Vikrant Shekhawat : Sep 28, 2021, 05:46 PM
आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन बढ़ गई है, लेकिन अगर आपकी आय टैक्सेबल नहीं है, यानी आपकी आय पर टैक्स नहीं कटता या फिर अगर कोई रिफंड भी नहीं बनता तो भी क्या आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करनी चाहिए या नहीं? जानिए.इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर, 2021 हो गई है. गुरुवार यानी 9 सितंबर, 2021 को वित्त मंत्रालय ने घोषणा की कि आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा (ITR Filing Deadline) 31 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है. कोरोना महामारी को देखते हुए इससे पहले मई में इसे 30 सितंबर तक बढ़ाया गया था. वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि CBDT (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) ने वर्ष 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न और ऑडिट की विभिन्न रिपोर्ट दाखिल करने की नियत तारीखें बढ़ा दी है. अगर आपने अभी तक रिटर्न फाइल नहीं किया है तो जरूर कर लीजिए. ड्यू डेट के पहले अपना रिटर्न नहीं फाइल करने पर आपको जुर्माना देना पड़ सकता है. अलग-अलग आय वर्ग के लोगों को अलग-अलग जुर्माना भरना पड़ता है.लेकिन असली सवाल यह कि अगर आपकी आय टैक्सेबल नहीं है, यानी आपकी आय पर टैक्स नहीं कटता या फिर अगर कोई रिफंड भी नहीं बनता तो भी क्या आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करनी चाहिए या नहीं? दरअसल हां, अगर आपकी सालाना आय पर आप टैक्स रिटर्न फाइल कर रहे हैं चाहे भले ही कोई टैक्स कट नहीं बनता हो या फिर रिफंड न मिलता हो, आपको इसके कई फायदे मिलते हैं. आपका आईटीआर कई मामलों में आपको कई लाभ पहुंचा सकता है, वहीं कई मौकों पर अहम दस्तावेज का काम कर सकता है.
क्या है ITR फाइल करने के फायदे?नहीं भरना होता जुर्मानासबसे पहली बात आपको आईटीआर न भरने के लिए या फिर देरी से भरने के लिए निर्धारित जुर्माना नहीं भरना पड़ता. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में आपका रिकॉर्ड क्लीन रहता है. वहीं, आप कानूनी पचड़ों के झंझट से भी बच जाते हैं. अगर आपकी सालाना आय 5 लाख से कम है तो आपको 1,000 और इससे ज्यादा की आय पर 10,000 का जुर्माना भरना पड़ता है. ऐसे में आपकी ड्यूटी बनती है कि आप अपना टैक्स रिटर्न फाइल करें.
क्रेडिट और लोन प्रोसेसिंग में मिलती है मदद
आईटीआर की रसीद ऐसे मौके पर काम आती है. अगर आप भविष्य में कभी पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करना चाहते हैं तो यह मदद कर सकती है. बैंक और फाइनेंशियल कंपनियांं आपका क्रेडिट तय करने में आईटीआर की रसीद को वरीयता देती हैं. ऐसे में अगर आप अपना रिटर्न फाइल करते रहे हैं तो आपको लोन लेने में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
क्या है ITR फाइल करने के फायदे?नहीं भरना होता जुर्मानासबसे पहली बात आपको आईटीआर न भरने के लिए या फिर देरी से भरने के लिए निर्धारित जुर्माना नहीं भरना पड़ता. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में आपका रिकॉर्ड क्लीन रहता है. वहीं, आप कानूनी पचड़ों के झंझट से भी बच जाते हैं. अगर आपकी सालाना आय 5 लाख से कम है तो आपको 1,000 और इससे ज्यादा की आय पर 10,000 का जुर्माना भरना पड़ता है. ऐसे में आपकी ड्यूटी बनती है कि आप अपना टैक्स रिटर्न फाइल करें.
क्रेडिट और लोन प्रोसेसिंग में मिलती है मदद
आईटीआर की रसीद ऐसे मौके पर काम आती है. अगर आप भविष्य में कभी पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करना चाहते हैं तो यह मदद कर सकती है. बैंक और फाइनेंशियल कंपनियांं आपका क्रेडिट तय करने में आईटीआर की रसीद को वरीयता देती हैं. ऐसे में अगर आप अपना रिटर्न फाइल करते रहे हैं तो आपको लोन लेने में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा.