News18 : Apr 10, 2020, 12:57 PM
जयपुर। प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) ने लॉकडाउन (Lockdown) के चलते घरों में बंद लाखों विद्यार्थियों को खुश होने का मौका दिया है। सीएम गहलोत ने कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों को बिना वार्षिक परीक्षा के ही प्रमोट (Promotions) करने का ऐलान किया है। वैसे भी आरटीई के प्रावधानों के कारण पहली से आठवीं तक के बच्चों को उतीर्ण ही करना पड़ता है। लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण वार्षिक परीक्षा ही आयोजित नहीं की जा सकी थी। अगला शैक्षणिक सत्र प्रभावित न हों इसके लिए सीएम अशोक गहलोत ने गुरुवार को मंत्री गोविंद डोटासरा से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर चर्चा की और बाद में ये निर्णय लिया।
9वीं और 11वीं के बच्चों की भी वार्षिक परीक्षा नहीं होगी
वहीं अब 9वीं और 11वीं के बच्चों की भी वार्षिक परीक्षा नहीं होगी। उनके नतीजे सालभर के अंकों के आधार पर जारी होंगे। जयपुर के जिला शिक्षा अधिकारी रामचन्द्र पिलानिया ने कहा कि कक्षा 9वीं और 11वीं के नतीजे सालभर बच्चे द्वारा की गई पढ़ाई और उसकी परफॉर्मेंस के आधार पर घोषित किए जाएंगे। तीन टेस्ट और अर्द्धवार्षिक परीक्षा में हासिल किए गए अंकों के आधार पर रिजल्ट जारी होगा। जबकि 10वीं और 12वीं में लापरवाही नहीं चल सकती। उनमें गुणवत्ता बनाये रखने के लिए सालभर की मेहनत देखना जरूरी है।10 वीं 12वीं की परीक्षा के बीच में हुआ था लॉकडाउन
फिलहाल 10वीं और 12वीं के छात्रों को पढ़ाई जारी रखनी होगी। क्योंकि अभी उनकी परीक्षा खत्म नहीं हुई है। सरकार बोर्ड परीक्षाओं के लिए हालात सामान्य होने का इंतजार कर रही है।
स्कूल संचालक फीस नहीं वसूल सकेंगे
उल्लेखनीय है कि इससे पहले शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद डोटासरा यह भी स्पष्ट कर चुके हैं कि लॉकडाउन के दौरान स्कूल संचालक अभिभावकों से बच्चों की फीस वसूल नहीं कर सकेंगे। शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान अभिभावकों से फीस वसूली नहीं की जा सकेगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि इस अवधि में स्कूल संचालकों को अपने स्टाफ को वेतन देना होगा।
9वीं और 11वीं के बच्चों की भी वार्षिक परीक्षा नहीं होगी
वहीं अब 9वीं और 11वीं के बच्चों की भी वार्षिक परीक्षा नहीं होगी। उनके नतीजे सालभर के अंकों के आधार पर जारी होंगे। जयपुर के जिला शिक्षा अधिकारी रामचन्द्र पिलानिया ने कहा कि कक्षा 9वीं और 11वीं के नतीजे सालभर बच्चे द्वारा की गई पढ़ाई और उसकी परफॉर्मेंस के आधार पर घोषित किए जाएंगे। तीन टेस्ट और अर्द्धवार्षिक परीक्षा में हासिल किए गए अंकों के आधार पर रिजल्ट जारी होगा। जबकि 10वीं और 12वीं में लापरवाही नहीं चल सकती। उनमें गुणवत्ता बनाये रखने के लिए सालभर की मेहनत देखना जरूरी है।10 वीं 12वीं की परीक्षा के बीच में हुआ था लॉकडाउन
फिलहाल 10वीं और 12वीं के छात्रों को पढ़ाई जारी रखनी होगी। क्योंकि अभी उनकी परीक्षा खत्म नहीं हुई है। सरकार बोर्ड परीक्षाओं के लिए हालात सामान्य होने का इंतजार कर रही है।
स्कूल संचालक फीस नहीं वसूल सकेंगे
उल्लेखनीय है कि इससे पहले शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद डोटासरा यह भी स्पष्ट कर चुके हैं कि लॉकडाउन के दौरान स्कूल संचालक अभिभावकों से बच्चों की फीस वसूल नहीं कर सकेंगे। शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान अभिभावकों से फीस वसूली नहीं की जा सकेगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि इस अवधि में स्कूल संचालकों को अपने स्टाफ को वेतन देना होगा।