Coronavirus in India / भारत में कोरोना का कहर, वायरस हर दिन ले रहा आठ लोगों की जान

भारत में कोरोना वायरस से पहली मौत 11 मार्च को कर्नाटक में हुई थी। तब से लेकर 11 अप्रैल की शाम तक कोरोना वायरस संक्रमण के 7,500 केस दर्ज हो चुके हैं और 250 मौतें हो चुकी हैं। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि भारत में कोरोना वायरस से प्रतिदिन औसतन आठ मौतें हो रही हैं। यह खतरनाक कोरोना वायरस 8 प्रतिशत तक की मृत्युदर से साथ भारत के लगभग सभी राज्यों को अपनी चपेट में ले चुका है।

AajTak : Apr 12, 2020, 09:16 AM
Coronavirus in India: भारत में कोरोना वायरस से पहली मौत 11 मार्च को कर्नाटक में हुई थी। तब से लेकर 11 अप्रैल की शाम तक कोरोना वायरस संक्रमण के 7,500 केस दर्ज हो चुके हैं और 250 मौतें हो चुकी हैं। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि भारत में कोरोना वायरस से प्रतिदिन औसतन आठ मौतें हो रही हैं। यह खतरनाक कोरोना वायरस 8 प्रतिशत तक की मृत्युदर से साथ भारत के लगभग सभी राज्यों को अपनी चपेट में ले चुका है।

इंडिया टुडे की डाटा इंटेलीजेंस यूनिट (DIU) ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों का विश्लेषण किया। इसके मुताबिक, पंजाब में कोरोना मामलों की मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से लगभग तीन गुना ज्यादा है। भारत में 11 अप्रैल तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, Covid-19 के मामलों में औसत राष्ट्रीय मृत्यु दर 3।21 प्रतिशत है। हालांकि, कई राज्यों में इसकी मृत्युदर राष्ट्रीय औसत से तीन गुना तक ज्यादा है।

पंजाब की 8।33 प्रतिशत और मध्य प्रदेश की 7.59 प्रतिशत है। वहीं दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों में मृत्युदर 1।44 है। केस फेटलिटी रेट यानी कोरोना वायरस के मामलों में मृत्युदर से इस बीमारी की गंभीरता का पता चलता है।

आंकड़ों से पता चलता है कि जिन राज्यों में टेस्ट जितना ज्यादा हो रहा है, मृत्युदर उतनी ही कम है और जहां टेस्ट जितने कम हो रहे हैं वहां मृत्युदर उतनी ही ज्यादा है। उदाहरण के लिए, पंजाब ने कोरोना मामलों के कुल 3,461 टेस्ट किए और यहां मृत्यु दर 8।33 प्रतिशत दर्ज की गई। मध्य प्रदेश ने 7,049 टेस्ट किए और 432 कन्फर्म केसों में से 33 मौतें दर्ज की गईं। दूसरी तरफ, दिल्ली ने 11,061 टेस्ट किए और 10 अप्रैल तक यहां 1।44 प्रतिशत मौतें दर्ज की गईं।

भारत के सबसे प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में 7 प्रतिशत की मृत्युदर दर्ज की गई है। शनिवार सुबह तक महाराष्ट्र ने 30,000 से अधिक टेस्ट किए और इनमें से 1,574 मामले पॉजिटिव पाए गए हैं। दूसरे सबसे प्रभावित राज्य तमिलनाडु में 8,410 टेस्ट किए गए और 911 मामले सामने आए। इनमें से अब तक आठ मौतें हुई हैं।

भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश ने 11 अप्रैल की सुबह तक कुल 9,332 टेस्ट किए और 431 मामलों की पुष्टि हुई। राज्य ने इनमें से एक प्रतिशत की मौत की सूचना दी है। केरल ने 13,000 टेस्ट किए और आधा प्रतिशत मृत्युदर दर्ज की है।

कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने के मामले में छत्तीसगढ़ ने किसी भी राज्य के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है। इसके बाद केरल और हिमाचल प्रदेश हैं। छत्तीसगढ़ में कोरोना के आधे मरीज ठीक हो चुके हैं। केरल में यह संख्या एक तिहाई है, जबकि हिमाचल प्रदेश में पांच में से एक मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।

महाराष्ट्र और गुजरात में स्वस्थ होने की दर क्रमशः 12 और 10 प्रतिशत है जो कि बहुत कम है। मध्य प्रदेश, बिहार, असम, झारखंड और त्रिपुरा जैसे राज्यों में अब तक एक भी केस ऐसा नहीं हैं, जिसमें मरीज ठीक होकर घर लौटा हो।

भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या दो दिनों में 28 प्रतिशत बढ़कर 11 अप्रैल की सुबह तक 6,761 हो गई। पिछले कुछ दिनों में महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। जितने नए मामले सामने आए हैं, उनमें से आधे से ज्यादा इन्हीं राज्यों में हैं। मौत का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है। 30 दिनों में भारत में अब तक 239 लोगों की मौत हो चुकी है।