दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 / दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से जीत की ओर

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अपनी नई दिल्ली सीट से जीत की ओर बढ़ रहे हैं। साल 2015 के विधानसभा चुनावों में केजरीवाल को इसी सीट से 57213 वोट मिले थे। उनके सामने बीजेपी की ओर से चुनाव लड़ रहीं नुपूर शर्मा को 25630 वोट से ही संतोष करना पड़ा था। उन्होंने यहीं से 2013 में कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री और 15 साल तक सीएम रहीं शीला दीक्षित को हराया था।

News18 : Feb 11, 2020, 11:35 AM
नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejiwal)  अपनी नई दिल्ली (New Delhi) सीट से जीत की ओर बढ़ रहे हैं। साल 2015 के विधानसभा चुनावों में केजरीवाल को इसी सीट से 57213 वोट मिले थे। उनके सामने बीजेपी की ओर से चुनाव लड़ रहीं नुपूर शर्मा को 25630 वोट से ही संतोष करना पड़ा था। उन्होंने यहीं से 2013 में कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री और 15 साल तक सीएम रहीं शीला दीक्षित को हराया था। तब केजरीवाल के 44269 मत के मुकाबले दीक्षित को महज 18405 वोट ही हासिल हो सके थे।

अरविंद केजरीवाल ने काफी कम समय में एक साधारण व्यक्ति से लेकर दिल्ली की CM वाली कुर्सी तक का सफर तय किया है। दिल्ली के तख्त पर बैठने के लिए उन्हें आंदोलन की आग में तपना पड़ा है। बड़ा सवाल है कि क्या वे सीएम बनने की हैट्रिक लगा पाएंगे।

केजरीवाल को कब-कब मिली सीएम की कुर्सी

>>दिल्ली के सातवें सीएम के तौर पर पहली बार वे दिसंबर 2013 से लेकर फरवरी 2014 तक सत्ता में रहे। दूसरी बार फरवरी 2015 में फिर जीतकर आए और अब तक वे सीएम हैं।

>>पहली बार आम आदमी पार्टी ने 70 में से 28 सीटें जीती थीं। उसे कांग्रेस के सहयोग से सरकार बनानी पड़ी। लेकिन फरवरी 2014 में केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया।

>>साल 2015 के चुनाव में दिल्ली की जनता ने केजरीवाल का सियासी कद काफी बड़ा कर दिया। उन्हें 67 सीटें मिलीं। जबकि कांग्रेस जीरो पर पवेलियन लौट गई। बीजेपी को सिर्फ 3 सीट से ही संतोष करना पड़ा।

जनता में कैसे बनाई पैठ अरविंद केजरीवाल ने लोकलुभावन फैसले लेकर दिल्ली की जनता को रिझाने की कोशिश की। जिनमें डीटीसी बसों में महिलाओं का मुफ्त सफर, 200 यूनिट तक की मुफ्त बिजली और आधे दाम पर 400 यूनिट तक बिजली और फ्री पानी जैसे काम शामिल है। 2020 चुनाव में केजरीवाल ने जनता से कुछ वादों पर गारंटी भी ली है।