संसद / लोकसभा में पारित हुआ नागरिकता संशोधन विधेयक, पीएम मोदी ने शाह को कहा धन्यवाद

नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित हो गया। विधेयक के पक्ष में 311 तो इसके विपक्ष में 80 मत पड़े। गृह मंत्री अमित शाह ने आज विधेयक पेश किया। भारी हंगामे के बीच उन्होंने इसे सदन में रखा जिसका विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस ने जोरदार विरोध किया। लोकसभा में बिल पारित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर खुशी जाहिर की। मैं विभिन्न सांसदों और दलों को धन्यवाद कहता हूं जिन्होंने विधेयक का समर्थन किया।

AMAR UJALA : Dec 10, 2019, 06:53 AM
नई दिल्ली | नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित हो गया। विधेयक के पक्ष में 311 तो इसके विपक्ष में 80 मत पड़े। गृह मंत्री अमित शाह ने आज विधेयक पेश किया। भारी हंगामे के बीच उन्होंने इसे सदन में रखा जिसका विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस ने जोरदार विरोध किया। बिल को सदन में पेश किए जाने पर वोटिंग पर भी हुई जिसके बाद इस पर चर्चा शुरू हुई थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने जताया हर्ष

लोकसभा में बिल पारित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर खुशी जाहिर की। उन्होंने ट्वीट किया, एक अच्छी और व्यापक बहस के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 विधेयक पारित हो गया। मैं विभिन्न सांसदों और दलों को धन्यवाद कहता हूं जिन्होंने विधेयक का समर्थन किया। यह विधेयक भारत के सदियों पुराने लोकाचार और मानवीय मूल्यों में विश्वास के अनुरूप है।

एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी ने गृहमंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया। उन्होंने लिखा, 'विधेयक के सभी पहलुओं को स्पष्ट तौर पर समझाने के लिए मैं विशेष तौर पर गृहमंत्री अमित शाह को धन्यवाद देता हूं। उन्होंने लोकसभा में चर्चा के दौरान सांसदों द्वारा उठाए गए विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत जवाब भी दिया।'

यह विधेयक असम के लिए खतरनाक : तरुण गोगोई

वहीं, असम के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता तरुण गोगोई ने इसे असम के लिए खतरनाक बताया है। उन्होंने कहा, 'यह असम के लिए खतरनाक है, हम बांग्लादेश के पास हैं। यह नॉर्थ-ईस्ट की संस्कृति, विरासत और आबादी के ढांचे को बुरी तरह प्रभावित करेगा।'

इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने सरकार का पक्ष सदन के सामने रखा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दयानिधि मारन को जवाब देते हुए कहा कि हमें सभी की चिंता है। उन्होंने फिर से दोहराया कि पीओके भी हमारा है और उसके नागरिक भी हमारे हैं। 

अमित शाह ने कहा...

किसी भी धर्म के लिए कोई नफरत की भावना नहीं है। मोदी सरकार का एकमात्र धर्म संविधान है। शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, कांग्रेस इतनी सेक्यूलर पार्टी है कि उसने केरल में मुस्लिम लीग और महाराष्ट्र में शिवसेना से गठबंधन कर रखा है। 

नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर गृह मंत्री ने कहा, पूरा अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम इनर लाइन परमिट (आईएलपी) से सुरक्षित हैं, उनके लिए चिंता की कोई बात नहीं है। दीमापुर के एक हिस्से को छोड़कर पूरा नागालैंड भी इनर लाइन परमिट से सुरक्षित हैं, उन्हें भी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।

हम रोहिंग्या शरणार्थियों को कभी भी भारत का नागरिक स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, रोहिंग्या बांग्लादेश से होकर आते हैं। रोहिंग्याओं को कभी भी स्वीकार नहीं किया जाएगा, मैं अभी इसे स्पष्ट कर देता हूं। हमें मुसलमानों से नफरत नहीं, इस देश के किसी भी मुसलमान का इस बिल से कोई भी वास्ता नहीं। भारत के नागरिक मुसलमानों का इससे कोई लेना-देना नहीं है। 

पाक अधिकृत कश्मीर हमारा है, वहां के लोग भी हमारे हैं। यहां तक कि आज भी हमने उनके लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 24 सीटें आरक्षित रखी हैं।

जो शरणार्थी है, वो प्रताड़ित होकर हमारी शरण में आया है। वह घुसपैठिया नहीं है।  मैं आपको बताना चाहता हूं कि भारत में क्या हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में 1951 में 84 फीसदी हिंदू थे लेकिन 2011 में 79 फीसदी हिंदू थे। इसी तरह 1951 में मुस्लिम 9.8 और आज 14.23 प्रतिशत हैं। हम आगे भी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पड़ोस के देशों में प्रताड़ना होगी तो भारत मूक दर्शक नहीं बनेगा। उन्हें बचाना पड़ेगा और सम्मान देना होगा। 

देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ। इसी वजह से मुझे यह बिल लाना पड़ेगा। जिस हिस्से में मुस्लिम भाई ज्यादा रहते थे, उसे पाकिस्तान बनाया। बचा हुआ हिस्सा भारतीय संघ बना। आगे चलकर पश्चिमी और पूर्वी पाकिस्तान अलग हुआ और बांग्लादेश बना। मगर बीच एक विभीषिका आई, जिसमें मारना-काटना हुआ। जिन्होंने विभाजन को झेला, वही इस दर्द को बता सकते हैं। 

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सारे लोग बोले हमने धैर्य से सुना। हमें ठीक लगे या न लगे, लेकिन हमने सभी को सुना। मेरा निवेदन है कि अब मुझे बोलने का मौका मिले 

उन्होंने कहा कि 48 सदस्यों ने पक्ष और विपक्ष के चर्चा में हिस्सा लिया। यह बिल लाखों करोड़ों शरणार्थियों को यातना से मुक्ति दिलाने का काम करने जा रहा है। नेहरू लियाकत समझौते में बात हुई कि दोनों देश अपने—अपने शरणार्थियों का ख्याल रखेंगे। मगर 1950 में हुए इस समझौते का पालन नहीं हुआ। 

शिवसेना सांसद को नहीं मिला मौका

सदन में बहस के दौरान शिव सेना सांसद अरविंद सावंत को बोलने का मौका नहीं मिला। स्पीकर की भूमिका निभा रहीं मीनाक्षी लेखी ने उनका नाम बुलाया, लेकिन उन्होंने सुना नहीं। इसके बाद उन्होंने सांसद भृतहरि महताब का नाम पुकारा। 

इसके बाद अरविंद सावंत अपनी सीट से खड़े हुए और कहा कि उन्हें सुनाई नहीं दिया था। मगर मीनाक्षी लेखी ने फिर से मौका नहीं दिया।  

सांसद लॉकेट चटर्जी ने विधेयक को जल्द से जल्द पारित कराने की मांग की

हुगली से भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने विधेयक को जल्द से जल्द पारित कराने की मांग की। विधेयक के माध्यम से उन्होंने विपक्ष और कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में हिंदुओं का नहीं बल्कि रोहिंग्या मुसलमानों का स्वागत किया जाता है। 

लॉकेट चटर्जी ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में 70 लाख से ज्यादा घुसपैठिए हैं। राज्य में इन्हीं की वजह से अपराध बढ़ रहा है। वे अपराध करते हैं और बॉर्डर के बाहर भाग जाते हैं। मालदा में हुए दुष्कर्म का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले में घुसपैठिया शामिल है। 

ओवैसी ने सदन में फाड़ा नागरिकता संशोधन बिल

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अपना विरोध जताते हुए इस बिल को फाड़ दिया। उन्होंने कहा, 'संविधान की प्रस्तावना भगवान या खुदा के नाम से नहीं है। आप मुस्लिम लोगों को नागरिकता मत दीजिए। मैं गृह मंत्री से बस यह जानना चाहता हूं कि मुसलमानों से इतनी नफरत क्यों है?' ओवैसी ने कहा कि विधेयक को हमें एनआरसी के नजरिए से देखना चाहिए। जो हिंदू छूट गए, उनके लिए विधेयक लाया गया। यह मुसलमानों को राज्य विहीन करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि देश एक और बंटवारे की तरफ जा रहा है। यह विधेयक हिटलर के कानून से भी ज्यादा बदतर है।