Live Hindustan : Aug 31, 2019, 07:28 AM
जी - 7 बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गर्मजोशी भरी मुलाकात के बाद दोनों नेता एक बार फिर सितंबर में मिल सकते हैं। कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान के कश्मीर राग को ध्वस्त करने की पूरी तैयारी की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा 22 सितंबर से शुरू हो रही है। यह उनकी काफी विस्तृत यात्रा होगी। ‘ह्यूस्टन' के बाद उनका पांच दिनों का कार्यक्रम न्यूयॉर्क व अन्य जगहों पर होगा। न्यूयार्क में 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में उनका संबोधन होगा। उनके बाद पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान का संबोधन होगा।
कूटनीतिक जानकारों का कहना है कि भारत-पाक के बीच कश्मीर मसले पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में वाकयुद्ध तय है। भारत कश्मीर को आंतरिक मामला बताते हुए पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को दुनिया के सामने प्रस्तुत करेगा। वहीं, पाकिस्तान की पूरी कोशिश होगी कि वह कथित मानवाधिकार के नाम पर दुनिया के सामने सहानुभूति हासिल करने का कार्ड चले। सूत्रों ने कहा कि संभव है कि इन संबोधनों के बाद मोदी की ट्रंप से मुलाकात निश्चित हो। हालांकि अभी इस समय में विदेश मंत्रालय की ओर से कुछ नहीं कहा गया है। लेकिन पीएम मोदी की लंबे और विस्तृत कार्यक्रम से यह उम्मीद जताई जा रही है कि वे वॉशिंगटन में ट्रंप से मुलाकात कर सकते हैं।जानकारों का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान कितना भी कश्मीर के नाम पर भारत विरोधी राग अलापे उसकी रणनीति सफल नहीं होगी। क्योंकि भारत ने बहुत ही सधे अंदाज में उसके कुप्रचार का जवाब देने की रणनीति तैयार की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के हताशा भरे भाषणों को जानकार भारत की कूटनीतिक बढ़त बता रहे हैं। कूटनीतिक जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान जिस तरह से दुनिया का समथन नहीं मिल पाने का रोना रो रहा है उससे साफ है कि वह अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के सामने बेनकाब हो गया है। कूटनीति* पाक के कुप्रचार को ध्वस्त करने में जुटी है भारत की टीम।* प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा 22 सितंबर से शुरू हो रही।
कूटनीतिक जानकारों का कहना है कि भारत-पाक के बीच कश्मीर मसले पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में वाकयुद्ध तय है। भारत कश्मीर को आंतरिक मामला बताते हुए पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को दुनिया के सामने प्रस्तुत करेगा। वहीं, पाकिस्तान की पूरी कोशिश होगी कि वह कथित मानवाधिकार के नाम पर दुनिया के सामने सहानुभूति हासिल करने का कार्ड चले। सूत्रों ने कहा कि संभव है कि इन संबोधनों के बाद मोदी की ट्रंप से मुलाकात निश्चित हो। हालांकि अभी इस समय में विदेश मंत्रालय की ओर से कुछ नहीं कहा गया है। लेकिन पीएम मोदी की लंबे और विस्तृत कार्यक्रम से यह उम्मीद जताई जा रही है कि वे वॉशिंगटन में ट्रंप से मुलाकात कर सकते हैं।जानकारों का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान कितना भी कश्मीर के नाम पर भारत विरोधी राग अलापे उसकी रणनीति सफल नहीं होगी। क्योंकि भारत ने बहुत ही सधे अंदाज में उसके कुप्रचार का जवाब देने की रणनीति तैयार की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के हताशा भरे भाषणों को जानकार भारत की कूटनीतिक बढ़त बता रहे हैं। कूटनीतिक जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान जिस तरह से दुनिया का समथन नहीं मिल पाने का रोना रो रहा है उससे साफ है कि वह अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के सामने बेनकाब हो गया है। कूटनीति* पाक के कुप्रचार को ध्वस्त करने में जुटी है भारत की टीम।* प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा 22 सितंबर से शुरू हो रही।