार कर रहे हैं, जिसे अमेरिका के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर ने इस योजना की पुष्टि की और बताया कि इसे चार देशों के नेताओं के बीच हुई बातचीत के बाद तैयार किया गया है।
युद्ध विराम योजना और उसकी प्रमुख शर्तें
इस प्रस्ताव की सबसे बड़ी शर्त यह है कि अमेरिका को यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी देनी होगी, ताकि वहां स्थायी शांति स्थापित की जा सके। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भी यह संकेत दिया है कि वे यूक्रेन में शांति चाहते हैं, लेकिन इसे सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका की भूमिका अहम होगी। स्टॉर्मर ने कहा कि यह प्रस्ताव यूक्रेन की संप्रभुता और सुरक्षा की रक्षा करने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है।
यूरोपीय नेताओं की बैठक और ओवल ऑफिस की घटना
लंदन में आयोजित यूरोपीय नेताओं के शिखर सम्मेलन में भी ओवल ऑफिस की घटना चर्चा का केंद्र रही। इस बैठक में फ्रांस, जर्मनी, डेनमार्क, इटली, नीदरलैंड, नॉर्वे, पोलैंड, स्पेन, कनाडा, फिनलैंड, स्वीडन, चेक गणराज्य और रोमानिया के नेता शामिल हुए। तुर्की के विदेश मंत्री, नाटो महासचिव और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष भी इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।
ब्रिटेन का यूक्रेन को समर्थन
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को ब्रिटेन का पूरा समर्थन प्राप्त है। जब वे ब्रिटिश प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर से मिलने लंदन पहुंचे, तो जनता ने उनका जोरदार स्वागत किया। स्टॉर्मर ने जेलेंस्की को गले लगाया और उनके प्रति ब्रिटेन की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन आखिरी दम तक यूक्रेन के साथ खड़ा रहेगा और युद्ध समाप्त करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगा।
अमेरिका के संभावित कदम और यूरोपीय विकल्प
बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि यदि अमेरिका यूक्रेन से समर्थन वापस लेता है, तो यूरोपीय देश यूक्रेन की रक्षा के लिए क्या कदम उठा सकते हैं। स्टॉर्मर ने जोर देकर कहा कि यूरोप को एकजुट होकर यूक्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।
यह घटनाक्रम यूक्रेन संकट के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। अब देखना होगा कि अमेरिका इस प्रस्ताव पर क्या रुख अपनाता है और वैश्विक स्तर पर शांति स्थापित करने के प्रयासों को किस तरह समर्थन मिलता है।