दुनिया / चीन ने साउथ चाइना सी में तैनात किए बमवर्षक विमान, वियतनाम ने भारत को आगाह किया

चीन की हरकतों ने वियतनाम को भी चिंता में डाल दिया है। चीन ने वियतनाम से सटे हुए दक्षिण चीन सागर में बमवर्षक तैनात कर दिए। इस बात से चिंतित वियतनाम ने भारत को अपनी परेशानी बताई। भारत में मौजूद वियतनाम के राजदूत फैम सन चाउ ने ये बात भारतीय विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला को एक मुलाकात के दौरान बताई।

AajTak : Aug 22, 2020, 04:03 PM
चीन की हरकतों ने वियतनाम को भी चिंता में डाल दिया है। चीन ने वियतनाम से सटे हुए दक्षिण चीन सागर में बमवर्षक तैनात कर दिए। इस बात से चिंतित वियतनाम ने भारत को अपनी परेशानी बताई। भारत में मौजूद वियतनाम के राजदूत फैम सन चाउ ने ये बात भारतीय विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला को एक मुलाकात के दौरान बताई।

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक इस बैठक में वियतनाम के राजदूत ने भारतीय विदेश सचिव को दक्षिण चीन सागर में चीन की वजह से पैदा तनाव की जानकारी दी। वियतनाम ने भारत के साथ मजबूत रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की रुचि भी दिखाई है।

फैम सन चाउ ने बताया कि चीन ने H-6J बॉम्बर को वूडी आइलैंड पर तैनात कर रखा है। यह विवादित पैरासेल द्वीपों का एक हिस्सा है जिसपर चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने कब्जा जमा रखा है। चीन ने इस द्वीप पर इसलिए सेना तैनात कर रखी है ताकि वह दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी गतिविधियों को रोक सके।

पैरासेल द्वीपों पर वियतनाम भी अपना हक बताता है। वियतनाम ने भारत से कहा कि चीन ने अपनी हरकतों से इस इलाके में विवाद पैदा किया बल्कि शांति की प्रक्रिया को रोक रखा है। इसके अलावा दोनों देशों के उच्च अधिकारियों ने बैठक के दौरान चीन द्वारा की जा रही अशांति फैलाने की गतिविधियों पर भी चर्चा की। 

वियतनाम चाहता है कि भारत के साथ उसके रणनीतिक संबंध और मजबूत हो। साथ ही वह दक्षिण चीन सागर में तेल और गैस भारत की तरफ से भागीदारी चाहता है। हालांकि, दक्षिण चीन सागर में भारत के हस्तक्षेप से चीन की त्योरियां चढ़ जाती हैं। इससे वह काफी नाराज होता है, इसके बावजूद वियतनाम चाहता है कि भारत इस काम में उसके साथ आगे आए।

आपको बता दें इसके पहले भारत ने वियतनाम को 100 मिलियन डॉलर्स के पेट्रोल बोट्स खरीदने में मदद की थी। ये बोट्स लाइन ऑफ क्रेडिट्स पर तैनाती के लिए वियतनाम ने खरीदी थीं। भारत ने हनोई के लिए 500 मिलियन डॉलर्स के पेट्रोल बोट्स खरीदने में मदद करने का वादा भी किया था।

उधर, अमेरिका ने भी चीन पर आरोप लगाया था कि चीन दक्षिण चीन सागर में अपना अवैध कब्जा जमा रहा है। भारत ने इस मामले को लेकर चीन का विरोध किया था। दोनों देशों ने चीन को कहा था कि वह इंटरनेशनल वाटर्स में संयुक्त राष्ट्र के नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है। जिसे चीन को तुरंत बंद कर देना चाहिए।

लाइन ऑफ क्रेडिट्स को लेकर भारत चीन पर एकतरफा अवैध कार्रवाई करने का आरोप भी लगा चुका है। चीन की वजह से वियतनाम समेत अन्य देश बेहद परेशान हैं। क्योंकि चीन ने दक्षिण चीन सागर में कई स्थानों पर अपने सैन्य ठिकाने बना रहा है। कुछ बना भी चुका है।