Vikrant Shekhawat : Oct 01, 2020, 08:44 AM
Delhi: कोरोना संकट में केंद्र सरकार के लिए राजस्व घाटा भारी पड़ रहा है। कॉर्पोरेट टैक्स और केंद्रीय जीएसटी संग्रह में भारी गिरावट आई है। लॉकडाउन में राजकोषीय घाटा बढ़कर 8.7 लाख करोड़ रुपये हो गया है। हालांकि, इस अवधि के दौरान उत्पाद शुल्क संग्रह में 32% की अच्छी वृद्धि हुई है। राजकोषीय घाटा सरकार के बजट अनुमान 7.96 लाख करोड़ रुपये से 109% अधिक है।
कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन में गिरावट इस वित्तीय वर्ष में सकल कर संग्रह 5.04 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 6.6 लाख करोड़ की तुलना में महज 76 प्रतिशत ही है । आ गया। कॉरपोरेट कर संग्रह 64,715 करोड़ रुपये रहा, जो कि एक साल पहले की अवधि से 58 प्रतिशत कम है।
कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन में गिरावट इस वित्तीय वर्ष में सकल कर संग्रह 5.04 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 6.6 लाख करोड़ की तुलना में महज 76 प्रतिशत ही है । आ गया। कॉरपोरेट कर संग्रह 64,715 करोड़ रुपये रहा, जो कि एक साल पहले की अवधि से 58 प्रतिशत कम है।
कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन में बड़ी गिरावट के दो कारण हो सकते हैं। पहली बात यह है कि कोरोना संकट के कारण कॉर्पोरेट मुनाफे में भारी गिरावट आई है और दूसरी बात यह है कि पिछले साल सितंबर में सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स में भी कटौती की है।