Vikrant Shekhawat : Jul 08, 2022, 06:02 PM
Chinese-Indian Border: चीन के भारतीय सीमा के काफी नजदीक अपने लड़ाकू विमानों को भेजने की हरकत जून के अंतिम सप्ताह में हुई, जब सुबह लगभग 4 बजे चीनी लड़ाकू विमानों को ईस्टर्न लद्दाख सेक्टर पर LAC के काफी नजदीक देखा गया. इसके साथ ही सीमा क्षेत्र में तैनात राडार द्वारा भी पकड़ा गया. इसके बाद भारतीय वायु सेना ने भी मानक संचालन प्रक्रियाओं के अनुसार तेजी से प्रतिक्रिया दी.चीन कर रहा है युद्धाभ्यासहिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि यह घटना ऐसे समय में हुई जब चीनी पक्ष पूर्वी लद्दाख सेक्टर की सीमा से लगे क्षेत्रों में S-400 वायु रक्षा प्रणाली सहित अपने लड़ाकू जेट और वायु रक्षा हथियारों से जुड़े अभ्यास कर रहा है. चीनियों के पास बड़ी संख्या में लड़ाकू जेट और मानव रहित विमान हैं, जिन्हें भारतीय क्षेत्र के पासतैनात किया गया है. इनमें होतान और गार गुंसा में प्रमुख हवाई क्षेत्र शामिल हैं, जिन्हें पिछले दो वर्षों के दौरान विकसित किया गया है.पहले भी कर चुका है ऐसी हरकत2020 में इस तरह के युद्ध अभ्यास के दौरान पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने अपने सैनिकों को भारी संख्या में पूर्वी लद्दाख में भारतीय चौकियों की ओर मोड़ दिया था, जिसके कारण क्षेत्र में आमने-सामने कई झगड़े हुए हुए थे. सूत्रों ने कहा कि विमान के भारतीय चौकियों के करीब आने का मामला चीनियों के सामने ईस्ट एब्लिश्ड मैकेनिज्म के तहत उठाया गया था.इस इलाके में हो चुका है टकरावसूत्रों ने स्पष्ट किया कि यह घटना बहुत गंभीर नहीं थी, लेकिन इस तरह की घटनाओं से दूसरे पक्ष को बचना चाहिए, क्योंकि इससे आने वाले समय में वृद्धि हो सकती है. विमान LAC पर उन क्षेत्रों के बहुत करीब आ गया, जहां मई 2020 से दोनों पक्षों के बीच चल रहे सैन्य गतिरोध के दौरान भारतीय और चीनी पक्षों के बीच टकराव हुआ है.एयर फोर्स ने भी की है स्थिति मजबूतसूत्रों ने कहा कि भारतीय सेना और वायु सेना ने तब से अपनी स्थिति को काफी मजबूत किया है और पूरे लद्दाख सेक्टर को इस हद तक मजबूत किया गया है कि विरोधी LAC पर स्थिति को एकतरफा बदलने के बारे में सोच भी नहीं सकते. भले ही चीनी लद्दाख सेक्टर के सामने अवैध रूप से अपने कब्जे वाले क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास कर रहे हैं.भारत ने भी बुनियादी ढांचे को किया है मजबूतहालांकि, भारत ने भी लद्दाख में सड़कों सहित बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर विकसित किया है ताकि सैनिकों के लिए पहले की तुलना में कम समय में अग्रिम पंक्ति तक पहुंचना आसान हो सके. भारतीय सेना में लद्दाख सेक्टर के प्रभारी उत्तरी कमान को चीनी पक्ष से खतरे से निपटने के लिए हर संभव गोलाबारी और मैन पावर प्रदान की गई है. वहीं, इसी तरह भारतीय वायु सेना की ओर से क्षेत्र के पश्चिमी वायु कमान प्रभारी को किसी भी घटना से निपटने के लिए राफेल लड़ाकू जेट सहित सभी प्रमुख संपत्तियां दी गई हैं.