Vikrant Shekhawat : May 01, 2022, 08:44 AM
राजधानी में बीते 24 घंटे में कोरोना के 1520 नए मामले मिले और संक्रमण दर 5.1 फीसदी दर्ज की गई है। इससे पहले दो माह पहले पांच फरवरी को 1604 व एक फरवरी को 5.1 फीसदी संक्रमण दर दर्ज की गई थी।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, 29 अप्रैल को नए मामलों की संख्या 1607 थी व संक्रमण दर 5.28 फीसदी रिकॉर्ड की गई थी। वहीं, दो मरीजों को मौत रिकॉर्ड की गई थी। शुक्रवार को 30459 टेस्ट किए गए थे व अस्पतालों में 148 मरीज भर्ती थे। फिलहाल सक्रिय मरीजों की संख्या 5716 है। अस्तपतालों में भर्ती मरीजों की संख्या 154 है। आईसीयू में 48, ऑक्सीजन सपोर्ट पर 49 व वेंटिलेटर दो मरीज और होम आइसोलेशन में 4044 मरीज हैं।
देश में कोरोना के 3,688 नए मामले, 50 की मौतदेश में कोरोना के मामलों में तेजी जारी है। पिछले 24 घंटे में 3,688 नए मामले मिले हैं, जबकि 50 लोगों की मौत हो गई है। अब तक कुल 4,30,75,864 मरीज मिल चुके हैं। सक्रिय मरीज 18,684 हो गए हैं। कोरोना से अब तक 5,23,803 लोगों की मौत हो चुकी है। देश में कुल संक्रमण दर 0.04 फीसदी है, स्वस्थ होने वालों की दर 98.74 फीसदी दर्ज की गई है।नौ महीने के अंतराल पर ही लगेगी एहतियाती खुराककेंद्र सरकार ने कोविड-19 वैक्सीन की एहतियाती खुराक लगवाने के अंतराल को नौ से छह महीने नहीं किया है। अधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को कहा कि एहतियाती खुराक दूसरी खुराक लगवाने के नौ महीने बाद ही लगेगी।
कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिरक्षा पर राष्ट्रीय सलाहकार समूूह (एनटीएजीआई) की शुक्रवार को हुई बैठक में बूस्टर या एहतियाती खुराक के बीच अंतराल कम करने पर चर्चा हुई। हालांकि सूत्रों ने कहा कि बैठक में ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई।
बैठक में शामिल विशेषज्ञों के मिलीजुली राय थी कि आधिकारिक डाटा के अनुसार ही देश में बूस्टर डोज के लिए अंतराल कम किया जाना चाहिए। एहतियाती खुराक के तौर पर तीसरी खुराक लगवाने को लेकर लोगों ने काफी कम रुचि दिखाई है। केंद्र सरकार ने 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को एहतियाती खुराक लगाने की अनुमति दी है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की कोविड-19 राष्ट्रीय कार्यबल के सह चेयरमैन डॉ. राजीव जयदेवन के अनुसार, पहली और तीसरी खुराक के बीच लंबे अंतराल से लोगों में कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ बेहतर प्रतिरक्षा तैयार होती है। उन्होंने कहा कि हमने पाया है कि यदि दूसरी खुराक हाल ही में लगी है तो इससे ज्यादा अंतर नहीं आता है। दूसरे शब्दों में आप पहले से ही सुरक्षित हैं, लेकिन यदि तीसरी खुराक लगती है तो कोई ज्यादा असर नहीं पड़ता है।
हालांकि हमने पाया कि जिन लोगों ने दूसरी खुराक के बाद छह महीने या इससे अधिक अंतराल पर तीसरी खुराक लगवाई, उनमें प्रतिरक्षा बेहतर पाई गई। लंबे अंतराल में एहतियाती खुराक ने ज्यादा असर दिखाया। देश में 15 या इससे अधिक उम्र के 96 फीसदी लोगों को कोविड-19 की कम से कम एक खुराक लग चुकी है जबकि 83 प्रतिशत लोगों को दोनों खुराकें लग चुकी हैं।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, 29 अप्रैल को नए मामलों की संख्या 1607 थी व संक्रमण दर 5.28 फीसदी रिकॉर्ड की गई थी। वहीं, दो मरीजों को मौत रिकॉर्ड की गई थी। शुक्रवार को 30459 टेस्ट किए गए थे व अस्पतालों में 148 मरीज भर्ती थे। फिलहाल सक्रिय मरीजों की संख्या 5716 है। अस्तपतालों में भर्ती मरीजों की संख्या 154 है। आईसीयू में 48, ऑक्सीजन सपोर्ट पर 49 व वेंटिलेटर दो मरीज और होम आइसोलेशन में 4044 मरीज हैं।
देश में कोरोना के 3,688 नए मामले, 50 की मौतदेश में कोरोना के मामलों में तेजी जारी है। पिछले 24 घंटे में 3,688 नए मामले मिले हैं, जबकि 50 लोगों की मौत हो गई है। अब तक कुल 4,30,75,864 मरीज मिल चुके हैं। सक्रिय मरीज 18,684 हो गए हैं। कोरोना से अब तक 5,23,803 लोगों की मौत हो चुकी है। देश में कुल संक्रमण दर 0.04 फीसदी है, स्वस्थ होने वालों की दर 98.74 फीसदी दर्ज की गई है।नौ महीने के अंतराल पर ही लगेगी एहतियाती खुराककेंद्र सरकार ने कोविड-19 वैक्सीन की एहतियाती खुराक लगवाने के अंतराल को नौ से छह महीने नहीं किया है। अधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को कहा कि एहतियाती खुराक दूसरी खुराक लगवाने के नौ महीने बाद ही लगेगी।
कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिरक्षा पर राष्ट्रीय सलाहकार समूूह (एनटीएजीआई) की शुक्रवार को हुई बैठक में बूस्टर या एहतियाती खुराक के बीच अंतराल कम करने पर चर्चा हुई। हालांकि सूत्रों ने कहा कि बैठक में ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई।
बैठक में शामिल विशेषज्ञों के मिलीजुली राय थी कि आधिकारिक डाटा के अनुसार ही देश में बूस्टर डोज के लिए अंतराल कम किया जाना चाहिए। एहतियाती खुराक के तौर पर तीसरी खुराक लगवाने को लेकर लोगों ने काफी कम रुचि दिखाई है। केंद्र सरकार ने 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को एहतियाती खुराक लगाने की अनुमति दी है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की कोविड-19 राष्ट्रीय कार्यबल के सह चेयरमैन डॉ. राजीव जयदेवन के अनुसार, पहली और तीसरी खुराक के बीच लंबे अंतराल से लोगों में कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ बेहतर प्रतिरक्षा तैयार होती है। उन्होंने कहा कि हमने पाया है कि यदि दूसरी खुराक हाल ही में लगी है तो इससे ज्यादा अंतर नहीं आता है। दूसरे शब्दों में आप पहले से ही सुरक्षित हैं, लेकिन यदि तीसरी खुराक लगती है तो कोई ज्यादा असर नहीं पड़ता है।
हालांकि हमने पाया कि जिन लोगों ने दूसरी खुराक के बाद छह महीने या इससे अधिक अंतराल पर तीसरी खुराक लगवाई, उनमें प्रतिरक्षा बेहतर पाई गई। लंबे अंतराल में एहतियाती खुराक ने ज्यादा असर दिखाया। देश में 15 या इससे अधिक उम्र के 96 फीसदी लोगों को कोविड-19 की कम से कम एक खुराक लग चुकी है जबकि 83 प्रतिशत लोगों को दोनों खुराकें लग चुकी हैं।