Vikrant Shekhawat : May 20, 2021, 05:34 PM
नई दिल्ली: कोरोना संकट के बीच दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) के मामलों ने केजरीवाल सरकार की चिंता बढ़ा दी है। ब्लैक फंगस को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों और विशेषज्ञ के साथ गुरुवार को एक हाई लेवल मीटिंग की। इस मीटिंग में तेजी से फैलती इस बीमारी पर काबू पाने के लिए कुछ अहम फैसले लिए गए हैं। जानकारी के अनुसार, बैठक में यह निर्णय लिए गए कि ब्लैक फंगस के इलाज के लिए दिल्ली के एलएनजेपी, जीटीबी और राजीव गांधी अस्पतालों में समर्पित उपचार केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं का पर्याप्त मात्रा में प्रबंध किया जाएगा और बीमारी से बचाव के उपायों को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाई जाएगी। सरकार स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है। कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली के अस्पतालों में इस संक्रमण से उबर रहे लोगों में म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के मामले तेजी से बढ़ते दिख रहे हैं। कई निजी और सरकारी अस्पतालों में इस बीमारी के मरीजों का इलाज चल रहा है।डॉक्टरों के अनुसार, म्यूकोरमाइकोसिस के मामले बढ़ने की वजह बिना डॉक्टर की सलाह के घर में स्टेरॉयड का अंधाधुंध सेवन है। यह फंगल इंफेक्शन मस्तिष्क, फेफड़े और 'साइनस' को प्रभावित करता है तथा डायबिटीज के रोगियों एवं कम इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों के लिए जानलेवा हो सकता है।एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के वितरण के लिए 4 सदस्यीय कमेटी बनाई दिल्ली सरकार ने एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन (Amphotericin-B injection) के अंधाधुंध इस्तेमाल को रोकने तथा जरूरतमंद एवं अस्पताल में भर्ती कोविड-19 मरीजों के बीच इस दवा के वितरण की पारदर्शी एवं कुशल व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए चार सदस्यीय तकनीकी विशेषज्ञ कमेटी बनाई है। इस दवा का इस्तेमाल ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस के इलाज में किया जाता है और फिलहाल इसकी कमी हो गई है।दिल्ली के अस्पतालों ने कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान कोरोना संक्रमण से उबर रहे मरीजों में ब्लैक फंगस के मामले बढ़ने की बात कही है और इसकी वजह डाक्टर से बिना परामर्श लिए, घरों में स्टेरॉयड का अतार्कित इस्तेमाल हो सकता है। इस कमेटी के प्रमुख श्वांस रोग विज्ञानी डॉ. एम के डागा होंगे, जबकि मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की डॉ. मनीषा अग्रवाल, डॉ. एस अनुराधा और डॉ. रवि मेहर अन्य सदस्य होंगे।स्वास्थ्य विभाग के 18 मई के आधिकारिक आदेश के अनुसार, मरीजों के इलाज के लिए एंफोटेरिसिन-बी की जरूरत महसूस कर रहे सभी कोविड-19 अस्पतालों को इस विशेषज्ञ कमेटी को आवेदन देना होगा जो दिन में दो बार बैठक करके इन आवेदनों पर शीघ्र फैसला करेगी क्योंकि ऐसे मामलों में समय एक अहम तत्व है। आदेश में कहा गया है कि इस कमेटी के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत साक्ष्य आधारित, चिकित्सीय दृष्टि से स्वीकृत मापदंड तथा समानता, यथोचित वितरण एवं पारदर्शिता होंगे।विभाग ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशालय, कमेटी के साथ तालमेल कायम करके निर्णय लेने में मदद करेगा और मंजूरी से लेकर संबंधित अस्पताल तक इस दवा की आपूर्ति पर नजर रखेगा।