Share Market News / शेयर बाजार में साल के आखिरी दिन कोहराम, निफ्टी 23,600 के नीचे लुढ़का, ये हैं 5 कारण

2024 के आखिरी कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार बड़ी गिरावट के साथ खुला। सेंसेक्स 404 अंक टूटकर 77,843.80 पर और निफ्टी 89.60 अंक गिरकर 23,554.80 पर कारोबार कर रहे हैं। गिरावट की वजहें हैं अमेरिकी बाजारों में गिरावट, विदेशी निवेशकों की बिकवाली, कमजोर रुपया, और कमजोर मैक्रोइकॉनोमिक स्थिति।

Vikrant Shekhawat : Dec 31, 2024, 09:42 AM
Share Market News: 2024 के अंतिम कारोबारी दिन, मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार ने बड़ी गिरावट के साथ शुरुआत की। बीएसई सेंसेक्स 404.34 अंक गिरकर 77,843.80 पर पहुंच गया, जबकि एनएसई निफ्टी 89.60 अंकों की गिरावट के साथ 23,554.80 पर कारोबार कर रहा है। यह गिरावट लगातार दूसरे दिन दर्ज की गई है, जब सोमवार को मजबूत शुरुआत के बावजूद अंत में बिकवाली ने बाजार को गिरा दिया था।

आज सुबह बाजार खुलते ही सभी प्रमुख सेक्टर्स जैसे आईटी, फार्मा, और ऑटो में गिरावट देखने को मिली। सवाल यह है कि इस गिरावट की मुख्य वजहें क्या हैं? आइए, विस्तार से समझते हैं।

गिरावट की मुख्य वजहें

1. अमेरिकी बाजारों में गिरावट का असर

सोमवार को अमेरिकी बाजारों में डाउ जोन्स और नैस्डैक ने बड़ी गिरावट दर्ज की। इसका सीधा प्रभाव भारतीय बाजार पर भी देखने को मिला। अमेरिकी बाजारों की अनिश्चितता और कमजोर आर्थिक संकेतक वैश्विक निवेशकों की धारणा को प्रभावित कर रहे हैं।

2. विदेशी निवेशकों की बिकवाली

विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) लगातार भारतीय बाजार से पैसे निकाल रहे हैं। इससे बाजार पर दबाव बढ़ रहा है। विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली के चलते भारतीय बाजार अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर से नीचे खिसक रहा है।

3. डॉलर की मजबूती और रुपये की कमजोरी

डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया ऐतिहासिक निचले स्तर पर, 85 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया है। कमजोर रुपया विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार से दूर कर रहा है, क्योंकि उन्हें अपने मुनाफे को डॉलर में बदलते समय नुकसान होता है। इसका प्रभाव बाजार में दिखाई दे रहा है।

4. कंपनियों के कमजोर वित्तीय परिणाम

भारतीय कंपनियों की पहली और दूसरी तिमाही के वित्तीय परिणाम अपेक्षाओं से कमजोर रहे। तीसरी तिमाही के नतीजे भी ज्यादा बेहतर होने की उम्मीद नहीं है। कमजोर वित्तीय प्रदर्शन निवेशकों की धारणा को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है।

5. मैक्रोइकॉनोमिक बाधाएं

भारत की अर्थव्यवस्था की बड़ी समस्याएं भी बाजार की गिरावट का कारण बनी हैं। नवंबर 2024 में व्यापार घाटा रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। साथ ही, दूसरी तिमाही की जीडीपी वृद्धि दर दो सालों में सबसे कम रही। आर्थिक विकास दर में यह गिरावट निवेशकों की चिंताओं को बढ़ा रही है।

भविष्य की संभावनाएं

शेयर बाजार में यह गिरावट निवेशकों को सतर्क कर रही है। विदेशी निवेशकों की बिकवाली, कमजोर रुपये, और वैश्विक बाजारों की अनिश्चितता का प्रभाव अगले कुछ हफ्तों तक जारी रह सकता है। हालांकि, भारतीय बाजार अपनी मजबूत बुनियाद और दीर्घकालिक वृद्धि की संभावनाओं के कारण धीरे-धीरे स्थिरता हासिल कर सकता है।

निवेशकों के लिए सलाह:
वर्तमान परिस्थितियों में निवेशकों को धैर्य बनाए रखने और लंबी अवधि के दृष्टिकोण के साथ उच्च गुणवत्ता वाले शेयरों में निवेश करने की सलाह दी जाती है। साथ ही, वैश्विक और घरेलू आर्थिक संकेतकों पर नजर रखना भी जरूरी है।

भारतीय शेयर बाजार में मौजूदा गिरावट एक अवसर के रूप में देखी जा सकती है, बशर्ते निवेशकों को समझदारी से कदम उठाने की जरूरत है।