जैसलमेर । हनुमान चौराह क्षेत्र में इन दिनों अजीब नजारा देखने को मिल रहा है। अमरसागर प्रोल से आगे हनुमान चौराहा क्षेत्र में किसी को आने जाने की अनुमति नहीं है। यहां से निकलने वाले सभी रास्तों पर बेरिकेडिंग की हुई है। बेरिकेडिंग के पास पुलिस के जवान खड़े हैं। जो बेरिकेडिंग के इधर किसी को आने नहीं दे रहे हैं जबकि दूसरी तरफ चाहे कितनी भीड़ हो वे रोक नहीं रहे हैं। 10 फीट के फासले में एक तरफ सन्नाटा तो दूसरी तरफ कदम रखने तक की जगह नहीं।
गौरतलब है कि माहेश्वरी सेवा सदन में चेन्नई से आए कुछ प्रवासी क्वारेंटाइन थे और उन में से कई पॉजिटिव भी आ गए। इसके चलते प्रशासन ने हनुमान चौराहा पर कर्फ्यू लगा दिया जबकि हनुमान चौराहा से लगते पुराने ग्रामीण बस स्टैंड पर मेले जैसा माहौल है। चौराहे की भीड़ पुराने ग्रामीण बस स्टैंड में डायवर्ट हो गई और पहले से ही वह व्यस्ततम इलाका है। अब वहां कदम रखने तक की जगह नहीं रहती। दर्जनों ठेले वाले और सैकड़ों की संख्या में लोग दिन भर एकत्र रहते हैं।
सोशल डिस्टेंसिंग भूले, मास्क भी नहीं पहन रहे हैं लोग, संक्रमण का खतरा बढ़ा
इस इलाके में इतनी भीड़ है कि सोशल डिस्टेंसिंग की अगर कोई पालना करनी चाहे भी तो नहीं हो सकती। पुलिस व प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं है। हनुमान चौराहा पर पुलिस के जवान तैनात है लेकिन इस मेले जैसे माहौल पर किसी की निगरानी नहीं है। जानकारों के अनुसार इतनी भीड़ में यदि कोई कोरोना मरीज पहुंच गया तो जैसलमेर में कोरोना विस्फोट हो सकता है। न चाहते हुए भी लोग भीड़ में एक दूसरे के संपर्क में आ रहे हैं।
लॉकडाउन खुलने के बाद बाजार में जगह जगह भीड़ लग रही है। कोरोना से बचने के नियमों की कोई पालना नजर नहीं आ रही है। लॉकडाउन में जहां जगह जगह पुलिस बल तैनात रहता था वहीं अब नजर नहीं आ रहा है। कोरोना से बचाव को लेकर लोग लापरवाह है तो वहीं प्रशासन भी उदासीन नजर आ रहा है।
जागरूकता अभियान की खानापूर्ति,पॉजिटिव केस वाले इलाकों पर ही ध्यान
सरकार के दिशा निर्देशानुसार जिले भर में कोरोना जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। मंत्री से लेकर प्रशासन के अधिकारी इसमें व्यस्त है। लोगों को जागरूक करने के लिए तरह तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं लेकिन जागरूकता कहीं नजर नहीं आ रहा है। यह कार्यक्रम पूरी तरह से खानापूर्ति साबित हो रहा है। इतना ही नहीं सरकार इस पर लाखों रुपए भी खर्च कर रही है।
जिसके चलते अभियान तो नजर आ रहा है लेकिन जागरूकता कहीं दिख नहीं रही है। प्रशासन व पुलिस ने अब सिर्फ उन इलाकों पर ही निगरानी शुरू कर दी है जहां कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं। जिन मोहल्लों से कोरोना मरीज आ रहे हैं वहां पर तो कर्फ्यू लगाकर पुलिस तैनात कर दी जा रही है लेकिन इसके अलावा शहर भर में कहीं भी निगरानी नहीं है। चाहे नियमों की पालना हो या फिर नहीं।
- पिछले कई दिनों से हनुमान चौराहा का क्षेत्र बंद पड़ा है। दुकानदारों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है जबकि 20 मीटर की दूरी पर बाजार में भारी भीड़ उमड़ रही है। -सुभाष भाटिया, दुकानदार
- लॉकडाउन में पहले से ही नुकसान झेल चुके थे और अब फिर से कर्फ्यू लगा दिया है। प्रशासन सिर्फ इसी इलाके में ध्यान दे रहा है जबकि पुराने ग्रामीण बस स्टैंड में मेले जैसा माहौल रोजाना नजर आ रहा है। -मनीष कुमार, दुकानदार