नई दिल्ली / 2018-19 में बीजेपी को मिला ₹700 करोड़ चंदा, टाटा के स्वामित्व वाले ट्रस्ट ने दिए आधे

बीजेपी द्वारा चुनाव आयोग में जमा कराए दस्तावेज़ों के मुताबिक, बीजेपी को वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान चेक और ऑनलाइन भुगतान के ज़रिए करीब ₹700 करोड़ का चंदा मिला। इसमें से टाटा के स्वामित्व वाले 'प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट' से बीजेपी को ₹356 करोड़ मिला। गौरतलब है कि बीजेपी को चुनावी बॉन्ड के रूप में मिला चंदा इसमें शामिल नहीं है।

The Quint : Nov 13, 2019, 12:10 PM
भाजपा को 2018-19 के दौरान टाटा समूह द्वारा नियंत्रित एक चुनावी ट्रस्ट से 356 करोड़ रुपये का चंदा मिला।

सत्तारूढ़ दल ने यह जानकारी निर्वाचन आयोग में जमा किए गए दस्तावेजों में दी है।

भाजपा द्वारा निर्वाचन आयोग को 31 अक्टूबर को दी गई जानकारी के अनुसार पार्टी को वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान चेक और ऑनलाइन भुगतान के दौरान कुल 700 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा मिला।

इसमें से लगभग आधा चंदा-356 करोड़ रुपये-टाटा समूह द्वारा नियंत्रित ‘प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट’ से मिला।

दस्तावेजों के अनुसार भारत के सबसे धनी ट्रस्ट- ‘द प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट’ ने पार्टी को 54.25 करोड़ रुपये का चंदा दिया।

इस ट्रस्ट को भारती ग्रुप, हीरो मोटोकोर्प, जुबिलैंट फूडवर्क्स, ओरियंट सीमेंट, डीएलएफ, जेके टायर्स जैसे कॉरपोरेट घरानों का समर्थन प्राप्त है।

उपलब्ध कराई गई सूचना 20 हजार रुपये या इससे अधिक के चंदे से जुड़ी है जिसका भुगतान चेक के जरिए या ऑनलाइन किया गया।

चुनावी बांड के रूप में प्राप्त चंदा इसमें शामिल नहीं है।

दस्तावेज में कहा गया कि भाजपा को व्यक्तियों, कंपनियों और चुनावी ट्रस्टों की ओर से चंदा मिला।

चुनाव संहिता के अनुसार राजनीतिक दलों के लिए वित्त वर्ष के दौरान मिलने वाले समूचे चंदे का खुलासा करना आवश्यक है।

वर्तमान में राजनीतिक दलों के लिए ऐसे लोगों और संगठनों के नामों का खुलासा करने की अनिवार्यता नहीं है जो 20 हजार रुपये से कम का चंदा देते हैं या फिर जो लोग चुनावी बांड के रूप में चंदा देते हैं।