AajTak : Dec 07, 2019, 04:52 PM
ऑटो कंपोनेंट यानी वाहन कलपुर्जा इंडस्ट्री की हालत ठीक नहीं है। इस इंडस्ट्री का कहना है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कुल कारोबार 10 फीसदी गिर गया है। वहीं करीब 1 लाख अस्थायी लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं।इस इंडस्ट्री के संगठन ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एक्मा) ने कहा कि ऑटो मार्केट में गिरावट का असर कलपुर्जा बनाने वाली कंपनियों पर भी पड़ा है। एक्मा के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री ने कुल 1।79 लाख करोड़ रुपये का कारोबार किया। अगर एक साल पहले से इसकी तुलना करें तो 10 फीसदी की गिरावट है। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री का कुल कारोबार 1।99 लाख करोड़ रुपये था।
2 अरब डॉलर के निवेश का नुकसान
एक्मा के मुताबिक कारोबार में सुस्ती का असर निवेश पर भी पड़ा है और ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री को 2 अरब डॉलर तक के निवेश का नुकसान उठाना पड़ा है। एक्मा के अध्यक्ष दीपक जैन ने कहा, ‘‘ऑटो इंडस्ट्री लंबे समय से सुस्ती का सामना कर रहा है। पिछले एक साल से सभी कैटेगरी की कार बिक्री में गिरावट बनी हुई है। ’’
जैन के मुताबिक पिछले साल अक्टूबर से इस साल जुलाई तक बहुत बड़ी संख्या में लोगों को नौकरी से निकाला गया है। उनके अनुसार इस अवधि में करीब एक लाख अस्थायी कर्मचारियों को काम से हटाना पड़ा है। उन्होंने आगे कहा कि ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री की ग्रोथ ऑटो सेक्टर पर निर्भर करती है। लेकिन चालू अवधि में वाहन उत्पादन में 15 से 20 फीसदी की गिरावट की वजह से ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री पर बुरा प्रभाव पड़ा है।
बता दें कि ऑटो सेक्टर लंबे समय से सुस्ती के दौर से गुजर रहा है। इस सेक्टर की हर बड़ी कंपनी की बिक्री में गिरावट आई है। इन हालातों में मारुति सुजुकी, अशोक लीलैंड समेत कई बड़ी कंपनियों ने प्रोडक्शन में कटौती कर दी है।
2 अरब डॉलर के निवेश का नुकसान
एक्मा के मुताबिक कारोबार में सुस्ती का असर निवेश पर भी पड़ा है और ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री को 2 अरब डॉलर तक के निवेश का नुकसान उठाना पड़ा है। एक्मा के अध्यक्ष दीपक जैन ने कहा, ‘‘ऑटो इंडस्ट्री लंबे समय से सुस्ती का सामना कर रहा है। पिछले एक साल से सभी कैटेगरी की कार बिक्री में गिरावट बनी हुई है। ’’
जैन के मुताबिक पिछले साल अक्टूबर से इस साल जुलाई तक बहुत बड़ी संख्या में लोगों को नौकरी से निकाला गया है। उनके अनुसार इस अवधि में करीब एक लाख अस्थायी कर्मचारियों को काम से हटाना पड़ा है। उन्होंने आगे कहा कि ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री की ग्रोथ ऑटो सेक्टर पर निर्भर करती है। लेकिन चालू अवधि में वाहन उत्पादन में 15 से 20 फीसदी की गिरावट की वजह से ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री पर बुरा प्रभाव पड़ा है।
बता दें कि ऑटो सेक्टर लंबे समय से सुस्ती के दौर से गुजर रहा है। इस सेक्टर की हर बड़ी कंपनी की बिक्री में गिरावट आई है। इन हालातों में मारुति सुजुकी, अशोक लीलैंड समेत कई बड़ी कंपनियों ने प्रोडक्शन में कटौती कर दी है।