Vikrant Shekhawat : Nov 28, 2023, 10:41 PM
Telangana Elections: तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान आज शाम पांच बजे थम गया। राज्य विधानसभङा की 119 सीटों के लिए अब 30 नवंबर को वोटिंग होगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) विकास राज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “शाम पांच बजे चुनाव प्रचार अभियान थम गया है। भारत के निर्वाचन आयोग ने विभिन्न पाबंदियां लगा दी हैं।” निर्वाचन आयोग ने नौ अक्टूबर को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी, जिसके बाद राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई थी। राज्य में 3.26 करोड़ पात्र मतदाता हैं। 2.5 लाख से ज्यादा कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में होंगे तैनातराज ने कहा है कि विधानसभा चुनाव के लिए 2.5 लाख से अधिक कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में तैनात होंगे। सीईओ के अनुसार, पूरे राज्य में दंड प्रकिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) लगातार तीसरी बार सत्ता बरकरार रखने की कोशिश में है जबकि कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए जी जान लगा रही है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी सत्ता में आने की कोशिश में कोई कसर नहीं छोड़ी है।कुल 2,290 उम्मीदवार आजमा रहे हैं किस्मतआगामी चुनाव में बीआरएस प्रमुख और राज्य के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव (केसीआर), उनके पुत्र केटी रामा राव, तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ए.रेवंत रेड्डी और भाजपा के लोकसभा सदस्य बंदी संजय कुमार, डी. अरविंद और सोयम बापूराव समेत 2,290 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। केसीआर कामारेड्डी और गजवेल से अपनी किस्मत आजमाएंगे, वहीं रेवंत रेड्डी कोडंगल और कामारेड्डी से चुनाव लड़ेंगे। भाजपा ने अपने विधायक एटाला राजेंद्र को हुजूराबाद के अलावा गजवेल से मैदान में उतारा है। वह हुजूराबाद से मौजूदा विधायक हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान सोमवार को हैदराबाद में रोड शो किया तथा कई जनसभाओं को संबोधित किया। इस चुनाव का रिजल्ट तीन दिसंबर को आएगा। पार्टियों ने एक दूसरे पर खूब उछाला कीचड़ प्रचार के दौरान तीन प्रमुख राजनीतिक दलों और हैदराबाद में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेताओं के बीच एक दूसरे पर खूब कीचड़ उछाला गया। बीआरएस ने पिछले दो कार्यकालों के दौरान अपने प्रदर्शन के आधार पर नए जनादेश की मांग की है। वहीं कांग्रेस ने पड़ोसी राज्य कर्नाटक में अपनी हालिया सफलता को दोहराने की उम्मीद में छह गारंटियों के साथ मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की। भाजपा ने विकास की गति को तेज करने के लिए डबल इंजन सरकार के लिए एक मौका मांगा और उसने पिछड़े वर्ग से मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया।कांग्रेस और भाजपा दोनों ने पिछले 10 वर्षों के दौरान पारिवारिक शासन और भ्रष्टाचार को लेकर केसीआर पर हमला बोला। बीआरएस ने लोगों को आगाह किया कि कांग्रेस सरकार पिछले एक दशक के दौरान राज्य द्वारा हासिल की गई सभी प्रगति को नष्ट कर देगी। कांग्रेस नेताओं ने बीआरएस, बीजेपी और एआईएमआईएम पर मिलीभगत का आरोप लगाया, जबकि बीजेपी ने दावा किया कि कांग्रेस, बीआरएस और एआईएमआईएम एक साथ मिले हुए हैं।कांग्रेस के प्रचार का नेतृत्व राहुल गांधी ने कियाराहुल गांधी ने 23 सार्वजनिक सभाओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस के प्रचार अभियान का नेतृत्व किया। उनकी बहन प्रियंका गांधी ने 26 रैलियां की। मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में देखे जाने वाले रेवंत रेड्डी ने राज्य के कई हिस्सों में 55 सार्वजनिक सभाओं को संबोधित किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया, उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, अभिनेता-राजनेता विजयशांति, जो हाल ही में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए, ने भी पार्टी के लिए प्रचार किया।बीआरएस सभी 119 सीटों पर लड़ रही है चुनावबीआरएस सभी 119 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस ने एक सीट भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के लिए छोड़ी है। भाजपा ने 111 निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार खड़े किए हैं और शेष आठ को अभिनेता-राजनेता पवन कल्याण के नेतृत्व वाली अपनी सहयोगी जन सेना पार्टी (जेएसपी) के लिए छोड़ दिया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बीआरएस की सहयोगी एआईएमआईएम नौ निर्वाचन क्षेत्रों में मैदान में है, सभी हैदराबाद में। राज्य के बाकी हिस्सों में उसने बीआरएस को समर्थन देने की घोषणा की है। बीआरएस के लिए, केसीआर ने राज्य भर में 96 चुनावी रैलियां कर अभियान का नेतृत्व किया। उनके बेटे के.टी. रामा राव और भतीजे टी. हरीश राव ने भी राज्य के विभिन्न हिस्सों में सार्वजनिक सभाएं की और रोड शो किए।भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा ने राज्य भर में चुनावी रैलियों को संबोधित किया। सोमवार को राज्य में तीन दिवसीय अभियान का समापन करने वाले मोदी ने आठ सार्वजनिक बैठकों को संबोधित किया और एक रोड शो किया।अमित शाह ने 17 सभाओं को किया संबोधित आठ दिनों तक प्रचार करने वाले अमित शाह ने 17 सार्वजनिक बैठकों को संबोधित किया और सात रोड शो किए। नड्डा ने आठ सार्वजनिक बैठकों को संबोधित किया और तीन रोड शो में भाग लिया। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, नीतीश गडकरी, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, अनुराग सिंह ठाकुर, साध्वी निरंजन ज्योति, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य नेताओं ने पार्टी के लिए प्रचार किया। असदुद्दीन औवेसी और उनके भाई अकबरुद्दीन औवेसी ने अपनी पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व किया। बसपा नेता मायावती ने अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में कुछ सार्वजनिक सभाओं को संबोधित किया।मुख्यमंत्री केसीआर, रेवंत रेड्डी, कांग्रेस विधायक दल के नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क, भाजपा नेता एटाला राजेंदर और बंदी संजय, कांग्रेस नेता और पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन, मंत्री केटीआर और हरीश राव मैदान में प्रमुख उम्मीदवारों में से हैं।