News18 : Dec 19, 2019, 02:53 PM
नई दिल्ली। नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) के विरोध में देशभर में प्रदर्शन तेज हो गया है। कर्नाटक (Karnataka) में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने बेंगलुरु और मंगलुरु में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। वहीं दिल्ली में 14 मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए हैं। इसके साथ ही लाल किला के पास धारा 144 लगा दिया गया है। इस बीच कांग्रेस (Congress) को घेरने के लिए बीजेपी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) के 2003 में राज्यसभा में दिए बयान का वीडियो शेयर किया है। वीडियो में मनमोहन सिंह बांग्लादेश में धार्मिक आधार पर हिंसा का शिकार हुए शरणार्थियों के लिए सरकार को सहानुभूति दिखाने का सुझाव दे रहे हैं।साल 2003 में केंद्र में जब एनडीए की सरकार थी उस वक्त राज्यसभा सदस्य मनमोहन सिंह सदन के नेता विपक्ष थे। उस वक्त सदन में उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को संबोधित करते हुए मनमोनह सिंह ने कहा था, मैं शरणार्थियों के संकट को आपके सामने रखना चाहता हूं। बंटवारे के बाद हमारे कई पड़ोसी देशों में से एक बांग्लादेश में धार्मिक आधार पर नागरिकों का उत्पीड़न किया गया। अगर ये प्रताड़ित लोग हमारे देश में शरण के लिए पहुंचते हैं तो इन्हें शरण देना हमारा नैतिक दायित्व है। इन लोगों को शरण देने के लिए हमारा व्यवहार उदारपूर्ण होना चाहिए। मैं गंभीरता से नागरिकता संशोधन विधेयक की ओर उप प्रधानमंत्री का ध्यान इस ओर दिलाना चाहता हूं।
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर हो रहे प्रदर्शन पर अब प्रशासन की सख्ती दिखने लगी है। प्रदर्शनकारियों के दिल्ली के कई इलाकों में बड़ी संख्या में जुटने को देखते हुए अब मोबाइल सेवाओं को कुछ इलाकों में बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही इंटरनेट सर्विस को भी बंद कर दिया गया है। पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ इलाकों में प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में जुट रहे हैं और विरोध उग्र हो सकता है। जिसके बाद ऐहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है।
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर हो रहे प्रदर्शन पर अब प्रशासन की सख्ती दिखने लगी है। प्रदर्शनकारियों के दिल्ली के कई इलाकों में बड़ी संख्या में जुटने को देखते हुए अब मोबाइल सेवाओं को कुछ इलाकों में बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही इंटरनेट सर्विस को भी बंद कर दिया गया है। पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ इलाकों में प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में जुट रहे हैं और विरोध उग्र हो सकता है। जिसके बाद ऐहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है।
In 2003, speaking in Rajya Sabha, Dr Manmohan Singh, then Leader of Opposition, asked for a liberal approach to granting citizenship to minorities, who are facing persecution, in neighbouring countries such as Bangladesh and Pakistan. Citizenship Amendment Act does just that... pic.twitter.com/7BOJJMdkKa
— BJP (@BJP4India) December 19, 2019