US-China / चीन ने अमेरिकी बेस पर 'हमले' का वीडियो जारी किया, H-6 बम्बर्स का इस्तेमाल

भारत ही नहीं अमेरिका के साथ जारी तनाव के बीच चीन ने प्रशांत महासागर में स्थित गुआम एयरफोर्स बेस पर हमले का फर्जी वीडियो जारी किया है। चीन की वायुसेना ने इस हमले में परमाणु क्षमता वाले एच-6 बमवर्षकों (बम्बर्स) का इस्तेमाल भी किया। रॉयटर्स की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक चीनी सेना की ओर से इस नकली हमले को दिखाते हुए एक वीडियो जारी किया गया है

AajTak : Sep 22, 2020, 06:54 AM
Delhi: भारत ही नहीं अमेरिका के साथ जारी तनाव के बीच चीन ने प्रशांत महासागर में स्थित गुआम एयरफोर्स बेस पर हमले का फर्जी वीडियो जारी किया है। चीन की वायुसेना ने इस हमले में परमाणु क्षमता वाले एच-6 बमवर्षकों (बम्बर्स) का इस्तेमाल भी किया। रॉयटर्स की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक चीनी सेना की ओर से इस नकली हमले को दिखाते हुए एक वीडियो जारी किया गया है, जो गुआम के अमेरिकी प्रशांत द्वीप पर स्थित एंडरसन एयर फोर्स बेस पर गिराता दिख रहा है।

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयरफोर्स के वीबो अकाउंट पर शनिवार को यह वीडियो जारी किया गया। चीनी वायुसेना का यह वीडियो दो मिनट और 15 सेकंड का है, जिसे हॉलीवुड फिल्म के किसी ट्रेलर की तरह नाटकीय संगीत के साथ तैयार किया गया जिसमें चीन के एच-6 बमवर्षकों को रेगिस्तान में बने एयरफोर्स बेस से उड़ान भरता दिखाया गया। वीडियो में कहा गया 'द गॉड ऑफ वार H-6K गोज ऑन द अटैक।' 


एशियाई-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी बेस

गुआम, एशियाई-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य सुविधाओं का बेस है, जो किसी भी संघर्ष का जवाब देने के लिए बेहद अहम माना जाता है।

इस वीडियो में दिख रहा है कि आधे रास्ते से, एक पायलट एक बटन दबाता है और अज्ञात समुद्र तटीय रनवे पर एक मिसाइल फट जाती है। जैसे ही मिसाइल रनवे पर आती है, उसी समय सैटेलाइट से एक फोटो दिखाई जाती है जो बिल्कुल एंडरसन एयर बेस के लेआउट जैसा दिखता है। धमाके के हवाई दृश्यों के साथ जमीन के हिलने की तस्वीरों के साथ म्यूजिक बंद हो जाता है।

वायु सेना की ओर से वीडियो के लिए एक संक्षिप्त विवरण भी लिखा गया है जिसमें कहा गया, 'हम मातृभूमि की हवाई सुरक्षा के रक्षक हैं; हमारे पास मातृभूमि के आकाश की सुरक्षा का भरोसा रखने और विश्वास करने की योग्यता है।'


चीन की अमेरिका को चेतावनी

हालांकि इस वीडियो पर टिप्पणी के अनुरोध किए जाने के बाद भी अब तक न तो चीन के रक्षा मंत्रालय और न ही अमेरिकी इंडो-पैसिफिक कमांड ने इस पर कोई प्रतिक्रिया दी है।

सिंगापुर के इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस एंड स्ट्रैटेजिक स्टडीज के एक रिसर्च फेलो कोलिन कोह ने कहा कि वीडियो का उद्देश्य चीन की ओर से लंबी दूरी तक मार करने की क्षमताओं के बारे में बताना था।

ताइवान की वायुसेना के अनुसार, H-6 ताइवान की वायु सेना के आसपास और ताइवान के करीब कई चीनी उड़ानों में शामिल रहा है। H-6K बॉम्बर का लेटेस्ट मॉडल है, जो 1950 के पुराने सोवियत टीयू-16 पर आधारित है।