बूंदी / बूंदी उत्सव | मटका सिर पर रख दौड़ी विदेशी महिलाएं, राजस्थान रंग में रंगे दिखे देश-विदेश के मेहमान

बूंदी उत्सव शुक्रवार को पूरे 25 साल का हो गए। इस बार उत्सव को यादगार बनाने के लिए प्रशासन और संस्थाएं जुड़ी हैं। तीन दिन का यह उत्सव इस बार 15 दिन का रखा है। जिसका परंपरागत रूप से शुभारंभ शुक्रवार सुबह 8.30 बजे गढ़पैलेस में शंखनाद, गढ़ गणेश पूजन, ध्वजारोहण कर अतिथि सत्कार से हुआ। जिसके बाद कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिसमें विदेशी मेहमानों ने भी हिस्सा लिया।

Dainik Bhaskar : Nov 15, 2019, 02:42 PM
बूंदी | बूंदी उत्सव शुक्रवार को पूरे 25 साल का हो गए। इस बार उत्सव को यादगार बनाने के लिए प्रशासन और संस्थाएं जुड़ी हैं। तीन दिन का यह उत्सव इस बार 15 दिन का रखा है। जिसका परंपरागत रूप से शुभारंभ शुक्रवार सुबह 8.30 बजे गढ़पैलेस में शंखनाद, गढ़ गणेश पूजन, ध्वजारोहण कर अतिथि सत्कार से हुआ। सुबह 9 बजे वहीं से शोभायात्रा शुरू होकर पुलिस परेड ग्राउंड पहुंची। जिसके बाद कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिसमें विदेशी मेहमानों ने भी हिस्सा लिया। 

बूंदी उत्सव के पहले दिन बड़ी संख्य में विदेशी इसमें हिस्सा लेने पहुंचे। इस दौरान विदेशी महिलाओं के बीच मटका दौड़ का आयोजन किया गया। वहीं देशी-विदेशी महिलाओं और पुलिस के बीच रस्सी खींच प्रतियोंगिता का आयोजन किया गया। साथ ही मूंछ प्रतियोगिता भी रखी गई।

56 स्थानों पर 140 कार्यक्रम, 1996 में दो बार मना था उत्सव

इस बार 56 स्थानों पर 140 कार्यक्रम होंगे। उत्सव को शुरू हुए 24 साल हुए हैं, पर वर्ष 1996 में दो बार मनाया गया था, उसे जोड़कर यह 25वां उत्सव है। इंटेक ने 1992 में गढ़ में बूंदी स्थापना दिवस मनाना शुरू किया। 1996 में कलेक्टर मधुकर गुप्ता ने कहा कि 24 जून बूंदी स्थापना दिवस पर भयंकर गर्मी रहती है, अगर इसे सर्दी में रखें तो पर्यटक भी जुड़ेंगे। शुरू के चार साल तक दो दिन का बूंदी उत्सव मनाया जाता था। तारीख और महीना तय नहीं था। वर्ष 2000 में अमरसिंह कलेक्टर बने तो उनका तर्क था कि पुष्कर मेले का समापन के तत्काल बाद बूंदी उत्सव शुरू हो तो वहां के पर्यटक-दुकानदार आ सकेंगे। वर्ष 2006 में कलेक्टर मुग्धा सिन्हा ने इसे शहर से निकाल कर पूरे जिले में कर दिया। उत्सव 3 दिन का कर दिया। उत्सव से शुरू से जुड़े एडवोकेट राजकुमार दाधीच कहते हैं कि वर्ष 1992 में बूंदी में महज इक्का-दुक्का ही पर्यटक आते थे। बूंदी उत्सव शुरू होने के बाद पेइंग गेस्ट कल्चर शुरू हुआ, लोगों ने अपनी खंडहर होती हवेलियों को संवारा। देखरेख होने लगी।

शिल्पग्राम-उद्योग मेला शुरू करने अाएंगे लोकसभा अध्यक्ष

बूंदी उत्सव की शृंखला में खेल संकुल में 15 से 25 नवंबर तक उद्योग-हस्तशिल्प मेला भरेगा। जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक हरिमोहन शर्मा ने बताया कि मेले का शुभारंभ शाम 4.30 बजे लोकसभा स्पीकर ओम बिरला करेंगे। इसके साथ ही अमृता हाट भी सजेगी, जिसमें स्वयं सहायता समूह की महिलाएं हस्तनिर्मित चीजों की दुकानें लगाएंगी। उद्योग मेले में अलग-अलग राज्यों की चीजें खरीदी जा सकेगी।

शनिवार को टैरेस गार्डन में रखा क्लासिकल म्यूजिक विद योगा

शनिवार को सुबह 7.30 बजे टैरेस गार्डन में क्लासिकल म्यूजिक विद योगा होगा। इसमें शास्त्रीय कलाकार संतूर बांसुरी-तबला वादन करेंगे। इसके साथ सूर्य नमस्कार भी होगा। दोपहर एक बजे सुखमहल में विदेशी पाहुनों के लिए मान मनुहार कार्यक्रम होगा। देसी पकवानों से उनकी राजस्थानी परंपरा से मनुहार की जाएगी। शाम 7 बजे 84 खंभों की छतरी पर सांस्कृतिक संध्या होगी। बूंदी उत्सव में पुरातत्व-संग्रहालय विभाग के पर्यटनस्थलों में प्रवेश निशुल्क रहेगा। पुरातत्व-संग्रहालय विभाग के निदेशक प्रकाशचंद्र शर्मा ने बताया कि 15 से 17 नवंबर तक रानीजी की बावड़ी, 84 खंभों की छतरी, सुखमहल-राजकीय संग्रहालय, 26 से 30 नवंबर तक 84 खंभों की छतरी पर पर्यटकों-आमजन का प्रवेश निशुल्क रहेगा।