Vikrant Shekhawat : Jul 30, 2021, 05:29 PM
तुर्की जल रहा है। पर्यटन के लिए प्रसिद्ध इस देश की आग को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार 'Turkey Is Burning' और 'Pray For Turkey' हैशटैग के साथ लोग भयावह तस्वीरें और वीडियो पोस्ट कर रहे हैं। सोशल मीडिया के मुताबिक तुर्की के 30 जिलों के 60 जगहों पर जंगल की आग लगी है। इस भयानक जंगली आग की वजह से अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों लोगों और पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
जंगल की आग से निकले धुएं से पूरे तुर्की का आसमान धुएं से ढक गया है। 6 प्रांतों के 20 स्थानों पर फायरफाइटर्स लगातार आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं। तुर्की का भूमध्यसागर से सटा इलाका और दक्षिणी हिस्सा आग से ज्यादा प्रभावित है। पिछले 24 घंटों में तेज हवाओं की वजह से आग 40 और जगहों पर फैल गई, जिसे स्थानीय लोग और प्रशासन मिलकर बुझाने की कोशिश कर रहे हैं। कृषि और वन मंत्री बेकिर पाकदेमिरिली ने कहा कि अभी यह कहना बेवकूफी होगा कि हमने आग पर काबू पा लिया है। लेकिन हमारे लोग और फायरफाइटर्स लगातार बहादुरी से इस आपदा का सामना कर रहे हैं। जिसे जहां मौका मिल रहा है, वह आग बुझाने के लिए प्रयास कर रहा है। या फिर उसे रोकने का। अंतालया प्रांत के मानवगत और अकेसकी इलाकों में सबसे ज्यादा बुरी आग फैली है। इस आग की चपेट में आने से एक 82 वर्षीय व्यक्ति और एक दंपत्ति की मौत हो गई। गुरुवार को अंतालया प्रांत से करीब 320 किलोमीटर दूर मरमरिस इलाके में एक 25 साल का वॉलेंटियर आग की चपेट में आ गया। जिससे उसकी मौत हो गई। यह वॉलेंटियर फायर फाइटर्स को अपने घर से पानी लाकर पिला रहा था। तभी उसे एक मोटरसाइकिल ने टक्कर मार दी और वह जलते हुए जंगल में गिर गया। मरमरिस इलाके में पहाड़ पर जंगलों में लगी आग से हॉलीडे होम्स और होटल्स को खतरा महसूस हुआ तो उन सबको पर्यटकों से खाली करवा दिया गया। 50 से ज्यादा लोग अस्पतालों में भर्ती है। दर्जनों लोग अपने घरों को छोड़कर खुले में रह रहे हैं। इन दोनों इलाकों में 25 से ज्यादा गावों को खाली कराया गया है। सभी पर्यटन स्थलों पर पहाड़ों के किनारे स्थित होटलों और रिजॉर्ट से पर्यटकों को बोट में बिठाकर समुद्री रास्ते से सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया जा रहा है। तुर्की की सरकार ने कहा कि जो भी लोग इस आग को लगाने के पीछे जिम्मेदार हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। यह प्रकृति और इंसानियत के खिलाफ एक तरह का हमला है।इससे पहले भी गर्मियों में तुर्की के जंगलों में आग लगी थी। तब तुर्की की सरकार ने इस आग के पीछे कुर्द आतंकियों को जिम्मेदार ठहराया था। फिलहाल तुर्की के सभी राज्यों में यह आदेश लागू कर दिया गया है कि कोई भी व्यक्ति इस समय जंगलों की तरफ नहीं जाएगा। क्योंकि उसे जलने का खतरा है, साथ ही उत्पाती लोग जंगलों में आग को और भड़का सकते हैं। तुर्की में लगी इस आग से कई गांव जल गए हैं। लोगों की गाड़ियां और मवेशी जल गए हैं। कई जानवर जले हुए मिल रहे हैं। उन्हें तत्काल इलाज के लिए वेटरिनरी अस्पताल या क्लीनिक भेजा जा रहा है। कुछ फायरफाइटर्स तो जले हुए जानवरों का प्राथमिक इलाज मौके पर ही कर रहे हैं। लेकिन नजारा इतना भयावह है, उसे देखकर ही लोगों की रूह कांप जा रही है। अंतालया के रिजॉर्ट सिटी से 75 किलोमीटर दूर मानवगत के मेयर सुकरू सोजेन ने कहा कि जंगलों की आग चारों तरफ से घेर चुकी है। बस समुद्र की तरफ का इलाका सुरक्षित है। आग ने तो टाउन सेंटर तक अपनी पकड़ बना रखी है। इस समय इस इलाके में हुए नुकसान का अंदाजा लगाना मुश्किल है। हमने आजतक अपने जीवन में कभी ऐसा भयानक मंजर नहीं देखा। तुर्की के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए इस समय 3 फायरफाइटिंग विमान, 38 हेलिकॉप्टर, 108 फायरफाइटिंग व्हीकल और करीब 4000 से ज्यादा फायरफाइटर जुटे हुए हैं। तुर्की के AFAD डिजास्टर एजेंसी ने कहा कि है कि आग की चपेट में आए सभी राज्यों और शहरों के पड़ोसी राज्यों और शहरों को सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है। साथ ही सुरक्षित रहने की अपील भी की गई है। कुछ लोगों का मानना है कि आग की शुरुआत अंतालया प्रांत से ही हुई। क्योंकि यहां गर्मी काफी ज्यादा पड़ती है। यह जगह पहाड़ी जंगलों और समुद्री तटों के बीच में बसा है। इस खूबसूरत जगह पर हर साल लाखों देसी-विदेशी पर्यटक आते हैं। कुछ पर्यावरणविदों का मानना है कि इस आग की वजह ज्यादा गर्मी भी हो सकती है। \तुर्की लगातार चरम मौसम (Extreme Weather) का शिकार हो रहा है। अभी इस महीने की शुरुआत में ब्लैक सी के तट पर बसे राइज (Rize) और अर्टविन (Artvin) प्रांतों में अचानक बाढ़ आ गई थी। जिसकी वजह से सैकड़ों घरों और सार्वजनिक संपत्तियों का नुकसान हुआ है। इस बाढ़ में करीब 6 लोगों की मौत हो गई थी। तुर्की की आग से पड़ोसी देश लेबनान भी प्रभावित हुआ है। यहां पर भी 25 फायर इंजन और चार एयरफोर्स हेलिकॉप्टर्स जंगलों की आग को बुझाने में लगे हुए हैं। लेबनान रेड क्रॉस ने जंगल की आग से 17 लोगों को बचाया है, इसके अलावा 30 लोगों का इलाज किया है। जिनमें से 8 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। लेबनान में 500 एकड़ पाइन और ओक के जंगल खाक हो चुके हैं।तुर्की में लगी 63 जंगली आग में से 43 को नियंत्रित करने का दावा भी किया जा रहा है। लेकिन 20 स्थानों पर अब भी जानलेवा आग जल रही है। बाकी आग को भी बुझाने का प्रयास चल रहा है। लेकिन तेज हवाओं के कारण सफलता मिलने में समय लग रहा है। दुनियाभर के नेता और राष्ट्राध्यक्ष इस समय तुर्की की मदद करने को तैयार हैं। साथ ही इस आपदा में संवेदना प्रकट कर रहे हैं। सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर Remarks @Fab4cricket नाम के ट्विटर हैंडल से एक पोस्ट डाली गई है, जिसमें कहा जा रहा है कि तुर्की के जंगलों में ड्रोन से आग लगाई गई है। कोई भी हैरान होगा ये सोच कर कि ये किसका काम है।।।मुझे संदेह है अमेरिक और इजरायल की अवैध सरकार पर। (
जंगल की आग से निकले धुएं से पूरे तुर्की का आसमान धुएं से ढक गया है। 6 प्रांतों के 20 स्थानों पर फायरफाइटर्स लगातार आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं। तुर्की का भूमध्यसागर से सटा इलाका और दक्षिणी हिस्सा आग से ज्यादा प्रभावित है। पिछले 24 घंटों में तेज हवाओं की वजह से आग 40 और जगहों पर फैल गई, जिसे स्थानीय लोग और प्रशासन मिलकर बुझाने की कोशिश कर रहे हैं। कृषि और वन मंत्री बेकिर पाकदेमिरिली ने कहा कि अभी यह कहना बेवकूफी होगा कि हमने आग पर काबू पा लिया है। लेकिन हमारे लोग और फायरफाइटर्स लगातार बहादुरी से इस आपदा का सामना कर रहे हैं। जिसे जहां मौका मिल रहा है, वह आग बुझाने के लिए प्रयास कर रहा है। या फिर उसे रोकने का। अंतालया प्रांत के मानवगत और अकेसकी इलाकों में सबसे ज्यादा बुरी आग फैली है। इस आग की चपेट में आने से एक 82 वर्षीय व्यक्ति और एक दंपत्ति की मौत हो गई। गुरुवार को अंतालया प्रांत से करीब 320 किलोमीटर दूर मरमरिस इलाके में एक 25 साल का वॉलेंटियर आग की चपेट में आ गया। जिससे उसकी मौत हो गई। यह वॉलेंटियर फायर फाइटर्स को अपने घर से पानी लाकर पिला रहा था। तभी उसे एक मोटरसाइकिल ने टक्कर मार दी और वह जलते हुए जंगल में गिर गया। मरमरिस इलाके में पहाड़ पर जंगलों में लगी आग से हॉलीडे होम्स और होटल्स को खतरा महसूस हुआ तो उन सबको पर्यटकों से खाली करवा दिया गया। 50 से ज्यादा लोग अस्पतालों में भर्ती है। दर्जनों लोग अपने घरों को छोड़कर खुले में रह रहे हैं। इन दोनों इलाकों में 25 से ज्यादा गावों को खाली कराया गया है। सभी पर्यटन स्थलों पर पहाड़ों के किनारे स्थित होटलों और रिजॉर्ट से पर्यटकों को बोट में बिठाकर समुद्री रास्ते से सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया जा रहा है। तुर्की की सरकार ने कहा कि जो भी लोग इस आग को लगाने के पीछे जिम्मेदार हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। यह प्रकृति और इंसानियत के खिलाफ एक तरह का हमला है।इससे पहले भी गर्मियों में तुर्की के जंगलों में आग लगी थी। तब तुर्की की सरकार ने इस आग के पीछे कुर्द आतंकियों को जिम्मेदार ठहराया था। फिलहाल तुर्की के सभी राज्यों में यह आदेश लागू कर दिया गया है कि कोई भी व्यक्ति इस समय जंगलों की तरफ नहीं जाएगा। क्योंकि उसे जलने का खतरा है, साथ ही उत्पाती लोग जंगलों में आग को और भड़का सकते हैं। तुर्की में लगी इस आग से कई गांव जल गए हैं। लोगों की गाड़ियां और मवेशी जल गए हैं। कई जानवर जले हुए मिल रहे हैं। उन्हें तत्काल इलाज के लिए वेटरिनरी अस्पताल या क्लीनिक भेजा जा रहा है। कुछ फायरफाइटर्स तो जले हुए जानवरों का प्राथमिक इलाज मौके पर ही कर रहे हैं। लेकिन नजारा इतना भयावह है, उसे देखकर ही लोगों की रूह कांप जा रही है। अंतालया के रिजॉर्ट सिटी से 75 किलोमीटर दूर मानवगत के मेयर सुकरू सोजेन ने कहा कि जंगलों की आग चारों तरफ से घेर चुकी है। बस समुद्र की तरफ का इलाका सुरक्षित है। आग ने तो टाउन सेंटर तक अपनी पकड़ बना रखी है। इस समय इस इलाके में हुए नुकसान का अंदाजा लगाना मुश्किल है। हमने आजतक अपने जीवन में कभी ऐसा भयानक मंजर नहीं देखा। तुर्की के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए इस समय 3 फायरफाइटिंग विमान, 38 हेलिकॉप्टर, 108 फायरफाइटिंग व्हीकल और करीब 4000 से ज्यादा फायरफाइटर जुटे हुए हैं। तुर्की के AFAD डिजास्टर एजेंसी ने कहा कि है कि आग की चपेट में आए सभी राज्यों और शहरों के पड़ोसी राज्यों और शहरों को सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है। साथ ही सुरक्षित रहने की अपील भी की गई है। कुछ लोगों का मानना है कि आग की शुरुआत अंतालया प्रांत से ही हुई। क्योंकि यहां गर्मी काफी ज्यादा पड़ती है। यह जगह पहाड़ी जंगलों और समुद्री तटों के बीच में बसा है। इस खूबसूरत जगह पर हर साल लाखों देसी-विदेशी पर्यटक आते हैं। कुछ पर्यावरणविदों का मानना है कि इस आग की वजह ज्यादा गर्मी भी हो सकती है। \तुर्की लगातार चरम मौसम (Extreme Weather) का शिकार हो रहा है। अभी इस महीने की शुरुआत में ब्लैक सी के तट पर बसे राइज (Rize) और अर्टविन (Artvin) प्रांतों में अचानक बाढ़ आ गई थी। जिसकी वजह से सैकड़ों घरों और सार्वजनिक संपत्तियों का नुकसान हुआ है। इस बाढ़ में करीब 6 लोगों की मौत हो गई थी। तुर्की की आग से पड़ोसी देश लेबनान भी प्रभावित हुआ है। यहां पर भी 25 फायर इंजन और चार एयरफोर्स हेलिकॉप्टर्स जंगलों की आग को बुझाने में लगे हुए हैं। लेबनान रेड क्रॉस ने जंगल की आग से 17 लोगों को बचाया है, इसके अलावा 30 लोगों का इलाज किया है। जिनमें से 8 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। लेबनान में 500 एकड़ पाइन और ओक के जंगल खाक हो चुके हैं।तुर्की में लगी 63 जंगली आग में से 43 को नियंत्रित करने का दावा भी किया जा रहा है। लेकिन 20 स्थानों पर अब भी जानलेवा आग जल रही है। बाकी आग को भी बुझाने का प्रयास चल रहा है। लेकिन तेज हवाओं के कारण सफलता मिलने में समय लग रहा है। दुनियाभर के नेता और राष्ट्राध्यक्ष इस समय तुर्की की मदद करने को तैयार हैं। साथ ही इस आपदा में संवेदना प्रकट कर रहे हैं। सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर Remarks @Fab4cricket नाम के ट्विटर हैंडल से एक पोस्ट डाली गई है, जिसमें कहा जा रहा है कि तुर्की के जंगलों में ड्रोन से आग लगाई गई है। कोई भी हैरान होगा ये सोच कर कि ये किसका काम है।।।मुझे संदेह है अमेरिक और इजरायल की अवैध सरकार पर। (