देश / लॉकडाउन के चलते खड़े-खड़े विमानों के इंजन में लग रही जंग, बोइंग ने कंपनियों को दिया जांच का आदेश

कोरोना वायरस के चलते दुनियाभर में लॉकडाउन चल रहा है। लॉकडाउन के दौरान विमानों का आवागमन पूरी तरह बाधित है। ऐसे में दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले विमान बोइंग 737 में तकनीकी खराबी का खतरा पैदा हो गया है। अमेरिकी एयरलाइन रेगुलेटर ने दुनियाभर के देशों से सभी बोइंग 737 की जांच के निर्देश दिए हैं। कंपनी ने कहा है कि सभी एयरलाइंस विमान के इंजन के वॉल्व की जांच करें, कहीं ​उनमें जंग तो नहीं लग गई है।

News18 : Jul 25, 2020, 09:31 AM
नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते दुनियाभर में लॉकडाउन (Lockdown) चल रहा है। लॉकडाउन के दौरान विमानों का आवागमन पूरी तरह बाधित है। ऐसे में दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले विमान बोइंग 737 (Boeing 737) में तकनीकी खराबी का खतरा पैदा हो गया है। अमेरिकी एयरलाइन रेगुलेटर ने दुनियाभर के देशों से सभी बोइंग 737 की जांच के निर्देश दिए हैं। कंपनी ने कहा है कि सभी एयरलाइंस विमान के इंजन के वॉल्व की जांच करें, कहीं ​उनमें जंग तो नहीं लग गई है। कंपनी ने कहा कि अगर किसी भी विमान के इंजन में जंग या किसी भी तरह की कोई तकनीकी खराबी दिखाई देती है तो बोइंग इंस्‍पेक्‍शन और रिप्‍लेसमेंट इंफॉर्मेशन देगी।

बता दें कि बोइंग ने 737 क्‍लासिक (सीरीज -300 to -500) और नेक्‍स्‍ट-जेन 737s (सीरीज -600 to -900) के लिए एडवायजरी जारी की है। कंपनी ने कहा है कि कोविड-19 के चलते विमान लंबे समय से खड़े हैं। विमान का इस्तेमाल न होने से उसके इंजन में लगे वॉल्व में जंग लगने का डर है। यही कारण है कि सभी विमान के वॉल्व में जंग की जांच करना बेहद जरूरी हो गया है।

FAA की ओर से निर्देश जारी करते हुए कहा गया है कि विमानों को लंबे वक्त तक खड़े रहने से इनके ​इंजन में तकनीकी दिक्कत आ सकती है। FAA ने कहा है कि अगर जंग मिलती है तो एयरक्राफ्ट को सर्विस में वापस लाने से पहले वॉल्‍व को बदलना होगा।

बोइंग की सलाह पर डायरेक्टरेअ जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने एयर इंडिया, स्पाइसजेट, विस्तारा जैसी सभी विमान कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपनी फ्लीट में इन विमानों का इंस्‍पेक्‍शन करें। विस्तारा की ओर से कहा गया है कि उसके पास बोइंग 737 के 6 विमान हैं और उनकी जांच की जा चुकी है। बता दें कि भारत में लॉकडाउन के बाद से विमान सेवाओं को पूरी तरह से रोक दिया गया था। अभी भी केवल घरेलू विमान सेवाओं को ही चलाने की इजाजत दी गई है।