दुनिया / चीन-रूस से बढ़ा घुसपैठ का खतरा, हाई अलर्ट पर जापानी एयरफोर्स

चीन और जापान के बीच पूर्वी चीन सागर में द्वीपों को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। दोनों देशों में जंग जैसे हालात के बीच पूर्वी चीन सागर में रूस के बढ़ते दखल ने शिंजो आबे सरकार की चिंताओं को और बढ़ा दिया है। जापानी एयरफोर्स ने देश की दक्षिण-पश्चिम सीमा पर हाईअलर्ट भी घोषित कर दिया है। इस इलाके में स्थित जापानी एयरबेस 24 घंटे हाई अलर्ट पर हैं।

NavBharat Times : Aug 03, 2020, 08:16 AM
टोक्यो: चीन और जापान के बीच पूर्वी चीन सागर में द्वीपों को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। दोनों देशों में जंग जैसे हालात के बीच पूर्वी चीन सागर में रूस के बढ़ते दखल ने शिंजो आबे सरकार की चिंताओं को और बढ़ा दिया है। जापानी एयरफोर्स ने देश की दक्षिण-पश्चिम सीमा पर हाईअलर्ट भी घोषित कर दिया है। इस इलाके में स्थित जापानी एयरबेस 24 घंटे हाई अलर्ट पर हैं। जापानी फाइटर पायलट देश की हवाई सीमा की सुरक्षा के लिए लगातार कॉम्बेट एयर पेट्रोलिंग भी कर रहे हैं।एक साल में 947 बार घुसपैठ

जापानी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, पिछले एक साल में उसके एयरस्पेस में 947 बार घुसपैठ की कोशिश हुई। इनमें से घुसपैठ की अधिकतर कोशिशें चीनी एयरफोर्स की तरफ से की गई थी। वहीं, मंत्रालय ने यह भी कहा कि वर्तमान समय में दोनों देशों के बीच जैसे हालात हैं उसमें घुसपैठ की कोशिशों में भारी इजाफा हो सकता है।


जापान की लिस्ट में चीन और उत्तर कोरिया खतरा

कुछ दिनों पहले ही जापान ने सुरक्षा को लेकर श्वेतपत्र जारी किया था जिसमें चीन और उत्तर कोरिया को खतरा बताया था। इतना ही नहीं, जापान ने अपनी सेना को मजबूत करने के लिए और अधिक हथियारों के खरीद की बात भी की थी। जापान ने चीन पर आरोप लगाया था कि वह कोरोना वायरस को अपने दुश्मनों के खिलाफ एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।


चीन ने शुइमेन एयरबेस पर तैनात किया फाइटर जेट

इस बीच चीन ने जापान के नजदीक स्थित फुजियान से शुइमेन एयरबेस को अपग्रेड कर वहां 24 जे-11 एयरक्राफ्ट को तैनात किया है। इन एयरक्राफ्ट की तैनाती का मुख्य उद्देश जापान पर दबाव बनाना है। इस एयरबेस पर चीन ने रूस से ली गई एस-300 लॉन्ग रेंज सरफेस टू एयर मिसाइलें भी तैनात कर रखी हैं। पहले यहां एचक्यू-9 मिसाइल तैनात थी।

जापान ने बढ़ाई कॉम्बेट एयर पेट्रोलिंग

वहीं, जापान ने भी अपने एयरस्पेस की सुरक्षा के लिए कॉम्बेट एयर पेट्रोलिंग को बढ़ा दिया है। जापान के कई जहाज, सुबह से लेकर शाम तक पूर्वी चीन सागर में लगातार उड़ान भर रहे हैं। वहीं, रात में भी जापानी एयरफोर्ट के लड़ाकू विमान किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। इस बीच जापान ने चीन के किसी भी एयरक्राफ्ट को भगाने के लिए अब चार फाइटर जेट भेजने का निर्णय लिया है। पहले दो फाइटर जेट भी भेजे जाते थे।


105 स्‍टील्‍थ फाइटर जेट खरीद रहा जापान

चीन की बढ़ती दादागीरी से निपटने के लिए जापान रेडार की पकड़ में नहीं आने वाले दुनिया के सबसे घातक फाइटर प्‍लेन F-35 की फौज बनाने जा रहा है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने पांचवीं पीढ़ी के 105 F-35 स्‍टील्‍थ फाइटर जेट बिक्री की अनुमति दे दी है। जापान 105 फाइटर जेट के लिए अमेरिका को 23.11 अरब डॉलर देगा। पेंटागन ने कहा कि इस बिक्री से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका के विदेशी नीति के हितों की रक्षा में मदद मिलेगी। साथ ही इससे जापान की सुरक्षा क्षमता भी बढ़ेगी। ये F-35 फाइटर जेट जापान में ही असेंबल किए जाएंगे और उन्‍हें कल-पुर्जों की आपूर्ति अमेरिका करेगा।