नागौर / शुरू हुआ टिड्डियों का प्रजनन काल, किसानों की बढ़ी चिंताएं

नागौर जिले में टिड्डी के आने का सिलसिला रुक नहीं रहा है. टिड्डियों के बड़े दलों के फसलों पर हो रहे लगातार हमले की वजह से जिले में फसलों को खासा नुकसान हुआ है किसानों की चिंता अब इसलिए बढ़ गई है कि अब टिड्डी का प्रजनन काल शुरू हो गया है, ऐसे में पीले रंग की वयस्क टिड्डियां खेतों में नमी वाले इलाकों में एकबार बैठने के बाद लाख प्रयास के बावजूद वापस नहीं उड़ रही है टिड्डी एक बार में 80 से 120 अंडे देती है

Vikrant Shekhawat : Jul 26, 2020, 05:26 PM

 नागौर जिले में टिड्डी के आने का सिलसिला रुक नहीं रहा है. टिड्डियों के बड़े दलों के फसलों पर हो रहे लगातार हमले की वजह से जिले में फसलों को खासा नुकसान हुआ है. 

किसानों की चिंता अब इसलिए बढ़ गई है कि अब टिड्डी का प्रजनन काल शुरू हो गया है, ऐसे में पीले रंग की वयस्क टिड्डियां खेतों में नमी वाले इलाकों में एकबार बैठने के बाद लाख प्रयास के बावजूद वापस नहीं उड़ रही है

किसानों द्वारा साउंड क्रिएट करके बर्तन और टिन बजाकर टिड्डी को भगाने के जो प्रयास किये जाते हैं, वो अब नाकाफी साबित हो रहे हैं. किसानों की चिंता इसलिए भी है कि प्रजनन के बाद टिड्डी के लार्वा से बनने वाला फाका बची खुची फसलों को भी चट कर जाएगा क्योंकि टिड्डी लगातार उड़ती रहती है. केवल रात में डेरा डालती है और वहीं सबसे ज्यादा नुकसान करती है लेकिन फाका के पंख नहीं होने से वो लगातार फसलों को नुकसान पहुंचाता है


टिड्डी एक बार में 80 से 120 अंडे देती है 
विशेषज्ञों की मानें तो एक वयस्क टिड्डी एक बार में 80 से 120 अंडे देती है और तीन बार अंडे देती है. अंडे से निकलने वाला कीट 10 से 15 दिनों में उड़ने योग्य हो जाता है लेकिन तब तक वो लगातार फसलों को नुकसान पहुंचाता है. नागौर जिले के कुचेरा थाना क्षेत्र के एक दर्जन से ज्यादा गांवों में पीली टिड्डी ने पड़ाव डाला है, जिसकी वजह से किसान चिंतित हैं. 

किसान अपनी तरफ से ही टिड्डी को उड़ाने का प्रयास कर रहे हैं. साथ ही छिड़काव करके मारने की भी कोशिश की जा रही है लेकिन यह सभी प्रयास लंबे चोड़े टिड्डी दल पर नाकाफी साबित हो रहे हैं. ऐसे में यह तय है कि इस सीजन में किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा और खरीफ की पैदावार भी इससे निश्चित तौर पर प्रभावित होगी