- भारत,
- 27-Mar-2025 09:40 AM IST
Donald Trump News: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ के ऐलान से दुनियाभर के कई देशों की चिंता बढ़ा दी है। हाल ही में वेनेजुएला पर टैरिफ लगाने के बाद, अब उन्होंने अमेरिका में विदेशी कारों और उनके पुर्जों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की है। व्हाइट हाउस का दावा है कि इस कदम से घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा और अमेरिका को हर साल 100 अरब डॉलर का राजस्व प्राप्त होगा।
ट्रंप का तर्क
ट्रंप का कहना है कि यदि कंपनियां अपनी कारों का निर्माण अमेरिका में करती हैं, तो उन पर कोई टैरिफ नहीं लगेगा। हालांकि, इस फैसले से उन ऑटो निर्माताओं के लिए वित्तीय चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं, जो अपनी आपूर्ति श्रृंखला के लिए अन्य देशों पर निर्भर हैं। यह नई इंपोर्ट ड्यूटी 2 अप्रैल से लागू होगी और 3 अप्रैल से इसकी वसूली शुरू हो जाएगी।टैरिफ लगाने का उद्देश्य
ट्रंप प्रशासन का मानना है कि इस टैरिफ से:- अमेरिका में लोकल प्रोडक्शन को बढ़ावा मिलेगा।
- विदेशों पर निर्भरता कम होगी।
- अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ
विदेशी नेताओं ने इस निर्णय की आलोचना की है, जिससे वैश्विक व्यापारिक तनाव बढ़ने की संभावना है। विशेष रूप से कनाडा और यूरोपीय संघ ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। यूरोपीय संघ ने अमेरिकी निर्यात पर 26 अरब डॉलर के प्रतिशोधात्मक टैरिफ लगाने की घोषणा की है। वहीं, ब्रिटेन, जिसने 2023 में अमेरिका को 6.4 अरब पाउंड मूल्य की कारों का निर्यात किया था, इस नए टैरिफ से विशेष रूप से प्रभावित होगा।अमेरिका में बढ़ेगी कारों की कीमत
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की टैरिफ नीति से अमेरिकी ऑटोमोबाइल उद्योग को झटका लग सकता है। ऑटो निर्माताओं की सप्लाई चेन बाधित हो सकती है और ग्राहकों को महंगे वाहनों का सामना करना पड़ सकता है। इससे आने वाले दिनों में अमेरिका में कार खरीदना महंगा हो सकता है।ऑटोमोबाइल सेक्टर में गिरावट
ट्रंप के इस फैसले के बाद अमेरिकी और विदेशी ऑटोमोबाइल कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई।- जनरल मोटर्स के शेयर 3% तक गिरे।
- फोर्ड के शेयरों में मामूली वृद्धि देखी गई।
- स्टेलांटिस (जीप और क्रिसलर की मूल कंपनी) के शेयर 3.6% तक गिर गए।