AajTak : Jul 20, 2020, 02:51 PM
China: ब्रिटेन और चीन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने रविवार को संकेत दिए हैं कि ब्रिटेन हॉन्ग कॉन्ग के साथ प्रत्यर्पण संधि को खत्म कर सकता है। ब्रिटेन हॉन्ग कॉन्ग में चीन के नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लाने का विरोध कर रहा है। ब्रिटेन का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के जरिए चीन हॉन्ग कॉन्ग की स्वायत्तता खत्म करना चाहता है।ब्रिटेन और चीन दोनों एक-दूसरे के खिलाफ लगातार बयान जारी कर रहे हैं। ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने रविवार को बीजिंग पर शिनजियांग प्रांत में उइगुर मुसलमानों के खिलाफ गंभीर रूप से मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया। जवाब में, ब्रिटेन के चीनी राजदूत ने कहा कि अगर ब्रिटेन कथित मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर उसके अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाता है तो वह भी इसका मुंहतोड़ जवाब देगा। चीनी राजदूत ने ये भी कहा कि ब्रिटेन को अमेरिका के इशारे पर नहीं चलना चाहिए।ब्रिटेन और चीन हॉन्ग कॉन्ग के मुद्दे पर पहले से ही आमने-सामने हैं। हॉन्ग कॉन्ग ब्रिटेन का उपनिवेश रह चुका है। ब्रिटेन ने 1997 में हॉन्ग कॉन्ग को स्वायत्तता की शर्त के साथ चीन को सौंपा था। हालांकि, नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लेकर ब्रिटेन ने कहा है कि इससे 1997 में हुए समझौते का उल्लंघन हो रहा है। हॉन्ग कॉन्ग और उइगुर मुसलमानों के मुद्दे पर चीन की आलोचना के अलावा, ब्रिटेन ने 5जी मोबाइल नेटवर्क से चीनी कंपनी हुवावे को भी बैन कर दिया है जिससे दोनों देशों के बीच टकराव और बढ़ गया है।राब ने कहा कि ब्रिटेन चीन के साथ अच्छे संबंध चाहता है लेकिन शिनजियांग प्रांत में उइगुर मुसलमानों की नसबंदी करके और प्रशिक्षण कैंप में रखकर उन्हें टारगेट किए जाने की खबरों को लेकर खामोश नहीं रह सकता है। उन्होंने बीबीसी से कहा, ये स्पष्ट है कि शिनजियांग प्रांत में बहुत बुरी तरह मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। हम अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर इस पर काम करेंगे। ये बहुत ही परेशान करने वाला है।चीनी राजदूत लियु शियामिंग ने शिनजियांग प्रांत में निगरानी कैंप होने की खबरों को खारिज किया है। चीनी राजदूत से जब उस ड्रोन फुटेज के बारे में पूछा गया जिसमें उइगुर मुसलमानों की आंखों पर पट्टी बांधकर उन्हें ट्रेन में ले जाया जा रहा है तो उन्होंने कहा कि चीन के खिलाफ तमाम फर्जी आरोप लगाए जा रहे हैं।लियु शियामिंग ने बीबीसी के एक शो में कहा, अगर ब्रिटेन की सरकार चीन के किसी भी शख्स पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर देती है तो चीन भी निश्चित तौर पर इसका जवाब देगा। उन्होंने कहा, आपने देखा है कि अमेरिका में क्या हुआ, वे चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाते हैं और हम उनके सांसदों और अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाते हैं। मैं नहीं चाहता है कि चीन-ब्रिटेन के संबंधों में भी बदले की कार्रवाई देखने को मिले।चीनी राजदूत ने ये भी कहा कि ब्रिटेन की अपनी स्वतंत्र विदेश नीति होनी चाहिए ना कि उसे अमेरिकियों की धुन पर नाचना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीनी कंपनी हुवावे के मामले में भी यही हुआ। दरअसल, अमेरिका ब्रिटेन पर चीनी कंपनी पर बैन लगाने के लिए लंबे वक्त से दबाव बना रहा था।इसी सप्ताह चीन की सरकार की प्रवक्ता ने भी ब्रिटेन पर अमेरिका के साथ सांठगांठ करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि चीनी कंपनी हुवावे को नुकसान पहुंचाने और चीनी कंपनियों के साथ भेदभाव और उन्हें बाहर निकालने के लिए दोनों देश साथ काम कर रहे हैं।