कारोबार / ऑनलाइन दवा बाजार में छिड़ने वाली है बड़ी जंग, रिलायंस, Amazon हैं तैयार

भारत के ऑनलाइन दवा बाजार यानी ई-फार्मेसी मार्केट में बड़ी जंग छिड़ने वाली है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने नेटमेड्स में बड़ा हिस्सा खरीदा है और एमेजॉन ने बेंगलुरु से ई-फार्मेसी कारोबार शुरू कर दिया है। उधर फ्लिपकार्ट भी इस बाजार में आने की कोशिश में लगी है।तो अगले वर्षों में भारतीय ऑनलाइन दवा बाजार में देसी-विदेशी दिग्गजों में कड़ी प्रतिस्पर्धा हो सकती है। रिलायंस ने ऐलान किया है कि उसने ऑनलाइन फार्मेसी कंपनी नेटमेड्स में 6

AajTak : Aug 19, 2020, 04:20 PM
Delhi: भारत के ऑनलाइन दवा बाजार यानी ई-फार्मेसी मार्केट में बड़ी जंग छिड़ने वाली है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने नेटमेड्स में बड़ा हिस्सा खरीदा है और एमेजॉन ने बेंगलुरु से ई-फार्मेसी कारोबार शुरू कर दिया है। उधर फ्लिपकार्ट भी इस बाजार में आने की कोशिश में लगी है।


रिलायंस का हथियार

तो अगले वर्षों में भारतीय ऑनलाइन दवा बाजार में देसी-विदेशी दिग्गजों में कड़ी प्रतिस्पर्धा हो सकती है। रिलायंस ने ऐलान किया है कि उसने ऑनलाइन फार्मेसी कंपनी नेटमेड्स में 620 करोड़ रुपये का निवेश किया है। रिलायंस ने विटालिक हेल्थ और उसकी सब्सिडियरी कंपनियों में करीब 60 फीसदी हिस्सेदारी ली है जिन्हें सामूहिक रूप से नेटमेड्स के रूप में जाना जाता है।

एमेजॉन उतरी मैदान में

पिछले हफ्ते ही बेंगलुरु में 'एमेजॉन फार्मेसी' लॉन्च हुई है। कंपनी आने वाले दिनों में दूसरे शहरों भी इसका विस्तार करेगी। एमेजॉन ने तो दवाओं पर 20 फीसदी छूट देने का ऐलान भी कर दिया है। इस प्रतिस्पर्धा का फायदा ग्राहकों को मिल सकता है। इस तरह एक तरफ भारत के सबसे धनी मुकेश अंबानी का रिटेल चेन होगा और दूसरी तरफ दुनिया के सबसे धनी जेफ बेजोस की कंपनी। दोनों की बीच प्रतिस्पर्धा देखने लायक होगी।


फ्लिपकार्ट ने भी बनाया मन

ऐमजॉन इंडिया के बाद फ्लिपकार्ट ने भी ई-फार्मेसी सेगमेंट में एंट्री करने का मन बना लिया है। ये भी सुनने में आ रहा है कि फ्लिपकार्ट मुंबई की ऑनलाइन फार्मेसी में डील करने वाली फार्मईजी (Pharmeasy) से पार्टनरशिप करने के लिए बात कर रही है। खबर तो ये भी है कि फार्मईजी भी बेंगलुरू की मेडलाइफ का अधिग्रहण करने की योजना पर काम कर रही है।

कितना है बाजार

ऑनलाइन दवा बाजार में अभी बहुत नियम-कायदे तय नहीं हुए हैं, इसलिए कंपनियां इस सेगमेंट में अच्छा कारोबार मिलने की उम्मीद कर रही हैं। भारत में ई-फार्मा इंडस्ट्री करीब 1।2 अरब डॉलर (करीब 9 हजार करोड़ रुपये) का है और अगले पांच साल में इसके बढ़कर 16 अरब डॉलर (1।20 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच जाने की उम्मीद है।