CBSE Exam / नहीं होंगी सीबीएसई बोर्ड की बची परीक्षाएं, दसवीं बारहवीं के परिणाम 15 जुलाई से पहले आएंगे, देखें पूरी जानकारी

केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की बची हुई परीक्षाएं अब नहीं होंगी। देशभर में कोरोना वायरस के लगातार तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए सीबीएसई ने दसवीं और बारहवीं के 1 से 15 जुलाई के बीच होने वाली परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला किया है। यही नहीं बोर्ड 15 जुलाई से पूर्व नतीजे भी जारीी कर देगा। बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अदालत को इस निर्णय बाबत जानकारी दी।

Vikrant Shekhawat : Jun 25, 2020, 03:05 PM
नई दिल्ली | CBSE Board Pending Exam SC Decision: केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE Board Exam) की दसवीं और बारहवीं की बची हुई  परीक्षाएं अब नहीं होंगी। देशभर में कोरोना वायरस के लगातार तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए सीबीएसई ने दसवीं और बारहवीं के 1 से 15 जुलाई के बीच होने वाली परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला किया है। यही नहीं बोर्ड 15 जुलाई से पूर्व नतीजे भी जारी कर देगा। बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Decision about 10th 12th CBSE exam ) में सुनवाई के दौरान अदालत को इस निर्णय बाबत जानकारी दी।  सीबीएसई ने छात्रों को यह विकल्प भी दिया है कि वे कोरोना की स्थिति सामान्य होने के बाद परीक्षा देने का विकल्प भी चुन सकते हैं। 

पिछले कई दिनों से इस बात को लेकर छात्रों के बीच संशय बना हुआ था कि सीबीएसई दसवीं और बारहवीं की बचीं हुई परीक्षाओं को आयोजित कराएगा कि नहीं. कोरोना वायरस के खतरे के चलते अभिभावक परीक्षाओं को आयोजित कराने के पक्ष में नहीं थे और उन्होंने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। 

आपको याद रहे कि सीबीएसई बोर्ड की लंबित परीक्षाएं 1 जुलाई से 15 जुलाई तक होनी थीं लेकिन इन्हें रद्द करने को लेकर कुछ पेरेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की थी, जिसके बाद कोर्ट ने सीबीएसई से पूछा था कि क्या परीक्षाएं रद्द की जा सकती हैं। इसी के बाद अब बोर्ड ने अपना जवाब दाखिल करते हुए कोर्ट को दसवीं और बारहवीं की बची परीक्षाएं रद्द करने के फैसले की जानकारी दी। स्थिति सामान्य होने पर 12वीं की परीक्षाएं कराई जा सकने की बात कही। इससे पूर्व दिल्ली, महाराष्ट्र और तमिलनाडु ने एग्जाम आयोजित करने में असमर्थता जता दी थी। 12वीं के स्टूडेंट्स के लिए पिछली तीन परीक्षाओं के आधार पर आकलन किया जाएगा कि उन्हें कितने क्रेडिट मिलेंगे। दसवीं के छात्रों को कोई परीक्षा नहीं देनी होगी। 1 से 15 जुलाई के बीच होने वाली सीबीएसई की परीक्षाएं अब नहीं होंगी। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE)10 वीं की बची हुईं परीक्षाएं नहीं लेगा, जबकि 12 वीं के छात्रों को स्थितियां सुधरने पर परीक्षा देने या फिर पिछली 3 परीक्षाओं के आधार पर असेसमेंट का विकल्प देगा। सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि असेसमेंट रिजल्ट 15 जुलाई को आ जाएगा। इस मामले में कल भी सुनवाई जारी रहेगी। 


केंद्र ने कोर्ट को जानकारी दी कि कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों का पिछली परीक्षा के आधार पर मूल्यांकन करने के लिए योजना तैयार कर ली गई है। वहीं सीबीएसई ने कोर्ट को बताया कि कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों के पास बाद में परीक्षा देने का विकल्प होगा। 

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि सीबीएसई के 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों का मूल्यांकन पिछली तीन परीक्षाओं में प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा। केंद्र ने कोर्ट से यह भी कहा है कि सीबीएसई की 10वीं की शेष परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं और पुनः परीक्षा कराने का कोई प्रावधान नहीं है। केंद्र ने कोर्ट से कहा है कि स्थितियां अनुकूल होने पर सीबीएसई परीक्षा आयोजित करेगा। 

आईसीएसई बोर्ड ने न्यायालय को सूचित किया कि उसने भी 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाओं को रद्द कर दिया है और फिर परीक्षा कराने का कोई विकल्प नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के कथन का संज्ञान लिया और सीबीएसई को नई अधिसूचना जारी करके कक्षा 12 वीं की बोर्ड परीक्षाओं का विवरण स्पष्ट करने का निर्देश दिया। 

सुनवाई तीन जजों की बेंच एएम खानविलकर, दिनेश महेश्वरी और संजीव खन्ना के समक्ष हुईं।

अब ये विकल्प

1. जिन विषयों की परीक्षाएं होनी थीं, उनमें छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर औसत अंक देकर प्रमोट किया जा सकता है।

2. इसके अलावा संबंधित विषयों में अंक सुधार के लिए बाद में परीक्षा देने का विकल्प भी छात्रों को मिल सकता है।

29 विषयों के ​होने थे एग्जाम

दरअसल, देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते लॉकडाउन (Lockdown) घोषित करने से पहले ही ये परीक्षाएं (CBSE Exam) शुरू हो चुकी थीं। हालांकि लॉकडाउन के बाद कुछ परीक्षाओं को स्थगित करने का फैसला किया गया. बाद में तय किया गया कि दसवीं और बारहवीं के 29 मूल विषयों की परीक्षाएं एक जुलाई से 15 जुलाई तक आयोजित कराई जाएंगी। यहां तक कि मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इसके लिए डेटशीट भी जारी कर दी थी। इसके तहत दसवीं की परीक्षा केवल उत्तर-पूर्वी दिल्ली के इलाकों में होनी थी जहां हिंसा के चलते परीक्षाएं आयोजित नहीं की जा सकी थीं। वहीं 12वीं की परीक्षाएं देशभर में आयोजित करने का फैसला लिया गया था। हालांकि अब कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर इन परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला ले लिया गया है।

जुलाई में नतीजे आने की उम्मीद बढ़ी

सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) ने दसवीं और बारहवीं की बची परीक्षाएं रद्द करने का फैसला कर ही लिया है तो स्टूडेंट्स के बीच जल्द ही नतीजे आने की उम्मीद भी परवान चढ़ने लगी है। दरअसल, सीबीएसई बोर्ड ने लॉकडाउन से पूर्व हो चुके पेपर की कॉपियों के मूल्यांकन का काम पहले ही शुरू कर दिया था। अब जबकि बची परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं तो माना जा रहा है कि बोर्ड जुलाई के अंत तक परिणाम की घोषणा कर देगा। पिछले साल 12वीं की परीक्षा का रिजल्ट 2 मई को घोषित कर दिया गया था, जबकि दसवीं की परीक्षा के नतीजे 6 मई को आ गए थे।

यह हुआ मामले में

इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में चली सुनवाई के दौरान भारत सरकार के सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि एक से 15 जुलाई के बीच प्रस्तावित परीक्षा रद्द कर दी गई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे कई राज्यों ने परीक्षा आयोजित कराने में असमर्थता जताई थी। उन्होंने कहा कि फिलहाल एक से 15 जुलाई के बीच होने वाली परीक्षा रद्द की जा रही है. उन्होंने कहा कि जब स्थिति बेहतर होगी तब सीबीएसई परीक्षा करवाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को 23 जून तक अपनी बात रखने का मौका दिया था। अब इस पूरे मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना रुख साफ कर दिया है। अब सीबीएसई ने बची हुई परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है। सीबीएसई ने 1जुलाई से 12 जुलाई के बीच होनी वाली 10वीं और 12वीं की सभी परीक्षाओं को स्थगित करते हुए कहा कि दें कि देश में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। दिल्ली, मुंबई सहित देश के कई राज्यों में हालत गंभीर बनी हुई है। इसलिए लगातार सीबीएएसई की बची हुई बोर्ड परीक्षाओं और दूसरी अन्य परीक्षाओं को रद्द करने के लिए मांग उठ रही थी। बोर्ड परीक्षाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी और इसी के फैसले पर दूसरी परीक्षाओं का भी भविष्य निर्धारित था।