Coronavirus / जानें क्या होती है प्लाज्मा थैरेपी, किन मरीजों को दी जाती है

प्लाज्मा थैरेपी खून से प्लाज्मा अलग करके मरीजों को दिया जाता है। इसका प्रयोग पहले भी कई अन्य बीमारियों में किया जा चुका है। कोरोना वायरस की बात करें तो संक्रमित मरीज जब ठीक हो जाता है तो उसके शरीर में एंटीबॉडी बनती हैं। ये एंटीबॉडी व्यक्ति के खून के अंदर मौजूद प्लाज्मा में होते हैं। इसे ही गंभीर रूप से संक्रमित व्यक्ति को चढ़ाते हैं जिससे वे जल्दी ठीक हो जाते हैं।

AMAR UJALA : Jun 30, 2020, 02:37 PM
कोरोना वायरस | देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस बीमारी के लिए अभी कोई दवा या टीका नहीं बन पाया है। इसी वजह से कई तरह के प्रयोगों के जरिए मरीजों का इलाज किया जा रहा है। ऐसा ही एक प्रयोग प्लाज्मा थैरेपी है। जिसमें संक्रमण से उबर चुका व्यक्ति अपना खून दान करके किसी गंभीर मरीज की जान बचाने में मदद कर सकता है। दिल्ली सहित कई राज्यों में गंभीर मरीजों को यह थैरेपी दी जा रही है। ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कि प्लाज्मा थैरैपी क्या है और किसे दी जा सकती है।

क्या होती है प्लाज्मा थैरैपी

प्लाज्मा थैरेपी खून से प्लाज्मा अलग करके मरीजों को दिया जाता है। इसका प्रयोग पहले भी कई अन्य बीमारियों में किया जा चुका है। कोरोना वायरस की बात करें तो संक्रमित मरीज जब ठीक हो जाता है तो उसके शरीर में एंटीबॉडी बनती हैं। ये एंटीबॉडी व्यक्ति के खून के अंदर मौजूद प्लाज्मा में होते हैं। इसे ही गंभीर रूप से संक्रमित व्यक्ति को चढ़ाते हैं जिससे वे जल्दी ठीक हो जाते हैं। हाल ही में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री को प्लाज्मा चढ़ाया गया। उनकी सेहत में बहुत तेजी से सुधार हो रहा है। 

संक्रमण से उबर चुके व्यक्ति के शरीर में मौजूद एंटीबॉडी की मदद से कोविड-19 रोगी के रक्त में मौजूद वायरस को खत्म किया जा सकता है। संक्रामक रोगों के इलाज के लिए सदियों से प्लाज्मा थैरेपी वाला इलाज होता रहा है। इससे पहले सार्स, मर्स और एच1एन1 जैसी महामारियों के इलाज में भी प्लाज्मा थैरेपी का ही इस्तेमाल हुआ था।

क्या सभी को प्लाज्मा थैरेपी दी जाती है

प्लाज्मा थैरेपी ऐसे मरीजों को दी जाती है जो ऑक्सीजन और वेंटिलेटर के बाद भी ठीक नहीं हो पाते हैं। मरीजों को बचाने के लिए कई दवाइयों और प्लाज्मा थैरेपी का प्रयोग किया जा रहा है। उनमें प्लाज्मा थैरेपी के परिणाम काफी अच्छे रहे। प्लाज्मा थैरेपी का भी अभी ट्रायल चल रहा है वो इसलिए क्योंकि अभी इसकी कोई दवा या टीका नहीं बना है। इसलिए इसे ट्रायल ही बोला जा रहा है।