Vikrant Shekhawat : Feb 19, 2021, 09:39 PM
India-China: जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में सैनिकों के मारे जाने की बात स्वीकार करने और उनकी संख्या बताने के बाद अब चीन ने एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें झड़प के कुछ कथित अंश डाले गए हैं। इस वीडियो के जरिए चीन ने मारे गए अपने सैनिकों की तस्वीरें दिखाई हैं तो झड़प के लिए उसने भारत पर आरोप मढ़े हैं। माना जा रहा है कि जिस तरह लद्दाख में महीनों तक अड़े रहने के बाद चीन को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा, उससे उसकी किरकिरी हुई है और इससे ध्यान हटाने के लिए वह प्रोपेगेंडा में जुट गया है।प्रोपेगेंडा में माहिर चीन ने झड़प की पूरी कहानी पलटकर पेश की है। सरकारी मीडिया में जारी वीडियो में भारत का नाम लिए बिना कहा गया है कि अप्रैल 2020 में विदेशी सेना ने पूर्व में हुए समझौतों का उल्लंघन किया और बॉर्डर लाइन पार करके सड़कों और पुलों का निर्माण शुरू कर दिया। चीन ने भारत पर एकतरफा यथास्थिति में बदलाव के प्रयास का आरोप लगाते हुए कहा कि इसी वजह से यहां तनाव बढ़ा। चीन का कहना है कि भारतीय सैनिकों ने नदी के ठीक किनारे टेंट लगा दिए थे और जब पीएलए ने इसका विरोध किया तो बड़ी संख्या में पहुंचे भारतीय सैनिकों ने उनपर हमला कर दिया। इसके जवाब में पीएलए सैनिकों की संख्या बढ़ाई गई और फिर झड़प हुई जिसमें उन्हें (भारत) भारी नुकसान उठाना पड़ा। हर बार की तरह चीन ने सारा दोष भारत पर मढ़ते हुए खुद को क्लीनचिट देने की कोशिश की है।चीन की 'पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने शुक्रवार को पहली बार आधिकारिक तौर पर यह स्वीकार किया कि पिछले वर्ष जून में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में उसके 4 सैन्यकर्मी मारे गये थे। चीन की आधिकारिक समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने चीनी सेना के अखबार 'पीएलए डेली की एक खबर के हवाले से कहा कि इन सैनिकों को सम्मानित किया गया है।पीएलए डेली के मुताबिक काराकोरम पर्वतों पर तैनात रहे पांच चीनी अधिकारियों और सैनिकों को 'सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ऑफ चाइना (सीएमसी) ने भारत के साथ सीमा पर टकराव में अपना बलिदान देने के लिए सम्मानित किया है। यह घटना जून 2020 में गलवान घाटी में हुई थी।
शिन्हुआ की खबर के मुताबिक, ''बटालियन कमांडर चेन होंगजुन को मरणोपरांत सीमा की रक्षा करने वाले नायक सम्मान से सम्मानित किया गया है, जबकि चेन शियांगरोंग, शियाओ सियुआन और वांग झुओरान को प्रथम श्रेणी की उत्कृष्टता से सम्मानित किया गया। वहीं, झड़प में गंभीर रूप से घायल हुए क्वी फबाओ को सीमा की रक्षा करने वाले नायक रेजीमेंट कमांडर की उपाधि दी गई। खबर के मुताबिक पीएलए के तीन सैनिक झड़प में मारे गये, जबकि एक अन्य जवान जब अपने साथियों की मदद करने के लिए नदी पार कर रहा था, तभी उसकी मौत हो गई। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, ''इस रिपोर्ट का खुलासा लोगों को सच्चाई से अवगत कराने के लिए किया गया है क्योंकि सच्चाई का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था और लोगों के लिए यह जरूरी है कि वे सच्चाई को जानें।''उन्होंने एक सवाल के जवाब में यह बात कही। दरअसल, उनसे पूछा गया था कि चीन ने गलवान घाटी की घटना के आठ महीने बाद इस बारे में खुलासा करने का फैसला क्यों किया? भारत ने पिछले साल 15 जून को गलवान घाटी में हुई इस हिंसक झड़प में अपने 20 सैनिकों के शहीद होने की बात कही है। हालांकि, चीन ने भी अपने सैनिकों के हताहत होने की बात स्वीकार की थी लेकिन अब तक संख्या नहीं बताई थी।On-site video of last June’s #GalwanValley skirmish released.
— Shen Shiwei沈诗伟 (@shen_shiwei) February 19, 2021
It shows how did #India’s border troops gradually trespass into Chinese side. #ChinaIndiaFaceoff pic.twitter.com/3o1eHwrIB2