इंडिया / चंद्रमा की पांचवीं यानी अंतिम निर्धारित कक्षा में प्रवेश कराया गया चंद्रयान-2

इसरो ने बताया है कि चंद्रयान-2 को रविवार शाम 6:21 पर चंद्रमा की पांचवीं यानी अंतिम निर्धारित कक्षा में प्रवेश कराया गया। अब सोमवार को ऑर्बिटर से विक्रम लैंडर को अलग किया जाएगा। चंद्रयान-2 के 7 सितंबर को चांद की सतह पर उतरने की उम्मीद है, ऐसा होने पर भारत इसके दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन जाएगा।

Vikrant Shekhawat : Sep 02, 2019, 03:51 AM
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का Chandrayaan-2 चांद के और करीब पहुंच गया है. Chandrayaan-2 अब चांद की अंतिम और पांचवीं कक्षा में पहुंच गया है. रविवार यानी आज 1 सितंबर 2019 को भारतीय मानक समय शाम 06:21 बजे Chandrayaan-2 सफलता पूर्वक चांद की पांचवीं कक्षा में दाखिल हो गया. एडवांस ऑनबोर्ड प्रोपलशन सिस्टम का इस्तेमाल कर Chandrayaan-2 पांचवीं कक्षा में दाखिल हो गया.

Chandrayaan-2 को कक्षा बदलने में 52 सेकेंड का वक्त लगा. स्पेसक्राफ्ट के सभी पैरामीटर्स नॉर्मल हैं. अब अगले ऑपरेशन में  विक्रम लैंडर Chandrayaan-2 ऑरबिटर से अलग होगा. यह ऑपरेशन 2 सितंबर दोपहर 12:45 से 01:45 बजे(भारतीय समय अनुसार) के बीच पूरा होगा. वहीं 3 सितंबर को पहला डीऑर्बिट और 4 सितंबर को दूसरा डीऑर्बिट होगा पूरा होगा. इसका मतलब है कि 4 सितंबर को विक्रम लैंडर चांद के सबसे करीब होगा.

7 सितंबर को सबसे बड़ी चुनौती

विक्रम लैंडर 35 किमी की ऊंचाई से चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरना शुरू करेगा. यह इसरो वैज्ञानिकों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण काम होगा. विक्रम लैंडर दक्षिणी ध्रुव पर मौजूद दो क्रेटर मैंजिनस-सी और सिंपेलियस-एन के बीच मौजूद मैदान में उतरेगा. लैंडर 2 मीटर प्रति सेकंड की गति से चांद की सतह पर उतरेगा. ये 15 मिनट बेहद तनावपूर्ण होंगे.