Union Budget 2020 / आम आदमी को लगा झटका, महंगे हुए लक्स, लाइफबॉय, लिरिल और रेक्सोना जैसे साबुन

बजट से पहले ही हिंदुस्तान यूनिलीवर ने आम आदमी को बड़ा झटका दिया है। एफएमसीजी कंपनी ने एलान किया है कि वह चरणबद्ध तरीके से साबुन की कीमतों में 6 फीसदी की बढ़ोतरी करेगी। कंपनी का कहना है कि पाम तेल की बढ़ती लागत के मद्देनजर कंपनी यह कदम उठाने जा रही है। जानकारी के लिए बता दें कि कंपनी के पास ऐसे कई प्रोडक्ट्स हैं जो लोगों के बीच बहुत पॉपुलर हैं।

News18 : Feb 01, 2020, 12:12 PM
Budget 2020: बजट से पहले ही हिंदुस्तान यूनिलीवर (hindustan unilever) ने आम आदमी को बड़ा झटका दिया है। एफएमसीजी (FMCG) कंपनी ने एलान किया है कि वह चरणबद्ध तरीके से साबुन की कीमतों में 6 फीसदी की बढ़ोतरी करेगी। कंपनी का कहना है कि पाम तेल की बढ़ती लागत के मद्देनजर कंपनी यह कदम उठाने जा रही है। जानकारी के लिए बता दें कि कंपनी के पास ऐसे कई प्रोडक्ट्स हैं जो लोगों के बीच बहुत पॉपुलर हैं।

साबुन की कैटेगरी में ये हैं कंपनी के पॉपुलर ब्रांड

साबुन की कैटेगरी में एचयूएल (HUL) अग्रणी कंपनी है। कंपनी के पॉपुलर ब्रांड्स में डव, लक्स, लाइफबॉय, पीयर्स, हमाम, लिरिल और रेक्सोना जैसे साबुन शामिल हैं। एचयूएल के मुख्य वित्त अधिकारी श्रीनिवास पाठक ने कहा कि पिछले 6 माह में पाम तेल के दाम 25 से 30 फीसदी बढ़े हैं। पाठक ने तिमाही नतीजों की घोषणा के बाद कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा कि हम अपने पोर्टफोलियो में साबुन की कीमतें बढ़ाएंगे।

इसके तहत कीमतों में 5 से 6 फीसदी की बढ़ोतरी करेंगे। यह बढ़ोत्तरी फेजवाइज तरीके से की जाएगी। दिसंबर, 2019 को समाप्त तिमाही में एचयूएल का शुद्ध लाभ 12.95 फीसदी बढ़कर 1,631 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी की बिक्री 3.87 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 9,953 करोड़ रुपये रही है।

क्यों बढ़ी पाम आयल की कीमतें

बता दें कि कश्मीर में धारा 370 हटाने पर और नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बयान देने के बाद भारत ने मलेशिया से पाम तेल के आयात पर रोक लगा दी थी। भारत सालाना लगभग 1.5 करोड़ टन वनस्पति तेलों का आयात करता है। इसमें पाम तेल का हिस्सा 90 लाख टन है। बाकी 60 लाख टन सोयाबीन और सूरजमुखी तेल का आयात होता है। पाम तेल मुख्य तौर पर इंडोनेशिया और मलेशिया से आता है।