अच्छी खबर / चूहों पर टेस्ट में कारगर पाया गया कोरोना का टीका, बढ़ीं उम्मीदें

अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन, चूहों पर परीक्षण में सफल साबित हुई है। मॉडर्ना की वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल में चूहों पर टेस्ट में पाया गया कि यह वायरस के संक्रमण से बचाती है। ‘नेचर’ जर्नल में प्रकाशित निष्कर्षों के मुताबिक, चूहों में न्यूट्रिलाइजिंग एंटीबॉडीज, जब 1-माइक्रोग्राम (एमसीजी) की दो डोज इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन के रूप में दी गई।

AMAR UJALA : Aug 07, 2020, 09:30 AM
Delhi: अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन, चूहों पर परीक्षण में सफल साबित हुई है। मॉडर्ना की वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल में चूहों पर टेस्ट में पाया गया कि यह वायरस के संक्रमण से बचाती है। ‘नेचर’ जर्नल में प्रकाशित निष्कर्षों के मुताबिक, चूहों में न्यूट्रिलाइजिंग एंटीबॉडीज, जब 1-माइक्रोग्राम (एमसीजी) की दो डोज इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन के रूप में दी गई।

अतिरिक्त प्रयोगों में चूहों को एमसीजी  इंजेक्शन दिए गए थे। शोध में पाया गया है कि चूहों में संभावित कोरोना वैक्सीन की एक खुराक या एमआरएनए-1273 के 10 मिलीग्राम की खुराक लेने के बाद सात हफ्तों तक प्रतिरक्षा शक्ति बनी रही।

यह वैक्सीन चूहों में फेफड़ों में वायरल प्रतिकृति के खिलाफ संरक्षित थी। एनआईएआईडी वैक्सीन रिसर्च सेंटर वैज्ञानिकों ने वायरस की सतह पर स्पाइक प्रोटीन की परमाणु संरचना की पहचान के लिए टेक्सास यूनिवर्सिटी के जांचकर्ताओं के साथ काम किया।

मजबूत सीडी 8 टी-सेल विकसित किए गए

पाया गया है कि टीके ने चूहों में मजबूत सीडी 8 टी-सेल बनाए। यह उस प्रकार की सेलुलर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को प्रेरित नहीं करता है जो वैक्सीन से जुड़े श्वसन रोग से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि यह दुर्लभ, एलर्जी-प्रकार की सूजन 1960 के दशक में एक पूरे निष्क्रिय श्वसन सिंक्रोसियल वायरस (आरएसवी) वैक्सीन के साथ टीका लगाए गए व्यक्तियों में देखी गई थी।