बेंगलुरु / चंद्रयान- 2: नहीं हो पाया लैंडर से कोई संपर्क, इसरो ने किया सभी भारतीयों का धन्यवाद

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान- 2 के लिए मिले अपार समर्थन के लिए सबका शुक्रिया कहा है। चंद्रयान- 2 के लैंडर विक्रम की चंद्रमा पर हार्ड लैंडिंग की वजह से मिशन के हिस्से आई आंशिक असफलता के बाद भी पूरा देश एकसुर से इसरो की हौसला आफजाई करता रहा। इससे अभिभूत इसरो ने आज शाम एक ट्वीट कर सभी समर्थकों का शुक्रिया कहा। इसरो ने कहा हमारा साथ देने के लिए शुक्रिया।

NavBharat Times : Sep 18, 2019, 06:54 AM
बेंगलुरु. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान- 2 के लिए मिले अपार समर्थन के लिए सबका शुक्रिया कहा है। चंद्रयान- 2 के लैंडर विक्रम की चंद्रमा पर हार्ड लैंडिंग की वजह से मिशन के हिस्से आई आंशिक असफलता के बाद भी पूरा देश एकसुर से इसरो की हौसला आफजाई करता रहा। इससे अभिभूत इसरो ने आज शाम एक ट्वीट कर सभी समर्थकों का शुक्रिया कहा। अंतरिक्ष विज्ञान जगत में भारत को गौरवान्वित करने वाले इस संगठन ने दुनियाभर में बसे भारतीयों के सपनों को साकार करने का भरोसा दिलाया।

इसरो के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए ट्वीट में कहा गया है, 'हमारा साथ देने के लिए शुक्रिया। हम दुनियाभर के भारतीयों की उम्मीदों और सपनों के दम पर लगातार आगे बढ़ते रहेंगे।' गौरतलब है कि चंद्रयान- 2 मिशन की लॉन्चिंग के 47वें दिन लैंडर विक्रम को चांद की सतह पर उतरना था, लेकिन महज 2.1 किमी की दूरी पर उसका संपर्क टूट गया।

चंद्रयान- 2 ने अपने 47 दिनों की यात्रा के दौरान कई मुश्किल पड़ाव पार किए थे और आखिर में उसे विक्रम लैंडर के जरिए रोवर प्रज्ञान के चांद की सतह पर उतारना था। इस प्रक्रिया में विक्रम को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिग करनी थी, लेकिन शायद उसकी गति अनियंत्रित हो जाने के कारण उसने हार्ड लैंडिंग की। बाद में चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने चांद की सतह पर तिरछे पड़े विक्रम की तस्वीर भेजी जिसके बाद उससे दोबारा संपर्क स्थापित करने की जीतोड़ कोशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई।

इस तरह चंद्रयान- 2 का रोवर प्रज्ञान के जरिए चांद की सतह की जानकारी जुटाने में बाधा जरूर आई, लेकिन इसरो के साथ-साथ दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियों और वैज्ञानिकों ने कहा कि चंद्रयान- 2 मिशन अपने लक्ष्य का 95% हासिल करने में सफल रहा है।