News18 : Sep 20, 2020, 06:13 AM
नई दिल्ली। सरकार सांसदों में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के मामले बढ़ने के मद्देनजर मौजूदा मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) को निर्धारित समय से पहले खत्म करने पर विचार कर रही है। CNN-News18 को बिजनेस एडवाइजरी आउंसिल (BAC) की बैठक में मौजूद सूत्रों ने शनिवार को बताया कि सरकार और विपक्षी पार्टियां संसद के मानसून सत्र को अगले हफ्ते के मध्य तक खत्म करने पर सहमत हो गई हैं। संसद में कोविड-19 (COVID-19) के मामलों की संख्या को देखते हुए मानसून सत्र को रोकने के लिए लोकसभा अध्यक्ष द्वारा तत्काल प्रभाव से बीएसी की बैठक बुलाई गई थी। सूत्रों के अनुसार, बैठक में मौजूद लोगों ने कहा कि सत्र 24 सितंबर तक स्थगित किया जा सकता है। हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की गई है।
वहीं, सरकार ने संसद में विपक्ष से सहयोग की मांग की है। जबकि विपक्षी दलों ने कोरोना वायरस महामारी के प्रबंधन, राज्यों के लिए देय जीएसटी बकाया, पर्यावरण नीति और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए कहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि विपक्ष को स्पीकर ओम बिरला ने आश्वासन दिया है कि अगले सप्ताह संसद के शून्यकाल के दौरान जीएसटी पर चर्चा की जाएगी। जबकि सत्र के अंतिम दिन अन्य सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।सत्र के संदर्भ में अंतिम निर्णय संसदीय कार्य संबंधी कैबिनेट समिति लेगीमानसून सत्र गत 14 सितंबर से आरंभ हुआ था और तय कार्यक्रम के मुताबिक इसका समापन एक अक्टूबर को होना था। सत्र के संदर्भ में अंतिम निर्णय संसदीय कार्य संबंधी कैबिनेट समिति द्वारा लिया जाएगा। लोकसभा ने कृषि से संबंधित तीन विधेयकों को पारित कर दिया है। ये विधेयक अध्यादेशों के स्थान पर लाए गए थे। इसके साथ सांसदों के वेतन में कटौती से संबंधित अध्यादेश के स्थान पर लाए गए विधेयक को भी सदन की मंजूरी मिल गई है।सूत्रों ने कहा कि सत्र के दौरान संसद के कुछ सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। विपक्षी दलों ने सरकार से कहा है कि 18 दिनों का सत्र जोखिम भरा हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, सरकार ने इस दिशा में विचार करना आरंभ कर दिया है। गत 14 सितंबर से सत्र के होने के बाद से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और प्रह्लाद पटेल कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। दोनों सत्र में शामिल हुए थे। कई सांसदों के भी कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।सूत्रों का कहना है कि कोई भी निर्णय लेने से पहले सरकार सभी दलों को विश्वास में लेने के अलावा 11 अध्यादेशों को विधेयक के तौर पर पारित करा लेना चाहती है।
वहीं, सरकार ने संसद में विपक्ष से सहयोग की मांग की है। जबकि विपक्षी दलों ने कोरोना वायरस महामारी के प्रबंधन, राज्यों के लिए देय जीएसटी बकाया, पर्यावरण नीति और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए कहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि विपक्ष को स्पीकर ओम बिरला ने आश्वासन दिया है कि अगले सप्ताह संसद के शून्यकाल के दौरान जीएसटी पर चर्चा की जाएगी। जबकि सत्र के अंतिम दिन अन्य सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।सत्र के संदर्भ में अंतिम निर्णय संसदीय कार्य संबंधी कैबिनेट समिति लेगीमानसून सत्र गत 14 सितंबर से आरंभ हुआ था और तय कार्यक्रम के मुताबिक इसका समापन एक अक्टूबर को होना था। सत्र के संदर्भ में अंतिम निर्णय संसदीय कार्य संबंधी कैबिनेट समिति द्वारा लिया जाएगा। लोकसभा ने कृषि से संबंधित तीन विधेयकों को पारित कर दिया है। ये विधेयक अध्यादेशों के स्थान पर लाए गए थे। इसके साथ सांसदों के वेतन में कटौती से संबंधित अध्यादेश के स्थान पर लाए गए विधेयक को भी सदन की मंजूरी मिल गई है।सूत्रों ने कहा कि सत्र के दौरान संसद के कुछ सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। विपक्षी दलों ने सरकार से कहा है कि 18 दिनों का सत्र जोखिम भरा हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, सरकार ने इस दिशा में विचार करना आरंभ कर दिया है। गत 14 सितंबर से सत्र के होने के बाद से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और प्रह्लाद पटेल कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। दोनों सत्र में शामिल हुए थे। कई सांसदों के भी कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।सूत्रों का कहना है कि कोई भी निर्णय लेने से पहले सरकार सभी दलों को विश्वास में लेने के अलावा 11 अध्यादेशों को विधेयक के तौर पर पारित करा लेना चाहती है।