Vikrant Shekhawat : Jan 14, 2023, 05:25 PM
Cryptocurrency: जनवरी के महीने में क्रिप्टोकरेंसी मार्केट और निवेशकों के लिए काफी अच्छा देखने को मिल रहा है. लांग टर्म निवेशकों के नुकसान की भरपाई देखने को मिल रही है. खास बात तो ये है कि जनवरी में करीब दो हफ्तों के कारोबार में बिटकॉइन की कीमत (Bitcoin Price) में करीब 27 फीसदी का इजाफा देखने को मिल चुका है. खास बात तो ये है कि नवंबर के बाद पहली बार क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कैप (Cryptocurrency Market Cap) एक ट्रिलियन डॉलर हो चुका है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर दुनिया की बड़ी और प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के दाम कितने हो गए हैं.बिटकॉइन के दाम में 11 फीसदी का इजाफादुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के दाम में 24 घंटे के कारोबार में 11 फीसदी से ज्यादा का उछाल देखने को मिल चुका है और दाम 20,968.77 डॉलर हो गए हैं. खास बात तो ये है कि बीते एक हफ्ते में इस करेंसी में करीब 24 फीसदी की तेजी देखने को मिल चुकी है. जनवरी के महीने की बात करें तो बिटकॉइन के दाम में 27 फीसदी का इजाफा देखने को मिल चुका है. आपको बता दें कि नवंबर 2021 में बिटकॉइन के दाम 68,990.90 डॉलर पर पहुंच गए थे.इथेरियम और बाकी करेंसी का हालवहीं दूसरी ओर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इथेरियम के दाम में बीते 24 घंटे में 10 फीसदी का इजाफा देखने को मिल चुका है. आंकड़ों पर बात करें तो इथेरियम के दाम 1,554.84 डॉलर पर आ गए हैं. जबकि बीते 7 दिनों में इथेरियम 23 फीसदी का उछाल ले चुका है. बायनेंस में बीते 7 दिनों में 17 फीसदी की तेजी देखने को मिल चुकी है और आज करीब 6 फीसादी की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है. कार्डानो में बीते एक हफ्ते में 30 फीसदी का उछाल देखने को मिल चुका है. डॉगेकॉइन के दाम 7 दिनों में 21.50 फीसदी के उछाल के साथ कारोबार कर रहा है. सोलाना में बीते 24 घंटे में 29 फीसदी की तेजी देखने को मिल रही है और 7 दिनों में 65.73 फीसदी की तेजी देखने को मिल रही है. शिबा इनु के दाम में आज करीब 11 फीसदी का उछाल देखने को मिल रहा है.एक ट्रिलियन डॉलर पर पहुंचा मार्केट कैपक्रिप्टोकरेंसी में तेजी की वजह से मार्केट कैप में काफी उछाल देखने को मिला है. आंकड़ों के अनुसार नवंबर 2022 के बाद क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कैप एक ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गई है. वास्तव में महंगाई के आंकड़े कम आने की वजह से क्रिप्टो मार्केट में तेजी देखने को मिल रही है. जानकारों का अनुमान है कि महंगाई के आंकड़ें कम आने की वजह से केंद्रीय बैंक की ओर से ब्याज दरों में तेजी कम देखने को मिलेगी. जिसकी वजह से निवेशक रिस्की असेट्स की ओर रुख किए हुए हैं.