Vikrant Shekhawat : Mar 08, 2022, 11:26 AM
यूक्रेन पर हमले से गुस्साए अमेरिका व यूरोपीय देश रूस से तेल के आयात पर पाबंदियां लगाने पर विचार कर हैं। इसे लेकर रूस ने चेतावनी दी है कि यदि ऐसा हुआ तो कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) के दाम 300 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जाएंगे। इसका मतलब कि भारत समेत दुनियाभर में पेट्रोल के दाम दोगुने से ज्यादा बढ़ जाएंगे। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि वाशिंगटन और यूरोपीय सहयोगी देश रूस से तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहे हैं। उनके इस बयान के बाद सोमवार को तेल की कीमतें 2008 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। यह क्रूड ऑयल का 14 सालों का उच्चतम स्तर है। इसके बाद रूस के उप प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने चेताया कि यूक्रेन मामले को लेकर यदि रूस से तेल आयात पर प्रतिबंध लगाए गए तो विश्व तेल बाजार पर विनाशकारी असर पड़ेगा। कच्चे तेल के दामों में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी होगी। कच्चे तेल के दाम में 300 डॉलर प्रति बैरल तक की बढ़ोतरी हो सकती है। नोवाक का यह बयान रूसी समाचार एजेंसियों ने जारी किया है। उन्होंने यह भी कहा कि यूरोप के बाजार में रूसी तेल का विकल्प तेजी से तैयार करना असंभव है। रूस-जर्मनी गैस पाइपलाइन के बंद होने का भी सामना करना पड़ सकता है। रूस के उप प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि आप रूस से तेल व गैस की आपूर्ति नामंजूर करना चाहते हैं, तो आगे बढ़ें। हम तैयार हैं। रूस यूरोप की 40% तेल व गैस की आपूर्ति करता है। नोवाक ने कहा कि रूस अपने दायित्वों को पूरा कर रहा है।नोवाक ने कहा कि यूरोप में रूस के अलावा अन्य बाजार से तेल पहुंचाने के प्रबंध करने में कम से कम एक साल लगेगा। यह यूरोप के ग्राहकों के लिए काफी महंगा होगा। रूसी नेता ने कहा कि रूसी तेल पर पाबंदियों से तेल बाजार में अनिश्चिता फैलेगी और निश्चित रूप से इसका असर ग्राहकों पर पड़ेगा। जर्मनी को गैस आपूर्ति करने वाली नार्ड 2 पाइपलाइन पर पाबंदी के बदले में रूस नार्ड 1 पाइप लाइन से आपूर्ति रोक सकता है। हालांकि हमने अभी यह फैसला नहीं है, क्योंकि इससे किसी को लाभ नहीं होगा। हालांकि यूरोप के नेता रूस पर आरोप लगाकर व बयान देकर हमें ऐसा करने के लिए विवश कर रहे हैं। सोमवार को क्रूड के दाम 10 डॉलर उछल कर 139 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गए। ये 2008 के बाद सबसे बड़ा उछाल था। यूक्रेन युद्ध लंबा खिंचता है तो कच्चा तेल 185 डॉलर प्रति बैरल के पार निकल सकता है। सोमवार को तड़के कच्चे तेल की कीमत में एकाएक 10 डॉलर की तेजी आ गई और इसने 14 साल के उच्चतम स्तर को छू लिया। 2008 में कच्चा तेल 147 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया था।