Japan Earthquake / जापान में आया बड़ा भूकंप, 6.9 रही तीव्रता; जारी की गई सुनामी की चेतावनी

जापान के क्यूशू द्वीप पर 6.9 तीव्रता का भूकंप आया है, जिसके बाद सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। जापान के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में यह झटके महसूस हुए। फिलहाल किसी नुकसान की जानकारी नहीं है। इससे पहले तिब्बत में 7.1 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें भारी तबाही हुई थी।

Vikrant Shekhawat : Jan 13, 2025, 07:41 PM

Japan Earthquake: जापान के क्यूशू द्वीप पर सोमवार रात 6.9 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी के अनुसार, भूकंप के झटके दक्षिण-पश्चिमी जापान में स्थानीय समयानुसार रात 9:19 बजे महसूस किए गए। भूकंप के बाद आसपास के क्षेत्रों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई है। हालांकि, अब तक किसी प्रकार की जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं आई है।

भूकंप का केंद्र और प्रभाव

भूकंप का केंद्र जापान के दक्षिण-पश्चिमी द्वीप क्यूशू में स्थित था। यह द्वीप जापान के सबसे बड़े और घनी आबादी वाले द्वीपों में से एक है। जापानी अधिकारियों ने नागरिकों से सतर्क रहने और सुनामी अलर्ट का पालन करने की अपील की है। क्यूशू और आसपास के इलाकों में समुद्री लहरों के ऊंचे होने की संभावना जताई गई है।

जापान में भूकंप कोई नई बात नहीं है। यह देश भूकंप-प्रवण क्षेत्र में स्थित है, जहां अक्सर छोटे-बड़े झटके आते रहते हैं। लेकिन 6.9 तीव्रता का यह भूकंप इस साल का दूसरा बड़ा भूकंप है। इससे पहले तिब्बत में भी एक विनाशकारी भूकंप आया था।

तिब्बत में 7.1 तीव्रता का भूकंप

इससे पहले, 7 जनवरी को तिब्बत के डिंगरी काउंटी में 7.1 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 126 लोगों की जान चली गई थी। इस भूकंप ने तिब्बत के कई इलाकों में तबाही मचाई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीब 188 लोग घायल हुए थे और 30,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था। सबसे ज्यादा नुकसान शिगात्से क्षेत्र में हुआ था, जहां 3,609 इमारतें ढह गई थीं।

तिब्बत में आए भूकंप ने न सिर्फ लोगों की जान ली बल्कि वहां का बुनियादी ढांचा भी पूरी तरह से तबाह कर दिया। कई लोग लापता हो गए थे। भूकंप के झटके तिब्बत के अलावा नेपाल, भूटान और भारत के उत्तरी हिस्सों में भी महसूस किए गए थे।

जापान में भूकंप आने के कारण

जापान भूकंपों के प्रति बेहद संवेदनशील देश है। इसका प्रमुख कारण है इसका भौगोलिक स्थान। जापान प्रशांत महासागर के रिंग ऑफ फायर क्षेत्र में स्थित है। इस क्षेत्र में पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटें लगातार एक-दूसरे से टकराती रहती हैं, जिससे यहां भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट सामान्य घटनाएं हैं। रिंग ऑफ फायर दुनिया का सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र माना जाता है।

जापान में आए भूकंपों के इतिहास पर नजर डालें तो यहां कई बार बड़े भूकंप आए हैं, जिन्होंने भारी तबाही मचाई है। खासकर 2004 में आए भूकंप के बाद आई सुनामी ने हजारों लोगों की जान ले ली थी और लाखों लोग बेघर हो गए थे। उस घटना की याद आज भी जापानियों के जहन में ताजा है।

भूकंप से बचने के लिए जापान की तैयारियां

बार-बार आने वाले भूकंपों से निपटने के लिए जापान ने अपनी तकनीक और भवन निर्माण में कई सुधार किए हैं। यहां की इमारतों को इस तरह डिजाइन किया जाता है कि वे भूकंप के झटकों को सहन कर सकें। भवन निर्माण में लचीली नींव का इस्तेमाल किया जाता है, जो अलग-अलग दिशाओं से आने वाले फोर्स को अवशोषित कर लेती है।

भूकंप रोधी तकनीकों की वजह से जापान में अक्सर भूकंप के दौरान इमारतें झूलती हुई नजर आती हैं, लेकिन गिरती नहीं हैं। इन तकनीकों के कारण जापान में जान-माल का नुकसान काफी हद तक कम हो गया है। जापानी इंजीनियरिंग का यह मॉडल पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन चुका है।

निष्कर्ष

जापान के क्यूशू द्वीप पर आया 6.9 तीव्रता का भूकंप इस साल का दूसरा बड़ा भूकंप है। हालांकि, अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन सुनामी की चेतावनी को देखते हुए प्रशासन सतर्क है। जापान जैसे भूकंप-प्रवण देश में भूकंप से बचने के लिए मजबूत तकनीकी उपाय किए गए हैं। इसके बावजूद भूकंप का खतरा हर वक्त बना रहता है। जापान की भूगर्भीय स्थिति को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि यहां के लोग हमेशा इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए तैयार रहते हैं।