पटना / बिहार की कायर और निक्कमी सरकार, दम है तो करे गिरफ्तार- तेजस्वी

बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार पर जोरदार हमला बोला है। तेजस्वी ने बिहार की एनडीए सरकार को लाभहीन और डरपोक करार देते हुए कहा कि बिहार सरकार ने किसानों के पक्ष में धरना देने के लिए उनके और उनके समर्थकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। तेजस्वी ने चुनौती दी है कि अगर इस सरकार में कोई शक्ति है

Vikrant Shekhawat : Dec 06, 2020, 09:27 AM
बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार पर जोरदार हमला बोला है। तेजस्वी ने बिहार की एनडीए सरकार को लाभहीन और डरपोक करार देते हुए कहा कि बिहार सरकार ने किसानों के पक्ष में धरना देने के लिए उनके और उनके समर्थकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। तेजस्वी ने चुनौती दी है कि अगर इस सरकार में कोई शक्ति है तो उन्हें गिरफ्तार करके दिखाओ, नहीं तो वे खुद को गिरफ्तार कर लेंगे। तेजस्वी ने कहा कि वह किसानों के लिए खुद को फांसी देने के लिए तैयार हैं।

आपको बता दें कि तेजस्वी यादव ने अपने समर्थकों के साथ पटना के गांधी मैदान में नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर धरना दिया था। तेजस्वी ने इस दौरान कहा था कि जो व्यक्ति कड़ी मेहनत करने वाले किसान की भलाई के बारे में नहीं सोच सकता, वह कभी भी मनुष्य और मानवता पर विश्वास नहीं कर सकता है। किसान सभी मानव जाति का अनुयायी है। जो किसान का नहीं है, वह देश के लिए अच्छा नहीं है।

तेजस्वी यादव और उनके 18 समर्थकों और 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ इस तेजस्वी विरोध के खिलाफ पटना पुलिस ने तेजस्वी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने इन मामलों को आईपीसी की विभिन्न धाराओं और महामारी कानून के तहत दर्ज किया है।

प्रशासन द्वारा की गई इस एफआईआर पर तेजस्वी यादव नाराज हैं। तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि, "बिहार की कायर और बदनाम सरकार ने कायर और बंधक मुख्यमंत्री के नेतृत्व में किसानों के पक्ष में आवाज उठाने के लिए हम पर एफआईआर दर्ज की है। इसलिए मैं इंतजार करने के बाद खुद को गिरफ्तार कर लूंगा। अगर एफआईआर होगी किसानों को फांसी दी जानी है, तो दे दो।

शनिवार को तेजस्वी यादव ने कहा कि हम धनदाता और अन्नादता की इस लड़ाई में अन्नादता के साथ खड़े हैं। क्या किसानों के समर्थन में आवाज उठाना, अपनी आय दोगुनी करने के लिए नए कानूनों में एमएसपी की मांग करना, खेत और खलिहान बचाने की लड़ाई लड़ना अपराध है? अगर ऐसा है, तो क्या हम इस अपराध को बार-बार करेंगे? आपको बता दें कि राष्ट्रीय जनता दल नए कृषि कानूनों को वापस लेने की भी मांग कर रहा है।