Vikrant Shekhawat : Jan 11, 2022, 09:14 PM
Coronavirus | जिंदगी की आस छोड़ चुके एक 55 वर्षीय दुलारचंद मुंडा को कोविशील्ड ने जीने की राह आसान कर दी। क्षेत्र में चर्चा यह है कि 5 वर्षों से जिंदगी की जंग लड़ रहे मुंडा सिर्फ कोविशिल्ड वैक्सीन लेने के बाद न सिर्फ उनकी लड़खड़ाती आवाज बेहतर हो गई। बल्कि उसके शरीर में नई जान आ गई। मामला बोकारो जिले के पेटरवार प्रखंड के उतासारा पंचायत अंतर्गत सलगाडीह गांव का है। पंचायत के मुखिया सुमित्रा देवी व पूर्व मुखिया महेंद्र मुंडा ने भी इसे वैक्सीन का असर बताया है।सलगाडीह गांव निवासी स्व.रोहन मुंडा का पुत्र दुलारचंद मुंडा (55 वर्ष) करीब पांच वर्ष पूर्व एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया था। इलाज होने के बाद वह ठीक तो हो गया ,लेकिन उसके शरीर का अंग काम करना बंद कर दिया था। इसके साथ उसकी आवाज भी लड़खड़ाने लगी थी। 1 साल से उसकी जिंदगी चारपाई में ही बीत रही थी। वह ठीक से बोल भी नहीं पा रहा था। घर का एकमात्र कमाऊ सदस्य के अस्वस्थ हो जाने के कारण परिवार के समक्ष रोजी- रोटी के लाले पड़ने लगे।इस संबंध में चिकित्सा प्रभारी डॉ अलबेल केरकेट्टा ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका की ओर से चार जनवरी को उसके घर मे जाकर वैक्सीन दिया गया था और पांच जनवरी से ही उसके बेजान शरीर ने हरकत करना शुरू कर दिया था। कहा कि उसे इस्पाइन का प्रॉब्लम था जिसका कई तरह का रिपोर्ट हमने देखा भी था। बहरहाल यह एक जांच का विषय बनता है। जबकि सीविल सर्जन डॉ जितेद्र कुमार ने कहा यह आशर्चय जनकर घटना है।